उदयपुर. बता दें, नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान सिर्फ पांच सदस्यों को रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में जाने की अनुमति होती है. ऐसे में पुलिस ने 5 से अधिक संख्या को अंदर नहीं जाने दिया. जिसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा पुलिस को चुनौती देते नजर आए.
गोपाल शर्मा ने पुलिस को कहा कि तुम मुझे नहीं जानते, मैं तुम्हें उदयपुर में नहीं रहने दूंगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार है और मैं तेरा तबादला उदयपुर से करवा दूंगा. हालांकि, विवाद बढ़ता देख कांग्रेस के दिग्गज नेता गिरिजा व्यास वहां पहुंची और उन्होंने अपने भाई गोपाल शर्मा से पुलिस का सही होना बताया. इसके बाद में गोपाल शर्मा रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में पहुंचे, जहां रघुवीर मीणा नामांकन पत्र दाखिल कर रहे थे.
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि कांग्रेस के उदयपुर जिला अध्यक्ष के बोल इतने बिगड़ गए कि वह नियमों के तहत काम करने वाली उदयपुर पुलिस को भी धमकी देने से नहीं चूके. ऐसे में अब देखना होगा प्रदेश कांग्रेस सरकार और कांग्रेस संगठन इस पर क्या एक्शन लेती है.