उदयपुर. देश और प्रदेश में कोरोना का कहर आपदा बनकर टूटा है. कोरोना महामारी ने जहां मनुष्य के जीवन चक्र पर ग्रहण लगा दिया है. हर गुजरते दिन के साथ कोरोना की बेतहाशा मामलों में वृद्धि हो रही है. हजारों लोग अपनी जिंदगी की जंग हार रहे हैं. लाखों की संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. लेकिन इस बीच कुछ लोग मानवता को शर्मसार करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं.
उदयपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां कोरोना की आपदा में कालाबाजारी कर रहे थे, पुलिस विभाग की टीम ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते एक डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के सेकंड ईयर के छात्र को गिरफ्तार किया है. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए जहां इस पूरे घटनाक्रम पर जानकारी दी. साथ ही कोरोना की स्थिति को लेकर बातचीत की.
एसपी ने बताया कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीच ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिवीर इंजेक्शन इन दोनों की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही थी. पुलिस को मिली शिकायत के बाद बोगस ग्राहक भेजा गया जिसमें 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें एक डॉक्टर जबकि एक मेडिकल कॉलेज का छात्र है.
एसपी ने बताया कि जो इंजेक्शन 2800 रुपए में आ रहा था उसको ₹35000 में बेच रहे थे. उन्होंने बताया कि अब तक कितने लोगों को इन्होंने अपने जाल में फंसाया है. पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है. पिछले दिनों इस प्रकार के लोगों को ढूंढा जा रहा है जो फाइनेंसियल तौर पर स्ट्रांग हो और जिसको बहुत ज्यादा जरूरत हो. यह लोग अस्पताल से जुड़े हुए थे इसलिए इनको पेशेंट और उनसे जुड़े हुए लोगों की जानकारी मिलती रहती थी.
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वहीं डॉ. राजीव पचार उदयपुर के लोगों से भी अपील की इस तरह की कालाबाजारी कि शिकायत मिले को कंट्रोल रूम में इसकी शिकायत दें. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के झांसे में नहीं आना चाहिए. एसपी ने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुलिस विभाग की ओर से विशेष तैयारियां की गई है. खास करके कंटेंटमेंट इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. माइक्रो कंटेंटमेंट इलाके जहां पॉजिटिव लोगों की संख्या ज्यादा है. कल तक यह 106 थे. जिनकी संख्या घटकर 84 रह गई है.
उन्होंने बताया कि 44 जगह में 24 घंटे में 3 अलग-अलग पारियों के साथ काम किया जा रहा है. वहीं कल तक 4500 से अधिक चालान काटे हैं. जो लोग अनावश्यक रूप से बाहर घूम रहे थे. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे थे.