उदयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारत का संविधान एक दस्तावेज नहीं बल्कि स्वयं एक संस्कृति है. यह हमारी उदात्त भारतीय परंपराओं को व्याख्यायित करती है. हमारा संविधान अधिकारों एवं कर्तव्यों के संतुलन वाला पवित्र दस्तावेज है.
राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) शुक्रवार को संविधान दिवस के अवसर पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (Mohanlal Sukhadia University) में नव निर्मित संविधान पार्क, मुख्यद्वार एवं विभिन्न भवनों के लोकार्पण के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि संविधान में लोक कल्याण की बात प्रमुखता से कही गई है क्योंकि लोक कल्याण में ही सबका हित है. उन्होंने संविधान में चित्रांकन परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि महाभारत, रामायण एवं पौराणिक आख्यानों को रेखांकित करते हुए प्रेरणा प्रदान करने के लिए चित्र अंकित किए गए हैं. राज्यपाल ने कहा कि यह हमारी संस्कृति का ही प्रतिरूप है.
राज्यपाल ने कहा कि हमारा संविधान अधिकारों एवं कर्तव्यों के संतुलन वाला पवित्र दस्तावेज है. इस की प्रस्तावना दुनिया के तमाम संविधानों की प्रस्तावनाओं में सर्वश्रेष्ठ है. राज्यपाल ने कहा कि अधिकारों की बात सब करते हैं और उसका गलत इस्तेमाल करते हुए अराजकता फैलाने की कोशिश भी करते हैं. ऐसे लोगों को कर्तव्यों की जानकारी नहीं होती. इसीलिए मैंने राज्यपाल बनने के बाद सार्वजनिक समारोहों में कर्तव्यों का वाचन शुरू करवाया.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी की नाथद्वारा को टीएसपी क्षेत्र में जोड़ने की मांग पर उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही इस संबंध में अधिकारियों से बात करेंगे, बैठक करेंगे और शीघ्र ही स्वयं इन जिलों का दौरा भी करेंगे. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र हम सब की आत्मा में बसा है और इसकी रक्षा करना हम सबका दायित्व है.
उन्होंने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण परिवेश एवं विविध संस्कृतियों का देश है, जिसमें सबके अधिकारों को सुरक्षित किया गया है. यही संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती है. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में जनता की भागीदारी भी सक्रिय रुप से होनी चाहिए. जनता को चाहिए कि वे मत देकर 5 साल तक भूलें नहीं बल्कि जिस को वोट दिया है, वह सही काम कर रहा है या नहीं कर रहा है, उस पर भी पूरी नजर होनी चाहिए, तभी लोकतंत्र मजबूत बन पाएगा.
डॉ जोशी ने कहा कि सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए कई काम किए गए लेकिन विकेंद्रीकरण के आधार पर निचले स्तर तक अधिकार नहीं पहुंच पाए. इसीलिए यह प्रक्रिया लोगों की आकांक्षाओं पर पूरी तरह खरी नहीं उतरी और इसीलिए शायद संसदीय लोकतंत्र इतना मजबूत नहीं हो पाता है. जितना हम बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हर विषय पर डिबेट और डिस्कस होना चाहिए.
जनता को वॉच डॉग की भूमिका निभानी चाहिए जनप्रतिनिधि काम कर रहे हैं या नहीं कर रहे इस पर नजर रखनी चाहिए. हम अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों को अभी समुचित ध्यान रखें तो संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो पाएगा. डॉ जोशी ने राज्यपाल से पुनः आग्रह किया कि राजसमंद जिले के आदिवासियों को टीएसपी क्षेत्र का लाभ दें ताकि उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जा सके एवं उनके लिए रोजगार का सृजन किया जा सके. डॉ जोशी ने कहा कि स्किल ट्रेनिंग के कोर्सेज यदि रोजगार परक नहीं होंगे इनको चलाने का कोई फायदा नहीं है. हमें सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न करने वाले पाठ्यक्रमों पर जोर देना चाहिए.
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इस दौरान विद्यालय परिसर में प्रवेश द्वार, संविधान स्तंभ, संविधान उद्यान, नवीन भवन लोकार्पण और राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र विवेकानंद सभागार पहुंचे, जहां संविधान दिवस समारोह कार्यक्रम में शिरकत किया.
इस दौरान कुलपति अमेरिका सिंह ने सभी लोगों का स्वागत किया. संविधान दिवस समारोह के अंतर्गत शुक्रवार को राज्यपाल मिश्र ने संविधान पार्क का लोकार्पण किया. इसी के साथ विश्वविद्यालय परिसर के नवनिर्मित भव्य मुख्य द्वार, शिक्षा संकाय में डॉ. राधाकृष्णन तथा विधि संकाय में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम से नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण किया.