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उदयपुर में दूषित भोजन से एक और बच्चे की मौत, कुल 3 बच्चों ने अब तक गंवाई जान...

उदयपुर के मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र में फूड पॉइजनिंग से पहले दो बच्चों की मौत हो गई थी. अब शनिवार को एक और बच्चों की मौत हो गई.

उदयपुर की खबर, udaipur news
दूषित भोजन से एक और बच्चे की मौत
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Published : Sep 25, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 5:43 PM IST

उदयपुर. नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र में फूड पॉइजनिंग से बीमार हुए बच्चों को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. ऐसे में शनिवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया. हालांकि पहले भी दूषित भोजन से दो बच्चों की मौत हो चुकी है.

पढ़ेंः राष्ट्रीय बाल आयोग की गहलोत सरकार को चिट्ठी, कहा- राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2021 पर करें पुनर्विचार

बता दें कि बुधवार को फूड पॉइजनिंग के कारण बच्चों की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. बच्चों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 2 बच्चे की मौत हो गई थी. इसके बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था.

इस पूरे मामले को लेकर विशेष योग्यजन निदेशालय, जयपुर आयुक्त और शासन सचिव गजानंद शर्मा ने शुक्रवार को शहर के लियो का गुढ़ा स्थित नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित विमंदित बाल पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण किया. बच्चों के भोजन, आवास, पेयजल, मनोरंजन सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान गजानंद शर्मा ने बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी.

विशेष सावधानी और संवेदनशीलता रखने के निर्देश

विशेष योग्यजन आयुक्त ने पुनर्वास केंद्र के पदाधिकारियों को बच्चों की देखरेख में विशेष सावधानी और संवेदनशीलता रखने के निर्देश दिए. उन्होंने पुनर्वास केन्द्र के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पुनर्वास केन्द्र में बाहर से किसी भी प्रकार का खाना नहीं आना चाहिए.

पुनर्वास केन्द्रों में बाहर से तैयार खाना खाने से बच्चों की सेहत खराब होने और खाने की गुणवत्ता को लेकर आशंका रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य के सभी विशेष योग्यजन पुनर्वास केन्द्रों में बाहर से तैयार खाना प्रतिबंधित कराने की गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए.

आयुक्त शर्मा बाल चिकित्सालय के जनरल वार्ड में भर्ती पुनर्वास केंद्र के पांच बच्चों की कुशलक्षेम जानने पहुंचे. उन्होंने एमबी अस्पताल अधीक्षक आर.एल. सुमन और अन्य चिकित्सकों से बच्चों की सेहत के बारे में जानकारी ली. चिकित्सकों के मुताबिक बच्चों की सेहत में सुधार है.

पढ़ेंः उदयपुर में दूषित भोजन से 2 बच्चों की मौत...5 का इलाज जारी

आयुक्त ने नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मूक-बधिर छात्रावास, मल्लातलाई स्थित आशा धाम आश्रम, अम्बामाता स्थित विकलांग कल्याण समिति की ओर से संचालित छात्रावास और स्वरूपसागर स्थित थियोसॉफिकल सोसायटी के दिव्यांग छात्रावास का भी निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए.

कलेक्टर से की मुलाकात

विशेष योग्यजन आयुक्त गजानंद शर्मा ने कलक्टर चेतन देवड़ा से मुलाकात की और नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित विमंदित बाल पुनर्वास केन्द्र के दो बच्चों की मृत्यु की घटना और भर्ती बच्चों को दी जा रहीं चिकित्सकीय सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने इस संबंध में जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर भिजवाने को कहा.

क्या है मामलाः

नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र के 7 बच्चे फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं. इनमें से दो बच्चों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इन बच्चों की मौत फूड पॉइजनिंग से हुई है या किसी और वजह से ये अभी साफ नहीं हो पाया है. मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने पुनर्वास केंद्र का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया.

बीमार सभी बच्चों को महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था. 2 बच्चों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी. जिनकी उम्र 16 से 17 वर्ष है. वहीं आज एक और बच्चे की मौत हो गई.

उदयपुर. नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र में फूड पॉइजनिंग से बीमार हुए बच्चों को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. ऐसे में शनिवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया. हालांकि पहले भी दूषित भोजन से दो बच्चों की मौत हो चुकी है.

पढ़ेंः राष्ट्रीय बाल आयोग की गहलोत सरकार को चिट्ठी, कहा- राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2021 पर करें पुनर्विचार

बता दें कि बुधवार को फूड पॉइजनिंग के कारण बच्चों की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. बच्चों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 2 बच्चे की मौत हो गई थी. इसके बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था.

इस पूरे मामले को लेकर विशेष योग्यजन निदेशालय, जयपुर आयुक्त और शासन सचिव गजानंद शर्मा ने शुक्रवार को शहर के लियो का गुढ़ा स्थित नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित विमंदित बाल पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण किया. बच्चों के भोजन, आवास, पेयजल, मनोरंजन सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान गजानंद शर्मा ने बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी.

विशेष सावधानी और संवेदनशीलता रखने के निर्देश

विशेष योग्यजन आयुक्त ने पुनर्वास केंद्र के पदाधिकारियों को बच्चों की देखरेख में विशेष सावधानी और संवेदनशीलता रखने के निर्देश दिए. उन्होंने पुनर्वास केन्द्र के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पुनर्वास केन्द्र में बाहर से किसी भी प्रकार का खाना नहीं आना चाहिए.

पुनर्वास केन्द्रों में बाहर से तैयार खाना खाने से बच्चों की सेहत खराब होने और खाने की गुणवत्ता को लेकर आशंका रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य के सभी विशेष योग्यजन पुनर्वास केन्द्रों में बाहर से तैयार खाना प्रतिबंधित कराने की गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए.

आयुक्त शर्मा बाल चिकित्सालय के जनरल वार्ड में भर्ती पुनर्वास केंद्र के पांच बच्चों की कुशलक्षेम जानने पहुंचे. उन्होंने एमबी अस्पताल अधीक्षक आर.एल. सुमन और अन्य चिकित्सकों से बच्चों की सेहत के बारे में जानकारी ली. चिकित्सकों के मुताबिक बच्चों की सेहत में सुधार है.

पढ़ेंः उदयपुर में दूषित भोजन से 2 बच्चों की मौत...5 का इलाज जारी

आयुक्त ने नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मूक-बधिर छात्रावास, मल्लातलाई स्थित आशा धाम आश्रम, अम्बामाता स्थित विकलांग कल्याण समिति की ओर से संचालित छात्रावास और स्वरूपसागर स्थित थियोसॉफिकल सोसायटी के दिव्यांग छात्रावास का भी निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए.

कलेक्टर से की मुलाकात

विशेष योग्यजन आयुक्त गजानंद शर्मा ने कलक्टर चेतन देवड़ा से मुलाकात की और नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित विमंदित बाल पुनर्वास केन्द्र के दो बच्चों की मृत्यु की घटना और भर्ती बच्चों को दी जा रहीं चिकित्सकीय सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने इस संबंध में जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर भिजवाने को कहा.

क्या है मामलाः

नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र के 7 बच्चे फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं. इनमें से दो बच्चों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इन बच्चों की मौत फूड पॉइजनिंग से हुई है या किसी और वजह से ये अभी साफ नहीं हो पाया है. मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने पुनर्वास केंद्र का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया.

बीमार सभी बच्चों को महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था. 2 बच्चों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी. जिनकी उम्र 16 से 17 वर्ष है. वहीं आज एक और बच्चे की मौत हो गई.

Last Updated : Sep 25, 2021, 5:43 PM IST
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