भरतपुर: 292वें भरतपुर स्थापना दिवस के अवसर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, लेकिन इसमें हुई एक लापरवाही ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोहागढ़ स्टेडियम में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल होने आईं छात्राओं को खेल किट में टी-शर्ट और नेकर तो दी गई, लेकिन उनके लिए कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं की गई. मजबूर होकर बच्चियों को दुपट्टे की ओट लेकर, भीड़ के सामने ही कपड़े बदलने पड़े. वहीं, जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव ने इस घटना से अनजान होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले के बारे में पता करवाएंगे.
इस पूरे मामले को लेकर खेल में भाग ले रही बच्चियों बताया कि लोहागढ़ स्टेडियम में आयोजित प्रतियोगिता में खेलने के लिए टीशर्ट और नेकर दी गई, लेकिन कपड़ों को बदलने के लिए चेंजिंग रूम की सुविधा नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि चेंजिंग रूम के अभाव में सभी को परेशानी का सामना करना पड़ा. खास बात यह है कि इस पूरे आयोजन के दौरान प्रशासनिक स्तर पर किसी भी अधिकारी का ध्यान इस मुद्दे पर नहीं गया. बच्चियों ने कहा कि प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी केवल कार्यक्रम आयोजित करने तक ही सीमित रहा है.
ओट लेकर बदलना पड़ा कपड़ाः आयोजन के दौरान स्थिति इतनी दयनीय थी कि बच्चियों को मैदान के कोने में, दुपट्टे की ओट में भीड़ के बीच ही कपड़े बदलने पड़े. बेटियों की मजबूरी को जिसने देखा, वह शर्मसार हो गया, लेकिन इससे जिला प्रशासन के अधिकारी बेखबर ही बने रहे. बता दें कि भरतपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है, यहां इस तरह की लापरवाही होने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.