उदयपुर. जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया रोजगार के लिए रशिया गए थे. 17 जुलाई को उनकी उदयपुर में अपनी बेटी से आखिरी बात हुई थी. रशिया से एक समाचार परिवार को मिला कि हितेंद्र नहीं रहे. इसके बाद परिवार लगातार हितेंद्र की डेड बॉडी के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
ऐसे में हितेंद्र गरासिया के परिजनों ने राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आत्मदाह की चेतावनी दी है. उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर को रशिया के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन भारत की यात्रा पर होंगे. ऐसे में जब रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की चेतावनी दी तो रशियन दूतावास के अधिकारी सकते में आ गए. दिल्ली स्थित रशियन दूतावास के अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को वार्ता के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया.
मृतक हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा, बेटी उर्वशी, बेटा पीयूष, कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा शनिवार दोपहर को चाणक्यपुरी स्थित रशियन दूतावास पहुंचे. रशियन दूतावास के अधिकारियों ने हितेंद्र गरासिया के परिवार से नई दिल्ली में 6 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा का विरोध न करने का आग्रह किया है. रशियन अधिकारियों ने परिजनों से हितेंद्र गरासिया के बारे में सारे घटनाक्रम की जानकारी ली. पीड़ित परिवार ने रशियन दूतावास के अधिकारियों को सभी दस्तावेज सौंप दिये.
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रशियन दूतावास के अधिकारियों ने हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा देवी से बात करने की कोशिश की. इस दौरान वह भावुक होकर रोने लगी. हितेंद्र की बेटी उर्वशी इस मौके पर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी, वह बिफर उठी. बेटी ने दूतावास के अधिकारियों से कहा कि उसके पिता का शव अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं आया तो इसके बुरे परिणाम भुगतने होंगे. उर्वशी ने कहा कि भारत में अगर किसी रशियन नागरिक की मौत हो जाए तो क्या उसका शव को रूस को नहीं भेजा जाएगा.
इससे पहले भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मांग को लेकर नई दिल्ली में पीड़ित परिवार का आंदोलन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. गरासिया के परिजनों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए हितेंद्र का शव भारत भेजने की मांग उठाई.