उदयपुर. राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच गर्भवती महिलाओं की परेशानी काफी बढ़ गई है. एक ओर जहां प्रशासन द्वारा आम लोगों को अस्पताल में अति आवश्यकता होने पर ही आने की नसीहत दी जा रही है. वहीं, गर्भवती महिलाओं की परेशानी कोरोना के बाद काफी बढ़ गई है.
उदयपुर की बात करें तो यहां पर सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है, जिसमें कोरोना जांच के बाद ही महिलाओं को एडमिट किया जाता है. इनमें जो महिलाएं संक्रमित होती है उन्हें विशेष वार्ड में और जो महिलाएं संक्रमित नहीं होती उन्हें आम वार्ड में शिफ्ट कर उनका उपचार किया जाता है.
इसके साथ अगर किसी महिला की प्रसव पीड़ा अंतिम स्तर पर है तो उसे बिना कोरोना जांच के भी ऑपरेट किया जाता है. उदयपुर के महाराणा भोपाल चिकित्सालय के पन्नाधाय महिला अस्पताल में इसी तरह के हालात है. जहां पर बड़ी संख्या में जिलेभर की गर्भवती महिलाओं का उपचार किया जा रहा है. हालांकि, इन सभी महिलाओं में कुछ की पूर्व में कोरोना जांच करवाई गई है.
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ऐसे में अब तक उदयपुर में 16 गर्भवती महिलाएं कोरोना वायरस से संक्रमित आ चुकी है. फिलहाल, इनमें से 7 का उपचार जारी है. इन महिलाओं के लिए उदयपुर के चिकित्सालय में विशिष्ट वार्ड तैयार किया गया है, जहां पर चिकित्सकों द्वारा पीपीई किट पहनकर ही उपचार किया जाता है. रविंद्र नाथ टैगोर कॉलेज के प्रिंसिपल लाखन पोसवाल का कहना है कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियातन अस्पताल में सभी प्रबंधन किए गए हैं. इसके साथ ही कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिला के बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन द्वारा विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं.
बता दें कि उदयपुर में अब तक कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 1600 के पर पहुंच गई है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को लेकर उदयपुर में अस्पताल प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां की गई है. बावजूद इसके उदयपुर में गर्भवती महिलाओं का उपचार करने वाली तीन महिला डॉक्टर, चार नर्सिंग स्टाफ कोरोना से ग्रसित हो चुकी है.