उदयपुर. नगर निगम उदयपुर का तीसरा बजट (Udaipur Municipal Corporation Budget Session) शनिवार को पेश किया गया. इस दौरान बजट बैठक में कई मुद्दों को लेकर विपक्ष कि ओर से विरोध भी किया गया. निगम का यह बजट लगभग 385 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है.
बजट सत्र दो बैठकों में आयोजित किया जा रहा है. पहले सत्र की बैठक में बजट पेश किया गया, जिसके कई बिंदुओं को लेकर विपक्ष के कांग्रेस पार्षदों ने जमकर विरोध किया. इस दौरान बैठक के बाहर जनता सेना कि ओर से नगर निगम के 272 प्लॉट के मुद्दे को लेकर जमकर विरोध किया गया. बोर्ड बैठक में नगर निगम का बजट ध्वनि मत से पारित किया गया. इस दौरान भाजपा पार्षद और कांग्रेस के पार्षद कई मुद्दों पर उलझते हुए दिखाई दिए.
बोर्ड बैठक में विपक्षी पार्षदों ने चंपाबाग जमीन और यूआईटी से स्थानांतरित हुए 272 प्लॉट को लेकर जमकर विरोध जताया. इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने तख्तियां दिखा कर मामले की एसओजी की जांच की मांग की गई. बजट बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, महापौर जीएस टाक, उप महापौर पारस सिंघवी, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा सहित पार्षद मौजूद रहे. बजट बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने पिछले बजट में की गई घोषणाओं को पूरा नहीं करने को लेकर भी आपत्ति जताई. वहीं निगम के इस बजट में की गई कई घोषणाओं का भी विरोध किया गया.
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महापौर जीएस टाक की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में वित्त समिति अध्यक्ष रुचिका चौधरी ने बजट पेश किया. बैठक में एलिवेटेड रोड, आयड नदी विकास योजना, नई सड़कों का निर्माण, स्मार्ट सिटी के तहत शहर में चल रहे विकास कार्यों सहित शहरी विकास मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान कई विकास कार्यों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आपस में उलझते हुए दिखाई दिए. बैठक में विधायक गुलाबचंद कटारिया ने दूध तलाई के पास दीनदयाल उपाध्याय पार्क तक जिपलाइन विकसित करने का प्रस्ताव रखा जो पास कर दिया गया. इस दौरान बैठक में पार्षदों का भत्ता 10 हजार मासिक करने का प्रस्ताव पास कर इसे राज्य सरकार को भेजने का निर्णय भी लिया गया.