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जिलों पर गरमाई सियासत ! कांग्रेस के आरोपों पर बोले मंत्री, विपक्षी नेता दे रहे हैं बेतुके बयान - RAJASTHAN NEWS DISTRICT

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद विपक्ष की ओर से की गई बयानबाजी पर सरकार के मंत्रियों ने पलटवार किया.

जिले खत्म करने पर गरमाई सियासत
जिले खत्म करने पर गरमाई सियासत (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 28, 2024, 10:43 PM IST

जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए जिलों पर कैंची चला दी है. शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 9 नए जिलों और 3 नए संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया. इस फैसले के बाद विपक्ष ने भजनलाल सरकार पर जमकर आरोप लगाए हैं. विपक्ष द्वारा की गई बयानबाजी पर भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने तीखा पलटवार किया. दोनों मंत्रियों ने विपक्ष के बयान को बचकाना और बेतुका करार दिया.

विपक्ष के बेतुके बयान : कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी यह नहीं सोचा कि आजादी के 67 साल में केवल 7 नए जिले बनाए गए. वहीं, कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल के अंतिम छह महीनों में बिना किसी योजना के 17 नए जिले और 3 संभागों की घोषणा कर दी. यह निर्णय राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए उठाए गए थे. दोनों मंत्रियों ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस की सोच एक थी कि ‘‘हम तो डूबेंगे ही सनम, तुम्हें भी डूबाएंगे’’.

जिले खत्म करने पर गरमाई सियासत (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- नए जिले निरस्त होने पर सियासी घमासान, गहलोत बोले- सरकार कंफ्यूजन में थी, उठाए ये अहम सवाल

क्या कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक की थी ? : कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने आगे कहा कि सरकार के फैसलों पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार नेता प्रतिपक्ष को था, लेकिन डोटासरा ने पहले ही प्रेसवार्ता करके अपना बयान जारी कर दिया. गहलोत ने कहा कि डोटासरा, जूली और गहलोत, जो विपक्ष में रहते हुए भी बेतुके बयान दे रहे हैं, उन्हें भाजपा सरकार के फैसलों का स्वागत करना चाहिए था. गहलोत ने सवाल किया कि जब कांग्रेस सरकार ने 17 नए जिले बनाए थे, तब क्या किसी सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था ?

विपक्ष के पास मुद्दे की कमी : मंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि अब विपक्ष के पास धरने और प्रदर्शन के अलावा कोई और मुद्दा नहीं बचा. कांग्रेस के नेता अब बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है. विपक्षी नेताओं की उम्र बढ़ रही है और वे राजनीति में बने रहने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. अब कांग्रेस विपक्ष में ही रहने वाली है और उसे इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- नए जिले खत्म करने पर भड़की कांग्रेस, डोटासरा बोले सड़क से सदन तक घेरेंगे, राष्ट्रीय शोक में निर्णय कैसे लिया ?

सुमित गोदारा का पलटवार : कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने भी डोटासरा की बयानबाजी का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार के पहले ही साल में भाजपा के संकल्प पत्र के 50 प्रतिशत से अधिक वादों को पूरा करने का ऐतिहासिक कार्य किया है. इस सफलता से विपक्ष बौखला गया है. गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए, एमएसपी बढ़ाई, उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस के दाम 450 रुपये किए, बिजली क्षेत्र में दूर-दराज इलाकों में जीएसएस बनाए जा रहे हैं, और सड़कों का विकास तेजी से किया जा रहा है. इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में भी सरकार काम कर रही है.

गोदारा ने बताया कि यह सब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की माइक्रो मॉनिटरिंग के कारण संभव हो रहा है. मुख्यमंत्री शर्मा का फोकस घोषणाओं के क्रियान्वयन पर है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि राज्य की जनता को अधिकतम लाभ मिले. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं और उनका लक्ष्य राजस्थान को प्रगतिशील बनाना है. कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का उद्देश्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता को लाभ पहुंचाना है. इसी दिशा में लगातार जनहितैषी कार्य किए जा रहे हैं. गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विकसित भारत और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में एक विकसित राजस्थान बनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग निरस्त, अब 41 जिले रहेंगे

कांग्रेस सरकार का राजनीतिक स्वार्थ : सुमित गोदारा ने कांग्रेस सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का उद्देश्य कभी जनता के हित में नहीं था. अगर कांग्रेस की मंशा सही होती तो 15 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद उन्होंने जिलों के बारे में कभी कोई विचार नहीं किया, लेकिन जब सरकार जाने वाली थी, तो कांग्रेस ने बिना किसी योजना के चुनाव से कुछ महीने पहले 17 नए जिले बना दिए. यह निर्णय राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए लिया गया.गोदारा ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता सब जानती है और सब समझती है. जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आइना दिखा दिया है. कांग्रेस के फैसले राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित थे, जबकि भजनलाल सरकार के फैसले पूरी तरह से जनहित में हैं.

जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए जिलों पर कैंची चला दी है. शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 9 नए जिलों और 3 नए संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया. इस फैसले के बाद विपक्ष ने भजनलाल सरकार पर जमकर आरोप लगाए हैं. विपक्ष द्वारा की गई बयानबाजी पर भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने तीखा पलटवार किया. दोनों मंत्रियों ने विपक्ष के बयान को बचकाना और बेतुका करार दिया.

विपक्ष के बेतुके बयान : कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी यह नहीं सोचा कि आजादी के 67 साल में केवल 7 नए जिले बनाए गए. वहीं, कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल के अंतिम छह महीनों में बिना किसी योजना के 17 नए जिले और 3 संभागों की घोषणा कर दी. यह निर्णय राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए उठाए गए थे. दोनों मंत्रियों ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस की सोच एक थी कि ‘‘हम तो डूबेंगे ही सनम, तुम्हें भी डूबाएंगे’’.

जिले खत्म करने पर गरमाई सियासत (ETV Bharat Jaipur)

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क्या कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक की थी ? : कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने आगे कहा कि सरकार के फैसलों पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार नेता प्रतिपक्ष को था, लेकिन डोटासरा ने पहले ही प्रेसवार्ता करके अपना बयान जारी कर दिया. गहलोत ने कहा कि डोटासरा, जूली और गहलोत, जो विपक्ष में रहते हुए भी बेतुके बयान दे रहे हैं, उन्हें भाजपा सरकार के फैसलों का स्वागत करना चाहिए था. गहलोत ने सवाल किया कि जब कांग्रेस सरकार ने 17 नए जिले बनाए थे, तब क्या किसी सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था ?

विपक्ष के पास मुद्दे की कमी : मंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि अब विपक्ष के पास धरने और प्रदर्शन के अलावा कोई और मुद्दा नहीं बचा. कांग्रेस के नेता अब बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है. विपक्षी नेताओं की उम्र बढ़ रही है और वे राजनीति में बने रहने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. अब कांग्रेस विपक्ष में ही रहने वाली है और उसे इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

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सुमित गोदारा का पलटवार : कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने भी डोटासरा की बयानबाजी का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार के पहले ही साल में भाजपा के संकल्प पत्र के 50 प्रतिशत से अधिक वादों को पूरा करने का ऐतिहासिक कार्य किया है. इस सफलता से विपक्ष बौखला गया है. गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए, एमएसपी बढ़ाई, उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस के दाम 450 रुपये किए, बिजली क्षेत्र में दूर-दराज इलाकों में जीएसएस बनाए जा रहे हैं, और सड़कों का विकास तेजी से किया जा रहा है. इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में भी सरकार काम कर रही है.

गोदारा ने बताया कि यह सब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की माइक्रो मॉनिटरिंग के कारण संभव हो रहा है. मुख्यमंत्री शर्मा का फोकस घोषणाओं के क्रियान्वयन पर है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि राज्य की जनता को अधिकतम लाभ मिले. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं और उनका लक्ष्य राजस्थान को प्रगतिशील बनाना है. कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का उद्देश्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता को लाभ पहुंचाना है. इसी दिशा में लगातार जनहितैषी कार्य किए जा रहे हैं. गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विकसित भारत और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में एक विकसित राजस्थान बनाया जाएगा.

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कांग्रेस सरकार का राजनीतिक स्वार्थ : सुमित गोदारा ने कांग्रेस सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का उद्देश्य कभी जनता के हित में नहीं था. अगर कांग्रेस की मंशा सही होती तो 15 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद उन्होंने जिलों के बारे में कभी कोई विचार नहीं किया, लेकिन जब सरकार जाने वाली थी, तो कांग्रेस ने बिना किसी योजना के चुनाव से कुछ महीने पहले 17 नए जिले बना दिए. यह निर्णय राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए लिया गया.गोदारा ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता सब जानती है और सब समझती है. जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आइना दिखा दिया है. कांग्रेस के फैसले राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित थे, जबकि भजनलाल सरकार के फैसले पूरी तरह से जनहित में हैं.

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