उदयपुर. पुलिस ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए फिल्मी अंदाज में राजस्थान समेत देश के 4 राज्यों में 300 से अधिक चोरी की वारदातें करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बता दें कि उदयपुर पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से सोना-चांदी और नगदी भी बरामद की गई है. फिलहाल इन सभी से पूछताछ जारी है.
उदयपुर पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने अब तक 350 वारदातों का खुलासा करने का दावा किया है. इनमें हिरणमगरी क्षेत्र सहित उदयपुर के कई इलाकों में की गई चोरी की वारदातें शामिल हैं. इसके अलावा इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश, लखनऊ, वाराणासी, प्रतापगढ़, कानपुर, बिहार की पटना, औरंगाबाद, राजस्थान की जयपुर, उदयपुर, राजसमंद, माउंट आबू और गुजरात में सांबरकांटा जिले में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है.
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बता दें इस ग्रुप के सभी सदस्य फिल्मी अंदाज में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. यह सभी दिन में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच ही चोरी की वारदात को अंजाम देते थे और सुने पड़े फ्लेटों में ही चोरी करते थे. पहले फ्लेटों में घूमकर रैकी करते थे, फिर दिन में ताला लगा होने वाले फ्लेटों की पूरी पड़ताल करने के बाद वारदात को अंजाम देते थे.
वहीं चोर इतने शातिर थे कि चोरी की वारदात के समय एक बुजुर्ग व्यक्ति भी अपने साथ रखते थे. ताकि किसी को शक न हो. बाद में यह ताला तोड़कर अंदर घुसते थे और सोने-चांदी के जेवर लेकर फरार हो जाते थे. चोरी के बाद, रास्ते में बाइक या कार में बैठने के बाद बेकार सामान को फेंक देते थे.
वारदात को अंजाम देने के बाद शातिर चोर दूसरे शहर में जा के शिफ्ट हो जाते थे और किसी भी शहर में सस्ती होटल में किराए पर रहते थे. इसी के साथ में यह अपने साथ नकली बालो की विग भी साथ रखते थे. ताकि अपनी असली पहचान छुपा सके.
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वहीं इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए उदयपुर के पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि उदयपुर जिले में चोरी की वारदातें दर्ज होने के बाद विशेष टीम का गठन किया गया और संदिग्ध नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया. जिसके बाद में मुखबिर की सूचना के आधार पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो सकी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई में हिरणमगरी थाना के हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह और कांस्टेबल उपेंद्र सिंह की विशेष भूमिका रही. जिन्हें राज्य स्तर पर सम्मानित करवाया जाएगा.