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सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भिड़े दो बाघ, संघर्ष में 15 साल की बाघिन 'दामिनी' की मौत

उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब 12 साल के बाघ कुमार ने 15 साल की बाघिन दामिनी को मौत के घाट उतार दिया. वहीं इस दौरान दोनों बाघ की लड़ाई के दौरान वन विभाग का कोई भी अधिकारी इन्हें छुड़ाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए

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Published : Jan 2, 2020, 9:27 PM IST

Udaipur Sajjangarh Biological Park, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
Two tigers clash in Sajjangarh Biological Park

उदयपुर. सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को 12 साल के नर बाघ कुमार ने 15 साल की मादा बाघिन दामिनी पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच हुई भीषण लड़ाई में बाघिन दामिनी की मौत हो गई.

पर्यटन सीजन होने के चलते गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटकों की काफी भीड़ थी. इस दौरान एनक्लोजर को तोड़ नर बाघ ने मादा बाघिन पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच काफी देर तक संघर्ष चला, लेकिन उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था.

12 साल के बाघ कुमार ने 15 साल की बाघिन दामिनी को उतारा मौत के घाट

बताया जा रहा है वन विभाग का इकलौता शूटर सतनाम सिंह विभागीय टीम के साथ राजसमंद जिले में एक पैंथर की सूचना पर गोमती गया था. इस दौरान पैंथर के हमले में वह खुद भी घायल हो गया था. ऐसी स्थिति में गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में संघर्ष करते बाघों को ट्रेंक्यूलाइज करने वाला कोई शूटर उपलब्ध नहीं था. यही वजह है कि मादा बाघ दामिनी को नहीं बचाया जा सका.

बता दें कि दामिनी को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही यहां दक्षिण भारत के एक जंतुआलय से लाया गया था. नर बाघ कुमार और मादा बाघ दामिनी को एक-दूसरे से सटे एनक्लोजर में रखा हुआ था. गुरुवार दोपहर नर बाघ ने दामिनी बाघ के एनक्लोजर की जाली तोड़ी और उस पर हमला कर दिया था.

पढ़ेंः उदयपुर पुलिस की अनूठी पहल, अनहोनी से निपटने के लिए महिलाओं और बालिकाओं को देगी प्रशिक्षण

इस पूरी घटना पर वन विभाग के सभी अधिकारी मूकदर्शक बन गए हैं. कोई भी मीडिया में इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बचता दिखाई दे रहा है हालांकि वन विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें इस घटना को एक हादसा करार दिया है.

उदयपुर. सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को 12 साल के नर बाघ कुमार ने 15 साल की मादा बाघिन दामिनी पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच हुई भीषण लड़ाई में बाघिन दामिनी की मौत हो गई.

पर्यटन सीजन होने के चलते गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटकों की काफी भीड़ थी. इस दौरान एनक्लोजर को तोड़ नर बाघ ने मादा बाघिन पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच काफी देर तक संघर्ष चला, लेकिन उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था.

12 साल के बाघ कुमार ने 15 साल की बाघिन दामिनी को उतारा मौत के घाट

बताया जा रहा है वन विभाग का इकलौता शूटर सतनाम सिंह विभागीय टीम के साथ राजसमंद जिले में एक पैंथर की सूचना पर गोमती गया था. इस दौरान पैंथर के हमले में वह खुद भी घायल हो गया था. ऐसी स्थिति में गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में संघर्ष करते बाघों को ट्रेंक्यूलाइज करने वाला कोई शूटर उपलब्ध नहीं था. यही वजह है कि मादा बाघ दामिनी को नहीं बचाया जा सका.

बता दें कि दामिनी को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही यहां दक्षिण भारत के एक जंतुआलय से लाया गया था. नर बाघ कुमार और मादा बाघ दामिनी को एक-दूसरे से सटे एनक्लोजर में रखा हुआ था. गुरुवार दोपहर नर बाघ ने दामिनी बाघ के एनक्लोजर की जाली तोड़ी और उस पर हमला कर दिया था.

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इस पूरी घटना पर वन विभाग के सभी अधिकारी मूकदर्शक बन गए हैं. कोई भी मीडिया में इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बचता दिखाई दे रहा है हालांकि वन विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें इस घटना को एक हादसा करार दिया है.

Intro:उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब 12 साल के कुमार बाघ ने 15 साल की दामिनी बाघ को मौत के घाट उतार दिया वहीं इस दौरान दोनों बाघ की लड़ाई के दौरान वन विभाग का कोई भी अधिकारी इन्हें छुड़ाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुएBody:उदयपुर में गुरुवार को 12 साल के कुमार ने 15 साल की दामिनी को मौत के घाट उतार दिया जी हां हम बात कर रहे हैं सज्जन कल बायोलॉजिकल पार्क के बाघ की जिन्हें देखने के लिए दूर-दराज के लोग भी उदयपुर पहुंचे थे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को दो बाघों के बीच हुई भिड़ंत में नर बाघ ने मादा बाघ की जान ले ली दोनों के बीच काफी देर तक संघर्ष चला, लेकिन उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था वन विभाग का इकलौता शूटर सतनाम सिंह विभागीय टीम के साथ गुरुवार सुबह राजसमंद जिले में एक पैंथर की सूचना पर गोमती गया था और वहां पैंथर के हमले में वह खुद घायल हो गया था इसके चलते सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में संघर्ष करते बाघों को ट्रेक्यूलाइज करने वाला कोई शूटर नहीं था और मादा बाघ दामिनी को नहीं बचाया जा सका बता दे कि दामिनी को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही यहां दक्षिण भारत के एक जंतुआलय से उदयपुर लाया गया था नर बाघ कुमार और मादा बाघ दामिनी को एक-दूसरे से सटे एनक्लोजर में रखा हुआ था गुरुवार दोपहर नर बाघ ने दामिनी बाघ के एनक्लोजर की जाली तोड़ी और उस पर हमला कर दिया थाConclusion:आपको बता दें कि इस पूरी घटना पर वन विभाग के सभी अधिकारी मूकदर्शक बन गए हैं कोई भी मीडिया में इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बचते दिखाई दे रहा है हालांकि वन विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें इस घटना को एक हादसा करार दिया है
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