उदयपुर. जिला कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बरी कर दिया. ऐसे में नाबालिग की ओर से लगाए गए आरोप न्यायालय के सामने झूठे पाए (Court finds rape victim allegations false) गए. झूठे आरोपों के चलते आरोपी को 1 साल 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा.
यह रहा पूरा मामला: दरअसल, जिले के नाई थाना क्षेत्र में एक नाबालिग युवती ने अपने ही मामा के लड़के पर दुष्कर्म आरोप लगाया था. इस दौरान नाबालिग गर्भवती हो गई और बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस आरोप में आरोपी करीब 1 साल 3 माह तक जेल में बंद रहा. इस मामले में डीएनए रिपोर्ट में सामने आया कि युवती की ओर से दिखाया गया बच्चा, आरोपी का नहीं (DNA report saved rape accused in Udaipur) था. मामले को लेकर पीठासीन अधिकारी ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि अगर आरोपी चाहे, तो न्यायालय के माध्यम से प्रतिकार ले सकता है.
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युवक की तरफ से पैरवी कर रहे वकील दिलीप नागदा ने बताया कि युवती के बयानों के आधार और डीएनए रिपोर्ट पर युवक को कोर्ट ने सम्मान बरी किया गया. वकील ने बताया कि इस मामले में पीड़िता को झूठा मानते हुए न्यायालय ने कहा कि जिस युवती के साथ इस तरह की घटना घटित हुई उसे बचाने के लिए भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया. डीएनए रिपोर्ट करीब 1 साल 3 महीने बाद आने के कारण आरोपी को जेल में रहना पड़ा. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद जमानत मिली.