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राजसमंद सीट: अकबर को जयपुर के पूर्व राजघराने के समर्थन की टीस आज भी मेवाड़ के राजपूतों में - Diya Kumari

राजसमंद सीट से दीया कुमारी का नाम चर्चा में आने के बाद मेवाड़ क्षत्रीय महासभा ने मोर्चा खोलत हुए हल्दीघाटी के इतिहास को याद करते हुए बड़ा बयान दिया है....

दीया कुमारी।
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Published : Mar 25, 2019, 1:55 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 2:22 PM IST

उदयपुर/ राजसमंद. राजसमंद लोकसभा सीट पर जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी का नाम चर्चा में आने के बाद महाराणा प्रताप-मानसिंह और अकबर से जुड़े हल्दीघाटी युद्ध का इतिहास गूंजने लगा है. मेवाड़ क्षेत्रीय महासभा ने दीया के नाम का जबरदस्त विरोध करते हुए साफ कहा है कि अगर दीया को इस सीट से मैदान में भाजपा उतारती है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी का ही नुकसान करेगी.

महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कनावत ने कहा कि मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद किसी स्थानीय राजपूत नेता को टिकट देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दीया के रूप में किसी बाहरी प्रत्याशी को यहां की जनता किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी. महासभा के संरक्षक मनोहर सिंह ने कहा कि दीया यदि यहां से चुनाव लड़ेंगी और हम मौन रहे तो आने वाली पीढ़ी यह पूछेगी कि आखिर इतिहास के पन्नों को भूलकर ऐसी कोनसी मजबूरी थी. जिसके कारण मेवाड़ के क्षत्रियों को ऐसा निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि अकबर ने दिल्ली से एक बार नहीं बल्कि 10 बार कोशिश कर ली, लेकिन यहां की 36 कौम ने भूखे रहने के बाद भी अपने सिद्घांतो को नहीं छोड़ा. लेकिन, आज राजपाट के लिए कही भी खड़े हो रहे हैं, सारे सिद्धांतों को छोड़ दिया.

राजसमंद लोकसभा सीट।

आज लालच और स्वार्थ ने इतना अंधा कर दिया कि इतिहास के उन पन्नों को भूल जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेवाड़ का बच्चा जो मां के पेट में है उसको हिंदुस्तान के हल्दीघाटी का इतिहास याद है और इसे चुकाया जाएगा. मनोहर सिंह ने साफ कहा कि भाजपा अगर दीया कुमारी को टिकट दिया गया तो 36 ही कौम विरोध करेगी. आपको बता दें कि दीया कुमारी का नाम पर पहले जयपुर और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से चर्चा में चल रहा था. लेकिन, भाजपा ने दोनों सीटों पर दीया कुमारी की दावेदारी को दरकिनार करते हुए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. इसके बाद अब दीया की चर्चा राजसमंद सीट पर बनी हुई है. इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया खेमा दीया कुमारी को चुनाव लड़ाना चाहती है. जबकि, वसुंधरा खेमा ने किरण माहेश्वरी का नाम आगे कर रखा है.

यह था हल्दीघाटी का इतिहास
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप का समर्थन करने वाले घुड़सवारों और धनुर्धारियों और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध का नेतृत्व आमेर के मान सिंह प्रथम ने किया था। इस युद्ध के दौरान मुगल विजेता रहे थे। हालांकि, मुगल महाराणा प्रताप को पकड़ने में विफल रहे थे।

उदयपुर/ राजसमंद. राजसमंद लोकसभा सीट पर जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी का नाम चर्चा में आने के बाद महाराणा प्रताप-मानसिंह और अकबर से जुड़े हल्दीघाटी युद्ध का इतिहास गूंजने लगा है. मेवाड़ क्षेत्रीय महासभा ने दीया के नाम का जबरदस्त विरोध करते हुए साफ कहा है कि अगर दीया को इस सीट से मैदान में भाजपा उतारती है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी का ही नुकसान करेगी.

महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कनावत ने कहा कि मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद किसी स्थानीय राजपूत नेता को टिकट देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दीया के रूप में किसी बाहरी प्रत्याशी को यहां की जनता किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी. महासभा के संरक्षक मनोहर सिंह ने कहा कि दीया यदि यहां से चुनाव लड़ेंगी और हम मौन रहे तो आने वाली पीढ़ी यह पूछेगी कि आखिर इतिहास के पन्नों को भूलकर ऐसी कोनसी मजबूरी थी. जिसके कारण मेवाड़ के क्षत्रियों को ऐसा निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि अकबर ने दिल्ली से एक बार नहीं बल्कि 10 बार कोशिश कर ली, लेकिन यहां की 36 कौम ने भूखे रहने के बाद भी अपने सिद्घांतो को नहीं छोड़ा. लेकिन, आज राजपाट के लिए कही भी खड़े हो रहे हैं, सारे सिद्धांतों को छोड़ दिया.

राजसमंद लोकसभा सीट।

आज लालच और स्वार्थ ने इतना अंधा कर दिया कि इतिहास के उन पन्नों को भूल जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेवाड़ का बच्चा जो मां के पेट में है उसको हिंदुस्तान के हल्दीघाटी का इतिहास याद है और इसे चुकाया जाएगा. मनोहर सिंह ने साफ कहा कि भाजपा अगर दीया कुमारी को टिकट दिया गया तो 36 ही कौम विरोध करेगी. आपको बता दें कि दीया कुमारी का नाम पर पहले जयपुर और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से चर्चा में चल रहा था. लेकिन, भाजपा ने दोनों सीटों पर दीया कुमारी की दावेदारी को दरकिनार करते हुए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. इसके बाद अब दीया की चर्चा राजसमंद सीट पर बनी हुई है. इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया खेमा दीया कुमारी को चुनाव लड़ाना चाहती है. जबकि, वसुंधरा खेमा ने किरण माहेश्वरी का नाम आगे कर रखा है.

यह था हल्दीघाटी का इतिहास
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप का समर्थन करने वाले घुड़सवारों और धनुर्धारियों और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध का नेतृत्व आमेर के मान सिंह प्रथम ने किया था। इस युद्ध के दौरान मुगल विजेता रहे थे। हालांकि, मुगल महाराणा प्रताप को पकड़ने में विफल रहे थे।

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राजसमंद सीट: अकबर को जयपुर के पूर्व राजघराने के समर्थन की टीस आज भी मेवाड़ के राजपूतो में





राजसमंद सीट से दीया कुमारी का नाम चर्चा में आने के बाद मेवाड़ क्षत्रीय महासभा ने मोर्चा खोलत हुए हल्दीघाटी के इतिहास को याद करते हुए बड़ा बयान दिया है.... 



उदयपुर . राजसमंद लोकसभा सीट  पर जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी का नाम चर्चा में आने के बाद महाराणा प्रताप-मानसिंह और अकबर से जुड़े हल्दीघाटी युद्ध का इतिहास गूंजने लगा है. मेवाड़ क्षेत्रीय महासभा ने दीया के नाम का जबरदस्त विरोध करते हुए साफ कहा है कि अगर दीया को इस सीट से मैदान में भाजपा उतारती है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी का ही नुकसान करेगी.

महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कनावत ने कहा कि मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद किसी स्थानीय राजपूत नेता को टिकट देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दीया के रूप में किसी बाहरी प्रत्याशी को  यहां की जनता किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी. महासभा के संरक्षक मनोहर सिंह ने कहा कि दीया यदि यहां से चुनाव लड़ेंगी और हम मौन रहे तो आने वाली पीढ़ी यह पूछेगी कि आखिर इतिहास के पन्नों को भूलकर ऐसी कोनसी मजबूरी थी. जिसके कारण मेवाड़ के क्षत्रियों को ऐसा निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि अकबर ने दिल्ली से एक बार नहीं बल्कि 10 बार कोशिश कर ली, लेकिन यहां की  36 कौम ने भूखे रहने के बाद भी अपने सिद्घांतो को नहीं छोड़ा. लेकिन, आज राजपाट के लिए कही भी खड़े हो रहे हैं, सारे सिद्धांतों को छोड़ दिया. आज लालच और स्वार्थ ने इतना अंधा कर दिया कि इतिहास के उन पन्नों को भूल जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेवाड़ का बच्चा जो मां के पेट में है उसको हिंदुस्तान के हल्दीघाटी का इतिहास याद है और इसे चुकाया जाएगा. मनोहर सिंह ने साफ कहा कि भाजपा अगर दीया कुमारी को टिकट दिया गया तो 36 ही कौम विरोध करेगी. आपको बता दें कि दीया कुमारी का नाम पर पहले जयपुर और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से चर्चा में चल  रहा था. लेकिन, भाजपा ने दोनों सीटों पर दीया कुमारी की दावेदारी को दरकिनार करते हुए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. इसके बाद अब दीया की चर्चा राजसमंद सीट पर बनी हुई है. इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया खेमा दीया कुमारी को चुनाव लड़ाना चाहती है. जबकि, वसुंधरा खेमा ने किरण माहेश्वरी का नाम आगे कर रखा है.

 


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Last Updated : Mar 25, 2019, 2:22 PM IST
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