उदयपुर. प्रदेश की 4 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव का मुकाबला लगातार दिलचस्प होता जा रहा है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सीटें जीतने का दावा कर रही हैं. इस बीच कांग्रेस की बाड़ेबंदी में विधायकों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा पर निशाना साधा (Minister Pratap Singh Khachariyawas targeted BJP). खाचरियावास ने कहा कि भाजपा की ऐसी आदत पड़ गई है. जहां भी चुनाव होते है.वहां सत्ता के दम पर वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयास करती है.
ऐसे में बीजेपी अपने नेताओं के प्रति भी ईमानदार नहीं है. क्योंकि अगर बीजेपी इमानदार होती तो भाजपा घनश्याम तिवारी जैसे सीनियर लीडर जीत तय थी. ऐसे में 5वें उम्मीदवार को लाने की जरूरत क्या थी. खाचरियावास ने कहा कि अगर बीजेपी में खुद में मुकाबला हो गया तो इसका खामियाजा घनश्याम तिवारी जैसे सीनियर लीडर को ना उठाना पड़े. क्योंकि इससे पहले भी भाजपा ने उनके साथ बहुत अन्याय किया है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पूरी कांग्रेस अशोक गहलोत के नेतृत्व में एकजुट है. यही वजह है कि ताज अरावली रिसोर्ट में लगभग विधायक जुट गए हैं. कुछ विधायक बीमार और कुछ बाहर हैं. जो जल्द पहुंच जाएंगे. अब एकदम साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी तीनों सीटों पर जीतने जा रही है.
भारतीय जनता पार्टी की हॉर्स ट्रेडिंग का अंत होगाः उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी विपक्ष की भूमिका इन बीते 3 सालों में नहीं निभा पाई है. इसलिए राजस्थान में बीजेपी राज्यसभा चुनाव के जरिए अपनी एंट्री दिखाना चाहती है. भाजपा बताना चाहती है कि राजस्थान में विपक्ष भी कुछ है. ऐसे में एक बार फिर भाजपा को उसी तरह हार मिलेगी जिस तरह वल्लभनगर और धरियावद के उपचुनाव में मिली थी. इस तरह राज्यसभा चुनाव में भाजपा पूरी तरह से हारेगी. खाचरियावास ने कहा कि अगर बीजेपी ने अपने सभी वोटों को भी एकजुट रख लिया तो मानेंगे कि बीजेपी ने बहुत बड़ा काम कर दिया. भारतीय जनता पार्टी को पहले अपना घर संभालना चाहिए.
खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में भाजपा के निर्दलीय उम्मीदवार को लेकर आए. जिसमें भाजपा के लोग इनके प्रस्तावक बन गए. उन्होंने कहा कि भाजपा में घनश्याम तिवारी अधिकृत उम्मीदवार है. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देकर मैदान में उतारा है. ऐसे में जो हॉर्स ट्रेडिंग कांग्रेस में करना चाहते थे, लेकिन अब भाजपा में खुद में फूट ना हो जाए. क्योंकि जिस तरह का भाजपा में मुकाबला देखने को मिल रहा है.