उदयपुर. भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर झीलों की नगरी उदयपुर के रहने वाले स्वर्ण शिल्पकार इकबाल सक्का (75th anniversary of independence Iqbal special gift) ने कुछ अनोखा कर दिखाया है. अपनी कला के दम पर 75 से अधिक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले इकबाल ने 00.75 मिलीमीटर का सूक्ष्म तिरंगा (Iqbal made 00.75 mm national flag) बनाया है. सोने से बने इस तिरंगे को सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से देखा जा सकता है.
इकबाल ने तिरंगे को बनाने के दौरान काफी बारीकियों का ध्यान रखा है. उन्होंने बताया कि चींटी के 100 हिस्से जितनी बारिक सोने के टुकड़े को जोड़-जोड़ कर इस सूक्ष्म तिरंगे को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि कपड़े सिलाई के लिए 12 नंबर की सुई सबसे पतली सुई हुई होती है. ऐसे में उसके छेद में से इस तिरंगे को आसानी से निकाला जा सकता है. इस तिरंगे में तीनों रंगों को मीना कलर से भरा गया है. तिरंगे के बीच में अशोक चक्र को सुई की नोक से बनाया गया है. इस तिरंगे की कुल लंबाई 00.75 मिलीमीटर रखी गई है. जो कि दुनिया में अपने आप में सबसे छोटा तिरंगा है. इस तिरंगे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए दावा पेश किया है.
इसलिए 00.75 मिलीमीटर रखा आकार
इकबाल सक्का ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में इस तिरंगे का आकार 00.75 इसलिए रखा गया है. क्योंकि हमारी आजादी का 75 वां वर्ष है. इसके पीछे एक मकसद है. क्योंकि 75 साल की खुशी के मौके पर देश के लोगों से अपील कर रहे हैं कि हर घर के ऊपर तिरंगा झंडा लहराए जाए. जिससे पूरी दुनिया को एक संदेश जाए कि भारत एकजुट है.
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75 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं
इससे पहले इकबाल सक्का ने 75 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड अमेजिंग विश्व रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हैं. इकबाल सक्का को बचपन से ही कुछ हटकर करने का जुनून था. उन्होंने स्वर्णशिल्प कार्य के हुनर को अपनाया और फिर देखते ही देखते उसमें महारत हासिल कर ली. इकबाल बताते हैं कि बचपन से ही वे अखबार में स्वर्ण शिल्पकारी के बारे में पढ़ते थे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्वर्णशिल्प कारी के रिकॉर्ड अमेरिका ऑस्ट्रेलिया चीन जैसे देशों के नाम थे.
तभी इकबाल चाहते थे कि भारत का नाम भी स्वर्ण शिल्पकार में जाना जाए. इस काम की लगन लगी.तो उन्होंने ऐसा हुनर दिखाया कि दुनिया उनकी कायल हो गई. अब वे सूक्ष्म कलाकृतियां बनाने में विश्व रिकॉर्ड के शतक के करीब हैं. इकबाल इतनी सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार करते हैं.कि उन्हें लेंस से देखना पड़ता है.
राममंदिर के लिए भी सूक्ष्म कलाकृतियां बनाईं
इससे पहले उन्होंने अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के लिए भी उन्होंने तीन सूक्ष्म कलाकृतियों का निर्माण किया था. इसमें सोने की ईट घंटा और दो खड़ाऊ शामिल है. इकबाल ने विश्व की सबसे छोटी सोने चांदी की पुस्तक भी बनाई है. इनकी कामयाबी के किससे उनके घर की दीवारें बोल रही हैं. जहां अलग-अलग अवार्ड टंगे नजर आते हैं.
संग्रहालय बनाने के लिए पीएम को लिखा पत्र, नहीं मिला जवाब
इकबाल का कहना है.कि इन सूक्ष्म कलाकृतियों के लिए एक संग्रहालय बन जाए तो यह लोगों के लिए काफी अच्छा अनुभव होगा. वह इन्हें आसानी से देख पाएंगे. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी संग्रहालय बनाने के लिए पत्र लिखा है. लेकिन अभी तक इस और कोई जवाब नहीं आया.
विश्व की सबसे छोटी सोने-चांदी की पुस्तक भी बनाई
इकबाल ने विश्व की सबसे छोटी सोने-चांदी की पुस्तक भी बनाई है. पुस्तक में अरबी में अल्लाह, संस्कृत में ओम, ईसाई धर्म का क्रॉस, सिख धर्म का खण्डा उत्कीर्ण किया गया है. यह पुस्तक 64 पृष्ठों की है. इकबाल सबसे कम वजन की सबसे छोटी सोने की चेन बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. विश्व की सबसे छोटी चाय की केतली भी इकबाल बना चुके हैं. इसके अलावा सबसे छोटा स्वर्ण स्टम्प बनाकर भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उन्होंने अपना नाम दर्ज कराया.