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Hitendra Garasiya Case: उदयपुर के हितेंद्र के शव को भारत लाने के मामले में 15 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई - Rajasthan High Court

17 जुलाई, 2021 को रूस में उदयपुर के हितेंद्र गरासिया का निधन हो गया था. तब से उसके परिजन शव भारत लाने के लिए तमाम कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब 15 दिसंबर को इस मामले (Hitendra Garasiya Case) में हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

15 दिसंबर को होगी राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई
15 दिसंबर को होगी राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई
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Published : Dec 12, 2021, 6:22 PM IST

उदयपुर. जिले के गोडवा गांव के हितेंद्र गरासिया का निधन करीब साढ़े चार माह पहले रूस में हो गया था. परिवार उसके शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार करना चाहता है, लेकिन हरसंभव प्रयास के बावजूद उनकी पुकार नहीं सुनी जा रही. अब 15 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले (Hitendra Garasiya Case) पर सुनवाई होगी. इसमें भारत सरकार के एडीशनल सॉलीसीटर जनरल आरपी रस्तोगी पूरे विषय को रखेंगे.

अब परिवार को बेसब्री से 15 दिसंबर का इंतजार है. क्योंकि परिवार शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार हिंदू परंपरा से करवाने की मांग कर रहा है. इससे पहले की सुनवाई में न्यायालय ने कहा था कि 17 जुलाई, 2021 को रूस में मृत्यु के बाद अभी तक हितेंद्र का शवन भारत नहीं लाया जा सका है.

पढ़ें: उदयपुर: 100 दिन से बेटे के अंतिम संस्कार का इंतजार, रूस में गई जान...NHRC ने लगाई विदेश मंत्रालय को फटकार

न्यायालय ने कहा सुदूर ग्रामीण अंचल के रहने वाले आदिवासी परिवार के असहाय याचिकाकर्ताओं ने 4 माह पहले रूस में मृत अपने परिजन हितेंद्र के अंतिम संस्कार करवाने की गुहार लगायी है.

पढ़ें: शव भारत नहीं भेजने पर बेटी ने दी रूसी राष्‍ट्रपति पूतिन के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी

उच्च न्यायालय ने इस मामले पर अपने निर्णय में कहा कि मृतक के पत्नी व बच्चों को इसके लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है लेकिन अभी तक प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है. हालांकि इससे पहले परिजनों ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और भारतीय दूतावास को भी पूरे मामले से अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आखिरकार परिवार को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठना पड़ा. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए. ऐसे में आनन-फानन में रूसी दूतावास में परिवार जनों से मुलाकात की और जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही थी.

उदयपुर. जिले के गोडवा गांव के हितेंद्र गरासिया का निधन करीब साढ़े चार माह पहले रूस में हो गया था. परिवार उसके शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार करना चाहता है, लेकिन हरसंभव प्रयास के बावजूद उनकी पुकार नहीं सुनी जा रही. अब 15 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले (Hitendra Garasiya Case) पर सुनवाई होगी. इसमें भारत सरकार के एडीशनल सॉलीसीटर जनरल आरपी रस्तोगी पूरे विषय को रखेंगे.

अब परिवार को बेसब्री से 15 दिसंबर का इंतजार है. क्योंकि परिवार शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार हिंदू परंपरा से करवाने की मांग कर रहा है. इससे पहले की सुनवाई में न्यायालय ने कहा था कि 17 जुलाई, 2021 को रूस में मृत्यु के बाद अभी तक हितेंद्र का शवन भारत नहीं लाया जा सका है.

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न्यायालय ने कहा सुदूर ग्रामीण अंचल के रहने वाले आदिवासी परिवार के असहाय याचिकाकर्ताओं ने 4 माह पहले रूस में मृत अपने परिजन हितेंद्र के अंतिम संस्कार करवाने की गुहार लगायी है.

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उच्च न्यायालय ने इस मामले पर अपने निर्णय में कहा कि मृतक के पत्नी व बच्चों को इसके लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है लेकिन अभी तक प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है. हालांकि इससे पहले परिजनों ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और भारतीय दूतावास को भी पूरे मामले से अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आखिरकार परिवार को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठना पड़ा. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए. ऐसे में आनन-फानन में रूसी दूतावास में परिवार जनों से मुलाकात की और जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही थी.

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