उदयपुर. कोरोना वायरस रोकने और खत्म करने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है, लेकिन इस लॉकडाउन के चलते हजारों लोगों के रोजगार भी छिन गए हैं. ऐसे में लोगों के पास अब 2 जून की रोटी का जुगाड़ करना भी काफी मुश्किल हो रहा है. ऐसे ही हालात हैं राजस्थान के उदयपुर में, जहां बिहार से उदयपुर में आकर पिछले लंबे समय से काम कर रहे मजदूरों के पास अब कोई आसरा नहीं बचा हैं.
इन मजदूरों का कहना है कि लंबे समय से उदयपुर में मेहनत करके रोजी रोटी कमा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद हालात बदल गए और अब कोई काम धंधा भी नहीं बचा. ऐसे में खाना मिल पाना भी मुश्किल हो रहा था. इसी मुश्किल से उबर पाने के लिए अब एक बार फिर अपने घर की ओर पलायन को मजबूर हैं. मजदूरों का कहना है कि सरकार द्वारा जो व्यवस्थाएं की गई है. वह तो काफी ठीक है, लेकिन अब जरूरत है एक बार फिर सभी चीजों के पटरी पर आने की, क्योंकि तब ही आजीविका चलाने के लिए हम जैसे लोगों को भी रोजगार मिल पाएगा.
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बिहार के हाजीपुर के रहने वाले अंकित कुमार और अजीत कुमार दोनों मजदूर पिछले लंबे समय से उदयपुर में मिस्त्री और कारीगर का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद मकान और इमारत बनना बंद हो गया है. इसी का खामियाजा अब इन दोनों को उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन के बाद भी लंबा समय उदयपुर में परेशानी में काटा और अब जब प्रशासन ने इन्हें अपने घर जाने का मौका दिया तो अपनों के पास निकल पड़े हैं. दोनों को उम्मीद है कि फिर से सब कुछ पटरी पर आएगा और पुरानी जिंदगी फिर इन्हें नसीब होगी.
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बता दें कि ये कहानी सिर्फ इन दो मजदूरों की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मजदूरों की है, जो लंबे समय से दूसरे राज्यों में मेहनत कर अपना जीवन यापन कर रहे थे. लॉकडाउन के बाद हालात बदल गए और अब 2 जून की रोटी भी इन लोगों को नसीब नहीं हो रही है.