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जानिए क्या होगा अगर बाइडेन और ट्रंप को नहीं मिला बहुमत

अमेरिका में राष्ट्रपति पद को लेकर ट्रंप और बाइडेन के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. इस कारण कयास लगाए जा रहे कि अगर इस तरह की स्थिति बनी, जहां दोनों में से कोई भी 270 इलेक्टोरल हासिल नहीं कर सका, तो क्या होगा?, चलिए आपको बताते हैं कि अगर दोनों उम्मीदवार जादुई आंकड़े तक पहुंचने में नाकाम रहे, तो क्या होगा?

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Published : Nov 5, 2020, 5:25 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 8:17 PM IST

हैदराबाद : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतों की गिनती अभी जारी है. प्रमुख राज्यों के परिणाम घोषित होने के बावजूद अभी भी बहुत महत्वपूर्ण सवाल सामने है कि अगर ट्रंप और बाइडेन दोनों ही 270 के जादुई आंकड़े को पाने में नाकाम रहते हैं तो क्या होगा?

कांटे की इस दौड़ ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रही चुनावी जंग समाप्त होगी, तो क्या होगा और क्या पहली बार उन्हें एक टाई चुनाव परिणाम देखमे को मिल सकता है ?, तो जवाब है हां!

हालांकि, इसकी अत्यधिक संभावना नहीं है. फिर भी अगर ट्रंप और बाइडेन दोनों 269 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करते हैं और 270 का जादुई आंकड़ा छूने से दूर रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति का फैसला करेगा. वहीं उप-राष्ट्रपति सीनेट द्वारा तय किया जाएगा.

क्या होगा अगर बाइडेन और ट्रंप को नहीं मिला बहुमत
क्या होगा अगर बाइडेन और ट्रंप को नहीं मिला बहुमत

अगर किसी कारण राष्ट्रपति का चुनाव, चुनाव वाले दिन नहीं हो पाता है, तो इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य 14 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मुलाकात करेंगे.

अगर वोट हाउस में होता है, तो राज्य एक इकाइयों के रूप में मतदान करेंगे इसका मतलब यह है कि प्रत्येक राज्य के सदस्य प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल के साथ एक वोट देंगे.

इस स्थिति में जीतने के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को कम से कम 26 राज्यों के प्रतिनिधिमंडल के वोट की जरूरत होगी.

निश्चित रूप से डेमोक्रेट का प्रतिनिधि सभा में बोलबाला है, लेकिन जब राज्य प्रतिनिधिमंडल में विभाजित हो जाते हैं, तो रिपब्लिकन का नियंत्रण हो जाता है.

आमतौर पर अगर राष्ट्रपति के लिए दौड़ सदन में होती है, तो यह ट्रंप के लिए बेहतर हो सकती है.

पढ़ें - बाइडेन को 243 और ट्रंप को 214 एलेक्टोरल वोट, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन

वहीं जब उपराष्ट्रपति चुनने की बात आती है, तो रिपब्लिकन के पास चुनाव के बाद सीनेट में बहुमत होगाा और ऐसे में ट्रंप की राष्ट्रपति के रूप में दूसरी कमान संभालने पर माइक पेंस के उपराष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने की संभावना है.

इस दौरान नव-निर्वाचित कांग्रेस सदस्य अहम किरदार अदा करेंगे और संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति और अमेरिका के उपराष्ट्रपति दोनों के लिए मतदान करेंगे.

पिछली बार ऐसी स्थिति 1800 में आई थी, जब थॉमस जेफरसन ने जॉन एडम्स को 65 के मुकाबले 73 इलेक्टोरल से हराया था. इसके अलावा उस समय जेफरसन के साथी औरोन बूर को भी 73 वोट मिले थे.

इसके बाद और 1804 में संविधान में 12वां संशोधन किया गया और इस बात को सुनिश्चित किया गया इलेक्टोरल अपने बैलट पर को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का नाम लिखना होगा कि वह किस को मतदान कर रहे हैं.

हैदराबाद : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतों की गिनती अभी जारी है. प्रमुख राज्यों के परिणाम घोषित होने के बावजूद अभी भी बहुत महत्वपूर्ण सवाल सामने है कि अगर ट्रंप और बाइडेन दोनों ही 270 के जादुई आंकड़े को पाने में नाकाम रहते हैं तो क्या होगा?

कांटे की इस दौड़ ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रही चुनावी जंग समाप्त होगी, तो क्या होगा और क्या पहली बार उन्हें एक टाई चुनाव परिणाम देखमे को मिल सकता है ?, तो जवाब है हां!

हालांकि, इसकी अत्यधिक संभावना नहीं है. फिर भी अगर ट्रंप और बाइडेन दोनों 269 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करते हैं और 270 का जादुई आंकड़ा छूने से दूर रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति का फैसला करेगा. वहीं उप-राष्ट्रपति सीनेट द्वारा तय किया जाएगा.

क्या होगा अगर बाइडेन और ट्रंप को नहीं मिला बहुमत
क्या होगा अगर बाइडेन और ट्रंप को नहीं मिला बहुमत

अगर किसी कारण राष्ट्रपति का चुनाव, चुनाव वाले दिन नहीं हो पाता है, तो इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य 14 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मुलाकात करेंगे.

अगर वोट हाउस में होता है, तो राज्य एक इकाइयों के रूप में मतदान करेंगे इसका मतलब यह है कि प्रत्येक राज्य के सदस्य प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल के साथ एक वोट देंगे.

इस स्थिति में जीतने के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को कम से कम 26 राज्यों के प्रतिनिधिमंडल के वोट की जरूरत होगी.

निश्चित रूप से डेमोक्रेट का प्रतिनिधि सभा में बोलबाला है, लेकिन जब राज्य प्रतिनिधिमंडल में विभाजित हो जाते हैं, तो रिपब्लिकन का नियंत्रण हो जाता है.

आमतौर पर अगर राष्ट्रपति के लिए दौड़ सदन में होती है, तो यह ट्रंप के लिए बेहतर हो सकती है.

पढ़ें - बाइडेन को 243 और ट्रंप को 214 एलेक्टोरल वोट, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन

वहीं जब उपराष्ट्रपति चुनने की बात आती है, तो रिपब्लिकन के पास चुनाव के बाद सीनेट में बहुमत होगाा और ऐसे में ट्रंप की राष्ट्रपति के रूप में दूसरी कमान संभालने पर माइक पेंस के उपराष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने की संभावना है.

इस दौरान नव-निर्वाचित कांग्रेस सदस्य अहम किरदार अदा करेंगे और संयुक्त राज्य के अगले राष्ट्रपति और अमेरिका के उपराष्ट्रपति दोनों के लिए मतदान करेंगे.

पिछली बार ऐसी स्थिति 1800 में आई थी, जब थॉमस जेफरसन ने जॉन एडम्स को 65 के मुकाबले 73 इलेक्टोरल से हराया था. इसके अलावा उस समय जेफरसन के साथी औरोन बूर को भी 73 वोट मिले थे.

इसके बाद और 1804 में संविधान में 12वां संशोधन किया गया और इस बात को सुनिश्चित किया गया इलेक्टोरल अपने बैलट पर को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का नाम लिखना होगा कि वह किस को मतदान कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 5, 2020, 8:17 PM IST
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