उदयपुर. प्रदेश में जारी सियासत के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शुक्रवार को दिल्ली से उदयपुर (satish poonia visit udaipur) के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे. यहां भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा इतना ही नहीं, पूनिया ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयानों पर पलटवार (satish poonia target gehlot government) करते हुए उन्हें अल्पज्ञ बता दिया.
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह पुरानी आदत रही है क्योंकि वह अपनी पार्टी के भीतर और बाहर इतने कमजोर हो चुके हैं कि उनके पास सियासी बयानों के अलावा कुछ बचा नहीं है. लंबे समय से मुख्यमंत्री गहलोत जहां करौली और जोधपुर में हिंसा के बाद भाजपा पर आक्रामक रुख अपनाते हुए हमला कर रहे हैं. पूनिया ने गहलोत के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक जीवन का आकलन कर लिया होगा.
आज जिस दौर से कांग्रेस पार्टी और वे खुद गुजर रहे हैं उनकी हताशा उनके काम और बयानों से झलक रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के इतिहास में गहलोत जिस तरह से सरकार चला रहे हैं वैसी नकारा, भ्रष्ट सरकार अब तक देखी नहीं गई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान शांतिपूर्ण प्रदेश रहा है लेकिन जिस तरह की हिंसात्मक घटनाएं एक के बाद एक सामने आ रही हैं. ऐसे में सभी घटनाएं सामान्य नहीं हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत का पीएफआई प्रेम जगजाहिर
पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का जिस तरह से पीएफआई से प्रेम है वह जगजाहिर है, जिनको हिजाब और कोरोना प्रोटोकॉल के बावजूद परमिशन दी जाती है और रामनवमी पर रैलियां निकलने को लेकर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. 17 जिलों में धारा 144 लगा दी गई थी.
मुख्यमंत्री गहलोत के इस्तीफे के बयान पर बोले पूनिया
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछले दिनों बयान दिया था कि उनका इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखा है. ऐसे में सोनिया गांधी चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए उदयपुर आएंगी तो उन्हें गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर प्रदेश की जनता को राहत देनी चाहिए. वहीं सीएम गहलोत की ओर से गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देने के मामले में और 7 राज्यों में हिंसा की जांच करवाने के विषय पर कटाक्ष करते हुए पूनिया कहा कि राजस्थान में जिस तरह से जनता विकास कार्यों को लेकर परेशान हो रही है.
इन सभी विषयों से ध्यान भटकाने के लिए गहलोत सरकार भाजपा पर आरोप लगा रही है. ऐसे में जिन जिन जिलों में हिंसात्मक घटना हुई उनकी जांच हो जाए तो उसके पीछे कांग्रेस का ही हाथ मिलेगा. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत ने जिस तरह से राजस्थान में जन घोषणा पत्र की है. सुरक्षा की बात कही पहले अपने घर को संभाले फिर अमित शाह की बात करें.