उदयपुर. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल बुधवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर उदयपुर पहुंची. इस दौरान उन्होंने आदिवासी अंचल में जाकर हो रहे बाल तस्करी और बाल श्रम को लेकर अधिकारी से विस्तार में चर्चा की और दिशा-निर्देश दिए. इसके बाद वे जिला मुख्यालय पहुंची, जहां जिला परिषद सभागार में अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में तत्कालीन मुद्दों पर अपनी राय रखी.
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बेनीवाल ने बताया कि उदयपुर संभाग का तीन दिवसीय दौरा बुधवार से शुरू हुआ है. जिसके तहत गोगुंदा और झाड़ोल में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की गई. इसके साथ लगातार बाल श्रम की बढ़ती घटनाओं को लेकर बात की क्योंकि गुजरात बॉर्डर से सटे होने के कारण बाल श्रम और बाल तस्करी की समस्या देखी जाती है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद ऐसे मामले बढ़े हैं. गुजरात और अन्य जगह के बाल तस्करी के रैकेट से जुड़े हुए लोग बच्चों को लुभावने वादों का झांसा देते हैं.
ऐसे में लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद यह दौरा रखा गया. संगीता बेनीवाल ने कहा कि हमारी टीम और हम लोग ग्रामीण और आदिवासी अंचल तक गए. वहां के प्रशासनिक अधिकारी और एसडीएम बातचीत की गई. ऐसे में आगामी रूपरेखा बनाने के लिए एनजीओ का साथ लेकर इस प्रकार की घटनाओं पर कैसे अंकुश लगा सकते हैं जिससे कि बाल श्रम को रोका जा सके.
कोरोना संक्रमण के कारण कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है ऐसे अनाथ बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ना साथ ही साथ बाल कल्याण योजना मुख्यमंत्री की ओर से बच्चों को दी जाने वाली सहायता भी की जा रही है. ऐसे में जिला प्रशासन और अन्य लोगों से यही कहा गया है कि प्रत्येक बच्चे को चिन्हित किया जाए.
पुष्कर के मामले में तत्परता
अजमेर के पुष्कर में जिस प्रकार बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया इस पूरे मामले को लेकर बाल शिक्षण आयोग ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया. वहीं, अजमेर पुलिस ने 48 घंटे के अंदर मुलजिम को पकड़ लिया. बाल आयोग ऐसे सभी मामलों को तत्परता से लेता है.
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कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को देखते हुए बाल संरक्षण आयोग पूरी तरह से अस्पतालों और अन्य चीजों का ध्यान रखा है. इसी के साथ कई जगह निरीक्षण कर लापरवाही पाने पर पाबंद भी किया जा रहा है. बच्चों के लिए सीएचसी,पीएचसी तक ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है