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स्वराज एक्सप्रेस में एक करोड़ 70 लाख की डकैती का खुलासा, तीन गिरफ्तार

कोटा जीआरपी पुलिस ने स्वराज एक्सप्रेस में एक करोड़ 70 लाख की डकैती का खुलासा कर दिया. पुलिस ने इस मामले में सफलता हासिल करते हुए दो डकैत दबोच लिए हैं. वही 1 करोड़ 69 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं.

स्वराज एक्सप्रेस में एक करोड़ 70 लाख की डकैती का खुलासा
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Published : Apr 18, 2019, 6:08 PM IST

Updated : Apr 18, 2019, 8:47 PM IST

कोटा. स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन में यात्री से एक करोड़ 70 लाख रुपए की डकैती के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. कोटा रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन में डकैती की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. बदमाश ट्रेन सवार एक यात्री का एक करोड़ 70 लाख रुपये से भरा बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया था. हालांकि डकैतों का एक साथी ट्रेन की रफ्तार तेज हो जाने से कूदने में सफल नहीं हो पाया और उसे यात्रियों ने पकड़ लिया. पकड़े गए डकैत के साथी को रतलाम जीआरपी के हवाले कर दिया गया था.

कोटा जीआरपी पुलिस ने इस मामले में सफलता हासिल करते हुए दो डकैत दबोच लिए हैं. वही 1 करोड़ 69 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं. पुलिस ने यह माना है कि डकैती में लूटा गया पैसा हवाला का ही था. डकैती की वारदात का खुलासा करते हुए जीआरपी के उपाधीक्षक हुमायूं कबीर खान ने पत्रकारों को बताया कि 14 अप्रैल को स्वराज ट्रेन से मुंबई निवासी यात्री गौतम शाह जो कि इलेक्ट्रॉनिक का व्यापारी है. अपने व्यापार का 1 करोड़ 70 लाख रुपए का पेमेंट लेकर दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. उसी कोच में दो बदमाश दिल्ली सब्जी मंडी से सवार हुए थे. जिन्होंने कोटा के पास चैन से बंधे नोटों से भरे बैग को तोड़ा. एक बदमाश बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया. जबकि दूसरे बदमाश को लोगों ने पकड़ लिया था. इन दोनों बदमाशों के साथ तीन अन्य बदमाश वारदात में शामिल है.

जीआरपी ने बताया कि इस पूरी कहानी का सूत्रधार जबर सिंह है. जिसे परिवादी गौतम की पूरी गतिविधि की जानकारी थी. जबर सिंह ने लूट की इस कहानी के लिए अपने परिचित तार सिंह, उत्तम राणा व गणपत सिंह और नरपत सिंह के साथ मिलकर योजना बनाई. बाकायदा बदमाशों ने वारदात से पहले कोटा स्टेशन पर होटल में रुक कर मौका मुआयना किया. वारदात के बाद आने जाने के रास्ते भी तलाश है, जिसके बाद दो बदमाश ने कोटा में रहकर सहयोग करने की प्लानिंग से रुके. जबकि बदमाश उत्तम राणा व तार सिंह रुपयों से भरा बैग लूटने के लिए ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली में जबर सिंह ने मुखबिरी करते हुए इन दोनों बदमाशों को गौतम की पहचान करवाई. जिसके बाद इन दोनों बदमाशों ने पूर्व नियोजित घटनाक्रम के अनुसार अपने खौफनाक इरादों को कोटा पहुंचते ही अंजाम दे दिया. जैसे ही ट्रेन कोटा से गुजरी बदमाश तार सिंह एक करोड़ 70 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया, लेकिन इसी बीच गौतम की नींद खुल गई और उसने शोर मचाया. ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के कारण दूसरा बदमाश उत्तम राणा को लोगों ने पकड़ लिया और रतलाम जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया.

स्वराज एक्सप्रेस में एक करोड़ 70 लाख की डकैती का खुलासा

घटनाक्रम के बाद तार सिंह नोटों से भरा बैग लेकर मंडाना पहुंचा, जहां योजना के मुताबिक उसे दौड़ने साथी गणपत और नरपत भी मिल गए. तीनों प्राइवेट गाड़ी से बालोतरा स्थित अपने गांव पादड़ी खुर्द पहुंचे. जहां इन्होंने लूट की रकम को छुपा दिया, लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर गुनाह की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कोटा के जीआरपी पुलिस भी इनके पास जा पहुंची. जीआरपी पुलिस ने तार सिंह के घर से लूट की रकम बरामद कर ली. जानकारी छुपाने के आरोप में तार सिंह के पिता मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया. वहीं उत्तम राणा और गणपत को भी गिरफ्तार कर लिया है. जबकि घटनाक्रम के दो अन्य किरदार तार सिंह और जबर सिंह फिलहाल फरार चल रहे हैं. जिनके लिए भी पुलिस टीमें भेजी हुई है. घटना के खुलासे के बाद जीआरपी पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं अब जीआरपी पुलिस फिलहाल तफ्तीश में जुटी हुई है कि आखिर इतनी बड़ी रकम को लेकर कोई ट्रेन से क्यों और कैसे सवार हो सकता है. साथ ही यह रकम हवाला कारोबार की तो नहीं है. इन तमाम पहलुओं पर भी कोटा जीआरपी की निगाहें हैं.

कोटा. स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन में यात्री से एक करोड़ 70 लाख रुपए की डकैती के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. कोटा रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन में डकैती की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. बदमाश ट्रेन सवार एक यात्री का एक करोड़ 70 लाख रुपये से भरा बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया था. हालांकि डकैतों का एक साथी ट्रेन की रफ्तार तेज हो जाने से कूदने में सफल नहीं हो पाया और उसे यात्रियों ने पकड़ लिया. पकड़े गए डकैत के साथी को रतलाम जीआरपी के हवाले कर दिया गया था.

कोटा जीआरपी पुलिस ने इस मामले में सफलता हासिल करते हुए दो डकैत दबोच लिए हैं. वही 1 करोड़ 69 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं. पुलिस ने यह माना है कि डकैती में लूटा गया पैसा हवाला का ही था. डकैती की वारदात का खुलासा करते हुए जीआरपी के उपाधीक्षक हुमायूं कबीर खान ने पत्रकारों को बताया कि 14 अप्रैल को स्वराज ट्रेन से मुंबई निवासी यात्री गौतम शाह जो कि इलेक्ट्रॉनिक का व्यापारी है. अपने व्यापार का 1 करोड़ 70 लाख रुपए का पेमेंट लेकर दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. उसी कोच में दो बदमाश दिल्ली सब्जी मंडी से सवार हुए थे. जिन्होंने कोटा के पास चैन से बंधे नोटों से भरे बैग को तोड़ा. एक बदमाश बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया. जबकि दूसरे बदमाश को लोगों ने पकड़ लिया था. इन दोनों बदमाशों के साथ तीन अन्य बदमाश वारदात में शामिल है.

जीआरपी ने बताया कि इस पूरी कहानी का सूत्रधार जबर सिंह है. जिसे परिवादी गौतम की पूरी गतिविधि की जानकारी थी. जबर सिंह ने लूट की इस कहानी के लिए अपने परिचित तार सिंह, उत्तम राणा व गणपत सिंह और नरपत सिंह के साथ मिलकर योजना बनाई. बाकायदा बदमाशों ने वारदात से पहले कोटा स्टेशन पर होटल में रुक कर मौका मुआयना किया. वारदात के बाद आने जाने के रास्ते भी तलाश है, जिसके बाद दो बदमाश ने कोटा में रहकर सहयोग करने की प्लानिंग से रुके. जबकि बदमाश उत्तम राणा व तार सिंह रुपयों से भरा बैग लूटने के लिए ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली में जबर सिंह ने मुखबिरी करते हुए इन दोनों बदमाशों को गौतम की पहचान करवाई. जिसके बाद इन दोनों बदमाशों ने पूर्व नियोजित घटनाक्रम के अनुसार अपने खौफनाक इरादों को कोटा पहुंचते ही अंजाम दे दिया. जैसे ही ट्रेन कोटा से गुजरी बदमाश तार सिंह एक करोड़ 70 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया, लेकिन इसी बीच गौतम की नींद खुल गई और उसने शोर मचाया. ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के कारण दूसरा बदमाश उत्तम राणा को लोगों ने पकड़ लिया और रतलाम जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया.

स्वराज एक्सप्रेस में एक करोड़ 70 लाख की डकैती का खुलासा

घटनाक्रम के बाद तार सिंह नोटों से भरा बैग लेकर मंडाना पहुंचा, जहां योजना के मुताबिक उसे दौड़ने साथी गणपत और नरपत भी मिल गए. तीनों प्राइवेट गाड़ी से बालोतरा स्थित अपने गांव पादड़ी खुर्द पहुंचे. जहां इन्होंने लूट की रकम को छुपा दिया, लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर गुनाह की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कोटा के जीआरपी पुलिस भी इनके पास जा पहुंची. जीआरपी पुलिस ने तार सिंह के घर से लूट की रकम बरामद कर ली. जानकारी छुपाने के आरोप में तार सिंह के पिता मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया. वहीं उत्तम राणा और गणपत को भी गिरफ्तार कर लिया है. जबकि घटनाक्रम के दो अन्य किरदार तार सिंह और जबर सिंह फिलहाल फरार चल रहे हैं. जिनके लिए भी पुलिस टीमें भेजी हुई है. घटना के खुलासे के बाद जीआरपी पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं अब जीआरपी पुलिस फिलहाल तफ्तीश में जुटी हुई है कि आखिर इतनी बड़ी रकम को लेकर कोई ट्रेन से क्यों और कैसे सवार हो सकता है. साथ ही यह रकम हवाला कारोबार की तो नहीं है. इन तमाम पहलुओं पर भी कोटा जीआरपी की निगाहें हैं.

Intro:कोटा.
वैष्णो देवी से मुंबई जाने वाली स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन में यात्री से एक करोड़ 70 लाख रुपए की डकैती के मामले में आज पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया. कोटा जीआरपी पुलिस ने इस मामले में सफलता हासिल करते हुए दो डकैत दबोच लिए हैं. वही 1 करोड़ 69 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं. वहीं पुलिस ने यह माना है कि डकैती में लूटा गया पैसा हवाला का ही था. डकैती की वारदात का खुलासा करते हुए जीआरपी के उपाधीक्षक हुमायूं कबीर खान ने आज पत्रकारों को बताया कि 14 अप्रैल को स्वराज ट्रेन से मुंबई निवासी यात्री गौतम शाह जो कि इलेक्ट्रॉनिक का व्यापारी है. अपने व्यापार का 1 करोड़ 70 लाख रुपए का पेमेंट लेकर दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. उसी कोच में दो बदमाश दिल्ली सब्जी मंडी से सवार हुए थे. जिन्होंने कोटा के पास चैन से बंधे नोटों से भरे बैग को तोड़ा. एक बदमाश बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया. जबकि दूसरे बदमाश को लोगों ने पकड़ लिया था. इन दोनों बदमाशों के साथ तीन अन्य बदमाश वारदात में शामिल है. जीआरपी ने बताया कि इस पूरी कहानी का सूत्रधार जबर सिंह है. जिसे परिवादी गौतम की पूरी गतिविधि की जानकारी थी. जबर सिंह ने लूट की इस कहानी के लिए अपने परिचित तार सिंह, उत्तम राणा व गणपत सिंह और नरपत सिंह के साथ मिलकर योजना बनाई.


Body:बाकायदा बदमाशों ने वारदात से पहले कोटा स्टेशन पर होटल में रुक कर मौका मुआयना किया. वारदात के बाद आने जाने के रास्ते भी तलाश है, जिसके बाद दो बदमाश ने कोटा में रहकर सहयोग करने की प्लानिंग से रुके. जबकि बदमाश उत्तम राणा व तार सिंह रुपयों से भरा बैग लूटने के लिए ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली में जबर सिंह ने मुखबिरी करते हुए इन दोनों बदमाशों को गौतम की पहचान करवाई. जिसके बाद इन दोनों बदमाशों ने पूर्व नियोजित घटनाक्रम के अनुसार अपने खौफनाक इरादों को कोटा पहुंचते ही अंजाम दे दिया. जैसे ही ट्रेन कोटा से गुजरी बदमाश तार सिंह एक करोड़ 70 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर चलती ट्रेन से कूद गया, लेकिन इसी बीच गौतम की नींद खुल गई और उसने शोर मचाया. ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के कारण दूसरा बदमाश उत्तम राणा को लोगों ने पकड़ लिया और रतलाम जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया.

घटनाक्रम के बाद तार सिंह नोटों से भरा बैग लेकर मंडाना पहुंचा, जहां योजना के मुताबिक उसे दौड़ने साथी गणपत और नरपत भी मिल गए. तीनों प्राइवेट गाड़ी से बालोतरा स्थित अपने गांव पादड़ी खुर्द पहुंचे. जहां इन्होंने लूट की रकम को छुपा दिया, लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर गुनाह की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कोटा के जीआरपी पुलिस भी इनके पास जा पहुंची. जीआरपी पुलिस ने तार सिंह के घर से लूट की रकम बरामद कर ली. जानकारी छुपाने के आरोप में तार सिंह के पिता मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया. वही उत्तम राणा और गणपत को भी गिरफ्तार कर लिया है. जबकि घटनाक्रम के दो अन्य किरदार तार सिंह और जबर सिंह फिलहाल फरार चल रहे हैं. जिनके लिए भी पुलिस टीमें भेजी हुई है.


Conclusion:घटना के खुलासे के बाद जीआरपी पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं अब जीआरपी पुलिस फिलहाल तफ्तीश में जुटी हुई है कि आखिर इतनी बड़ी रकम को लेकर कोई ट्रेन से क्यों और कैसे सवार हो सकता है. साथ ही यह रकम हवाला कारोबार की तो नहीं है. इन तमाम पहलुओं पर भी कोटा जीआरपी की निगाहें हैं.

बाइट-- हुमायूं कबीर खान, उपाधीक्षक, जीआरपी, कोटा
Last Updated : Apr 18, 2019, 8:47 PM IST
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