उदयपुर. देशभर में रक्षाबंधन का पावन पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा. बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधेगी. उनके दीर्घायु और उन्नति की कामना करेंगी. लेकिन राजस्थान के कन्हैयालाल साहू के घर पर रक्षाबंधन पर्व पर पहले जैसी खुशी नजर नहीं आ रही है. क्योंकि इस बार बहनों का चहेता भाई कन्हैया उनके बीच में नहीं है. रक्षाबंधन के पर्व को लेकर कन्हैया की बहनें घर तो पहुंची हैं, लेकिन इस बार अपने लाडले भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएंगी.
बहनों के सिर से छीन लिया भाई का साया: उदयपुर में गत 28 जून के दिन दिनदहाड़े कन्हैयालाल साहू की गौस मोहम्मद और रियाज ने मिलकर निर्मम हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड की गूंज विश्व भर में सुनाई दी. इस हत्याकांड में एक हंसते खेलते परिवार की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया. पत्नी विधवा हो गई, बच्चे अनाथ हो गए और बहनों के सिर से भाई का साया उठ गया. बुजुर्ग मां का लाडला बेटा उनकी आंखों से ओझल हो गया.
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कन्हैया के परिवार में चार बहनें: कन्हैया की चार बहनें हैं. जिनमें नीमा देवी, मणि देवी, भगवती देवी हैं, जबकि एक बहन का पहले निधन हो चुका है. जबकि एक छोटा भाई है. नीमा देवी ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन के 2 दिन पहले उनका भाई कन्हैया उनके घर आया करता था. इस बार भी रक्षाबंधन के पर्व पर कन्हैया के पैतृक गांव में उनकी बहनें राखी बांधने तो पहुंची, लेकिन इस बार अपने लाडले भाई कन्हैया की कलाई पर राखी नहीं बांध सकी. इसका बहनों को जिंदगी भर अफसोस रहेगा.
'हत्यारों को मिले कड़ी सजा': बहनों ने कहा कि आज भी 28 जून का वह दिन जब याद आता है, तो मन क्रोध से भर उठता है. जिस तरह हत्यारों ने हमारे हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ा है, ऐसे ही हत्यारों को भी कड़ी सजा मिलनी (Kanhaiyalal sisters demand punishment to his killers) चाहिए. बहनों ने कहा कि हत्यारों ने हमारी खुशियां छीन लीं. हमारे भाई के जाने के बाद जो पहाड़ टूटा है, वह हमारा दिल जानता है. पिछले साल कन्हैयालाल अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी के माहौल में रक्षाबंधन का पर्व मना रहे थे. इस दौरान उनकी सभी बहनें, छोटा भाई और कन्हैया के बेटे भी अपनी बुआ से राखी बंधवा रहे थे. कन्हैया ने राखी बंधवाने के बाद बहनों को नेग दिया था.