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योग के साथ श्लोक, योग दिवस पर उदयपुर के युवाओं की अनूठी पहल - Udaipur

योग शरीर को स्वस्थ रखने मात्र ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक भारत को जानने और समझने का एक तरीका है. इसके साथ ही योग भारत की संस्कृति और विरासत से जुड़ा हुआ है. उदयपुर का आदि योग ग्रुप योग मुद्राओं के साथ ही श्लोक गान भी करता है ताकि शरीर, मस्तिष्क के साथ ही वातावरण भी स्वस्थ रह सकें.

योग के साथ श्लोक अब बनेगी भारत की पहचान
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Published : Jun 21, 2019, 3:08 AM IST

Updated : Jun 21, 2019, 7:36 AM IST

उदयपुर. योग कितना महत्वपूर्ण है आज इसका लोहा पूरा विश्व मान गया है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारतीय संस्कृति के योग के उस पहलू की जानकारी देते हैं जो योग के साथ ही हमारी संस्कृति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है. हम बात कर रहे हैं श्लोक योग की, जिसमें साधक योग के साथ श्लोक का भी गान करता है. ताकि शरीर के साथ वातावरण को भी स्वस्थ और स्वच्छ रखा जा सके.

जिले में संचालित आदि योग ग्रुप युवाओं की एक ऐसी टोली है, जो न सिर्फ योग करते हैं बल्कि संस्कृत के श्लोक के साथ योग करके अपने शरीर के साथ भारतीय संस्कृति को जन-जन तक फैलाने का काम कर रहे हैं. आदि योग ग्रुप के संचालक जसवंत मेनारिया का मानना है कि योग और संस्कृत मिलकर भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं. उदयपुर की हरी-भरी वादियों के साथ बड़ी तालाब झील के हिचकोले खाते पानी के किनारे योग करते उदयपुर की इस युवा टोली ने भारतीय परंपराओं को जीवित रखने का बीड़ा उठाया है. ऐसे में अब देखना होगा भी क्या योग के साथ भारतीय संस्कृति को फिर से जीवंत रखने के साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संस्कृत का उपयोग करती है. प्राचीन काल से भारत में किया जाने वाला योग आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है. ऐसे में अब देखना होगा भारतीय संस्कृति की परिचायक संस्कृत भाषा क्या योग के साथ विश्व पटल पर अपनी पहचान बना पाएगी.

उदयपुर. योग कितना महत्वपूर्ण है आज इसका लोहा पूरा विश्व मान गया है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारतीय संस्कृति के योग के उस पहलू की जानकारी देते हैं जो योग के साथ ही हमारी संस्कृति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है. हम बात कर रहे हैं श्लोक योग की, जिसमें साधक योग के साथ श्लोक का भी गान करता है. ताकि शरीर के साथ वातावरण को भी स्वस्थ और स्वच्छ रखा जा सके.

जिले में संचालित आदि योग ग्रुप युवाओं की एक ऐसी टोली है, जो न सिर्फ योग करते हैं बल्कि संस्कृत के श्लोक के साथ योग करके अपने शरीर के साथ भारतीय संस्कृति को जन-जन तक फैलाने का काम कर रहे हैं. आदि योग ग्रुप के संचालक जसवंत मेनारिया का मानना है कि योग और संस्कृत मिलकर भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं. उदयपुर की हरी-भरी वादियों के साथ बड़ी तालाब झील के हिचकोले खाते पानी के किनारे योग करते उदयपुर की इस युवा टोली ने भारतीय परंपराओं को जीवित रखने का बीड़ा उठाया है. ऐसे में अब देखना होगा भी क्या योग के साथ भारतीय संस्कृति को फिर से जीवंत रखने के साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संस्कृत का उपयोग करती है. प्राचीन काल से भारत में किया जाने वाला योग आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है. ऐसे में अब देखना होगा भारतीय संस्कृति की परिचायक संस्कृत भाषा क्या योग के साथ विश्व पटल पर अपनी पहचान बना पाएगी.

Intro:भारत का योग कितना महत्वपूर्ण है आज इसका लोहा पूरा विश्व मान गया है आइए आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपको भारतीय संस्कृति के योग के उस पहलू की जानकारी देते हैं जो योग के साथ ही हमारी संस्कृति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है जी हां हम बात कर रहे हैं योग श्लोक की जिसमें साधक योग के साथ श्लोक का भी गान करता है ताकि शरीर के साथ वातावरण को भी स्वस्थ और स्वच्छ रखा जा सके


Body:योग शरीर को स्वस्थ रखने मात्र ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक भारत को जानने और समझने का एक तरीका है इसके साथ ही योग भारत की संस्कृति और विरासत से जुड़ा हुआ है जी हां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आज हम आपको उदयपुर के ऐसे समूह से मिलाने जा रहे हैं जो योग के साथ ही भारतीय संस्कृति को जीवंत करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है उदयपुर का आदि योग ग्रुप योग मुद्राओं के साथ ही श्लोक गान भी करता है ताकि शरीर, मस्तिष्क के साथ ही वातावरण भी स्वस्थ रह सकें
बता दे कि उदयपुर में संचालित आदि योग ग्रुप युवाओं की एक ऐसी टोली है जो न सिर्फ योग करते हैं बल्कि संस्कृति के अनुरूप संस्कृत के श्लोक के साथ योग करके अपने शरीर के साथ भारतीय संस्कृति को जन-जन तक फैलाने का काम कर रहे हैं आदि योग ग्रुप के संचालक जसवंत मेनारिया का मानना है कि योग और संस्कृत मिलकर भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं उदयपुर की हरी-भरी वादियों के साथ बड़ी तालाब झील के किनारे हिचकोले खाते पानी के किनारे योग करते उदयपुर की इस युवा टोली ने भारतीय परंपराओं को जीवित रखने का बीड़ा उठाया है ऐसे में अब देखना होगा भी क्या योग के साथ भारतीय संस्कृति को फिर से जीवंत रखने के साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संस्कृत का उपयोग करती है


Conclusion:प्राचीन काल से भारत में किया जाने वाला योग आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है ऐसे में अब देखना होगा भारतीय संस्कृति की परिचायक संस्कृत भाषा क्या योग के साथ विश्व पटल पर अपनी पहचान बना पाएगी

बाइट - खुशबू, योग विद्यार्थी
बाइट - जसवंत मेनारिया, योग गुरु
Last Updated : Jun 21, 2019, 7:36 AM IST
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