उदयपुर. उदयपुर के जनजाति बहुल झाड़ोल के एक गरीब आदिवासी परिवार के बच्चे का सफलतापूर्वक हार्ट ऑपरेशन किया गया है. इसके बाद रोगी को जर्मन तकनीक की एक्मो मशीन का सपोर्ट दिया गया. अब वह बिल्कुल स्वस्थ है. इस बच्चे का मुफ्त इलाज चिरंजीवी योजना के अंतर्गत किया (Free heart operation under Chiranjeevi Yojana) गया.
शनिवार को जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जेडए काजी, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के निदेशक अंकित अग्रवाल, सीईओ प्रतीम तंबोली व हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. संजय गांधी ने इसकी जानकारी दी. जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जनजाति अंचल के निवासियों के लिए वरदान साबित हो रही है. इसका ताजा उदाहरण दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र के 15 वर्षीय बालक दिनेश पलात का है, जो हॉर्ट की गंभीर बीमारी से पीड़ित था. चिरंजीवी योजना के अंतर्गत इसका मुफ्त इलाज किया गया.
ऑपरेशन के बाद बची दिनेश की जान: गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) के निदेशक अंकित अग्रवाल ने बताया कि झाडोल (फलासिया) ब्लॉक के घोरण पंचायत क्षेत्र निवासी बंशीलाल पलात मजदूरी कर अपने परिवार का जीवनयापन करता है. उसका पुत्र दिनेश नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था. अचानक ही उसे चलने-फिरने में सांस फूलना, पांव में सूजन, शरीर में कमजोरी, दिल की तेज धड़कन जैसी तकलीफें होने लगी.
उसकी स्थिति ऐसी हो गई कि वह कोई भी भारी काम नहीं कर पा रहा था. जांच करवाई तो पता चला कि उसके हार्ट के एक वॉल्व में लीकेज है. मरणासन्न स्थिति में दिनेश को गीतांजलि अस्पताल लाया गया, तो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत उसका मुफ्त ऑपरेशन किया गया. यह राजस्थान में पहली बार हुआ कि ऑपरेशन के बाद रोगी को तीन दिन तक एक्मो मशीन पर रखा गया और इस गंभीर रोगी में सुधार आने लगा. ऑपरेशन के बाद वह स्वस्थ्य है.
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रूमेटिक हृदय रोग के ऑपरेशन का पहला मामला: जीएमसीएच के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है कि 15 वर्षीय रोगी जो कि रूमेटिक हार्ट रोग से पीड़ित था, उसका जर्मन की अत्याधुनिक तकनीक से युक्त एक्मो मशीन से सफल इलाज हुआ. उन्होंने ये भी कहा कि हॉस्पिटल में इस रोगी का इलाज मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत पूर्णतया मुफ्त हुआ. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के गंभीर रोग के ऑपरेशन के बाद अब उदयपुर हार्ट ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में भी आगे आ गया है.
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हार्ट फेलियर के लक्षणों के साथ आया रोगी: हृदय शल्य चिकित्सक डॉ संजय गांधी ने बताया कि हार्ट फेलियर के लक्षणों के आए रोगी को चलने-फिरने में सांस फूलना, पांव में सूजन, शरीर में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज जैसे लक्षण थे. उसे भर्ती करने के बाद वार्ड में ही उसके ह्रदय की गति बहुत धीमी हो गई, तुरंत कार्डियक एनेस्थीसिया की टीम ने रोगी को सीपीआर दिया. लगभग आधा घंटा रोगी के चेस्ट कंप्रेशन दिया गया. इसके पश्चात् धीरे-धीरे ह्रदय की गति चलने लगी और साथ ही दिमाग भी सक्रिय हो गया. रोगी में सुधार तो हो गया, परन्तु इसके प्लेटलेट काउंट काफी कम होने के कारण ऑपरेशन करना संभव नहीं था. जैसे ही प्लेटलेट काउंट बढ़े, तो तुरंत रोगी का ऑपरेशन कर वाल्व को बदला गया. इसके बाद रोगी की स्थिति को देखते हुए रोगी को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त एक्मो मशीन पर लिया गया. टीम की लगातार मॉनिटरिंग के बाद रोगी अब पूर्णतया स्वस्थ है.