उदयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में फिलहाल लंबा समय बाकी है. लेकिन इस बीच मेवाड़ और वागड़ की राजनीति पर अपना कब्जा जमाने के लिए राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का लगातार प्रवास जारी है. शुक्रवार को भाजपा जिला कार्यसमिति का उदयपुर में आयोजन (BJP district working committee meeting) किया गया. इस बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोगों को पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनाव में जीत का मंत्र दिया.
मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमला ( Satish Punia targeted Gehlot Government) बोला. सतीश पुनिया ने कांग्रेस की आगामी समय में मेवाड़ में होने वाली चिंतन बैठक को लेकर कहा कि कांग्रेस की स्थिति अब दुरुस्त नहीं होने वाली है. क्योंकि कांग्रेस जिस बात को लेकर चिंता करेगी, उसमें कोई सुधार होने की संभावना नहीं है. क्योंकि कांग्रेस के पास सिर्फ दो प्रदेश बचे हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ इसमें राजस्थान की सरकार की जो दशा हुई है. जिसमें लोगों की धारणा लगातार सरकार के खिलाफ हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि जिस पार्टी के अंदर सदस्य बनाने के टोटे पड़ जाएं और कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष अपनी ही पार्टी के सदस्यों को यह कहे आप लोग सदस्य नहीं बना रहे. उस पार्टी की क्या स्थिति है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कितनी भी चिंतन बैठक कर ले उनका भला होने वाला नहीं है.
कक्षा 12वीं के परीक्षा के प्रश्नों पर सतीश पुनिया ने उठाया सवाल: सतीश पुनिया ने कहा कि गुरुवार को 12वीं बोर्ड के पॉलिटिकल साइंस की जो परीक्षा हुई. उसमें आश्चर्य करने वाली बात है कि बच्चों से कांग्रेस के बारे में सवाल पूछे गए. एग्जाम में 6 सवाल के माध्यम से नौजवान बच्चों को भ्रमित करने की कोशिश हो सकती है. क्योंकि जो युवा पीढ़ी है वह कांग्रेस का इतिहास नहीं जानती. क्योंकि इन बच्चों ने कांग्रेस का आपातकाल और इनके कामों को नहीं देखा है. ऐसे में बच्चों से वहीं सवाल पूछे गए जिससे कांग्रेस का भला हो सके. लेकिन भला होने वाला नहीं है. अगर कांग्रेस को प्रश्न पूछने थे तो बच्चों से आपातकाल किसने लगाया पूछते, इस देश में आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किसने किया यह पूछा जाना चाहिए था. 1984 में सिखों के नरसंहार का दोषी कौन था. इतिहास को ऐसे दिखाने की कोशिश की गई है, जैसे कांग्रेस दूध की धुली हो.