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False Accusation of Rape : रेप के आरोप में 1 साल से ज्यादा जेल में बंद रहा आरोपी बरी, इस सबूत ने खोली पीड़िता के झूठ की पोल...

उदयपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में पीड़िता के आरोप झूठे पाए जाने पर कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया (Rape accused freed from Jail in Udaipur) है. पीड़िता के आरोपों की पोल डीएनए रिपोर्ट से खुली. हालांकि, डीएनए रिपोर्ट आने तक आरोपी को करीब 1 साल 3 महीने जेल में रहना पड़ा. कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि आरोपी चाहे तो इस मामले में न्यायालय के माध्यम से प्रतिकार ले सकता है.

Rape accused freed from Jail in Udaipur
रेप के आरोप में 1 साल से ज्यादा जेल में बंद रहा आरोपी बरी, इस सबूत ने खोली पीड़िता के झूठ की पोल...
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Published : May 23, 2022, 6:32 PM IST

उदयपुर. जिला कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बरी कर दिया. ऐसे में नाबालिग की ओर से लगाए गए आरोप न्यायालय के सामने झूठे पाए (Court finds rape victim allegations false) गए. झूठे आरोपों के चलते आरोपी को 1 साल 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा.

यह रहा पूरा मामला: दरअसल, जिले के नाई थाना क्षेत्र में एक नाबालिग युवती ने अपने ही मामा के लड़के पर दुष्कर्म आरोप लगाया था. इस दौरान नाबालिग गर्भवती हो गई और बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस आरोप में आरोपी करीब 1 साल 3 माह तक जेल में बंद रहा. इस मामले में डीएनए रिपोर्ट में सामने आया कि युवती की ओर से दिखाया गया बच्चा, आरोपी का नहीं (DNA report saved rape accused in Udaipur) था. मामले को लेकर पीठासीन अधिकारी ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि अगर आरोपी चाहे, तो न्यायालय के माध्यम से प्रतिकार ले सकता है.

पढ़ें: Rajasthan High Court: नाबालिग को गर्भवती करने के आरोपी को जमानत, नहीं हुई DNA की पुष्टि

युवक की तरफ से पैरवी कर रहे वकील दिलीप नागदा ने बताया कि युवती के बयानों के आधार और डीएनए रिपोर्ट पर युवक को कोर्ट ने सम्मान बरी किया गया. वकील ने बताया कि इस मामले में पीड़िता को झूठा मानते हुए न्यायालय ने कहा कि जिस युवती के साथ इस तरह की घटना घटित हुई उसे बचाने के लिए भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया. डीएनए रिपोर्ट करीब 1 साल 3 महीने बाद आने के कारण आरोपी को जेल में रहना पड़ा. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद जमानत मिली.

उदयपुर. जिला कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बरी कर दिया. ऐसे में नाबालिग की ओर से लगाए गए आरोप न्यायालय के सामने झूठे पाए (Court finds rape victim allegations false) गए. झूठे आरोपों के चलते आरोपी को 1 साल 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा.

यह रहा पूरा मामला: दरअसल, जिले के नाई थाना क्षेत्र में एक नाबालिग युवती ने अपने ही मामा के लड़के पर दुष्कर्म आरोप लगाया था. इस दौरान नाबालिग गर्भवती हो गई और बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस आरोप में आरोपी करीब 1 साल 3 माह तक जेल में बंद रहा. इस मामले में डीएनए रिपोर्ट में सामने आया कि युवती की ओर से दिखाया गया बच्चा, आरोपी का नहीं (DNA report saved rape accused in Udaipur) था. मामले को लेकर पीठासीन अधिकारी ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि अगर आरोपी चाहे, तो न्यायालय के माध्यम से प्रतिकार ले सकता है.

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युवक की तरफ से पैरवी कर रहे वकील दिलीप नागदा ने बताया कि युवती के बयानों के आधार और डीएनए रिपोर्ट पर युवक को कोर्ट ने सम्मान बरी किया गया. वकील ने बताया कि इस मामले में पीड़िता को झूठा मानते हुए न्यायालय ने कहा कि जिस युवती के साथ इस तरह की घटना घटित हुई उसे बचाने के लिए भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया. डीएनए रिपोर्ट करीब 1 साल 3 महीने बाद आने के कारण आरोपी को जेल में रहना पड़ा. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद जमानत मिली.

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