उदयपुर. देश दुनिया में उदयपुर की पहचान अपनी झीलों के कारण है. लेकिन आज उदयपुर की यही झीलें सूखने की कगार पर है. पिछले साल मानसून की बेरुखी इस बार शहर वासियों के लिए परेशानी का कारण बन गई है. शहर की सभी प्रमुख झीलें इस बार सूखने की कगार पर हैं. जिसमें पिछोला झील, उदयसागर झील, फतेहसागर सागर झील, बड़ी झील शामिल है.
यही कारण है कि उदयपुर में इस बार पर्यटकों का भी टोटा दिखाई दे रहा है. बता दें कि पर्यटक प्रमुख तौर पर उदयपुर के वीर इतिहास के साथ ही शहर की झीलों को निहारने आते हैं. लेकिन इस बार शहर की झीलें सूखने की कगार पर है. उदयपुर की प्रमुख पर्यटक स्थलों में शामिल फतेहसागर झील के पेंदे दिखाई देने लगे है.
वहीं अब जिला प्रशासन द्वारा शहर की झीलों की क्षमता बढ़ाने के लिए इनमें खुदाई का काम भी शुरू हो गया है. शहर की प्रमुख झील फतेहसागर में जिला प्रशासन द्वारा खुदाई का कार्य जारी है. जिसमें जेसीबी के माध्यम से झील को खोदा जा रहा है. इसे और गहरा किया जा रहा है ताकि अगली बारिश तक झील की क्षमता और अधिक बढ़ सके. जिला प्रशासन की यह पहल सिर्फ फतेहसागर झील की क्षमता बढ़ाने तक ही सीमित नहीं बल्कि इन झीलों से आम जनता की प्यास बुझाने की भी है.
बता दें कि उदयपुर में पेयजल सप्लाई शहर की प्रमुख झीलों से भी की जाती है. लेकिन इस बार शहर की झीलें सूखने की कगार पर पहुंच गई है. जिसके चलते उदयपुर में पेयजल संकट की स्थिति पैदा हो गई है. और इसका प्रमुख कारण है उदयपुर की सूखती झीलें और इसी संकट को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन इस बार झीलों की गहराई को बढ़ा रहा है. ताकि भविष्य में शहर वासियों को पेयजल संकट की समस्या से ना जूझना पड़े. ऐसे में जिला प्रशासन के साथ शहर वासियों को अब इंतजार है तो सिर्फ और सिर्फ बारिश का. ऐसे में अब देखना होगा जिला प्रशासन की यह पहल कितनी कारगर साबित हो पाती है. और इंद्र देव की मेहरबानी कब तक उदयपुर की इन झीलों को भर पाएगी.