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निकाय चुनाव 2019: श्रीगंगानगर में भाजपा-कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी बागी पार्षद उम्मीदवार, वार्ड 28 की जंग नहीं आसान - श्रीगंगानगर समाचार

प्रदेश की 49 निकायों पर 16 नवंबर को वोट डलेंगे. ऐसे में श्रीगंगानगर नगर परिषद में प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे है. लेकिन शहर के वार्ड 28 में भाजपा से बागी प्रत्याशी दोनों ही पार्टियों के लिए सिर दर्द बन चुकी है. कैसे देखिए स्पेशल रिपोर्ट..

Sriganganagar Municipal Council, Sriganganagar Nagar Parishad
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Published : Nov 12, 2019, 12:03 AM IST

श्रीगंगानगर. निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस-भाजपा में उपजा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. दोनों ही पार्टियों में उपजे असंतोष का फायदा निर्दलीयों को मिलता दिखाई दे रहा है. कांग्रेस-भाजपा के टिकट वितरण से जहां पार्टी का कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहा है. वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं की इसी नाराजगी का फायदा वार्डों में बागी उम्मीदवार उठा सकते है.

भाजपा-कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी बागी पार्षद उम्मीदवार

वहीं अगर श्रीगंगानगर नगर परिषद के वार्ड 28 की बात करें तो यहां टिकट वितरण के बाद से ही कांग्रेस के प्रत्याशी का जमकर विरोध किया जा रहा है, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी वार्ड का नहीं होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में पार्टी के इस फैसले के प्रति गुस्सा है. बता दें कि वार्ड 28 में सांसी समाज के मतदाताओं का बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस पार्टी ने इस समाज से पहले जो उम्मीदवार बनाया उसका नाम अंतिम समय में बदलने से अब सांसी समाज के लोग कांग्रेस के खिलाफ खुलकर मैदान में आ चुके हैं.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: भरतपुर के वार्ड 19 में ना ठीक सड़कें, ना साफ-सफाई..फिर भी पार्षद से खुश वार्डवासी..जानिए ये है वजह

इधर, वार्ड 28 में कांग्रेस-भाजपा के बनाए गए दोनों ही उम्मीदवारों की भाजपा से बागी प्रत्याशी मुश्किल बढ़ा रही है. भाजपा से टिकट की दावेदार मानी जा रही मैना देवी नायक की टिकट कटने और पार्टी द्वारा बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर मैदान में उतारने से मतदाताओं में नाराजगी साफ नजर आ रही है. वहीं कांग्रेस ने सांसी समाज की टिकट काटने से समाज पार्टी के खिलाफ समाज के लोगों में आक्रोश है. ऐसे में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होने की उम्मीद लग रही है.

पढ़ें- '63 साल के इतिहास में कांग्रेस जितनी कोई सरकार कंफ्यूज नहीं रही'

बता दें कि वार्ड 28 सुरक्षित एससी सीट है और करीब 2600 मतदाता है. वार्ड के लोगों की बात करें तो उनका दोनों पार्टियों के प्रति आक्रोश है. भाजपा ने इस वार्ड में मंजू अठवाल को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने परमजीत कौर को प्रत्याशी बनाया है. वार्ड के मतदाता भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे प्रत्याशी से इसलिए नाखुश है कि वह वार्ड से बाहर गांव की रहने वाली है. भाजपा प्रत्याशी मंजू अठवाल का वार्ड 28 में ना तो घर है ना ही उसने कभी इस वार्ड में निवास किया है. ऐसे में वार्ड के मतदाता भाजपा प्रत्याशी का इसलिए भी विरोध कर रहे है कि पार्टी ने वार्ड के लोगों की भावनाओं की कद्र ना करके बाहरी प्रत्याशी को थोपा है.

पढ़ें- भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया आरोप, कहा- कांग्रेस कर रही सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग

वहीं साल 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे अमरजीत गिल के परिवार को फिर से टिकट देने और सांसी समाज को टिकट देकर काटने से एक बड़ा वोट बैंक कांग्रेस पार्टी से नाराज है. ऐसे में वार्ड 28 में भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रही मैना देवी नायक ने पार्टी उम्मीदवारों की मुश्किल बढ़ा दी है. अब देखना होगा कि दोनों ही पार्टियों से नाराज वार्डवासी किसको अपना वोट देकर पार्षद की कुर्सी पर बैठाएंगे.

श्रीगंगानगर. निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस-भाजपा में उपजा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. दोनों ही पार्टियों में उपजे असंतोष का फायदा निर्दलीयों को मिलता दिखाई दे रहा है. कांग्रेस-भाजपा के टिकट वितरण से जहां पार्टी का कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहा है. वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं की इसी नाराजगी का फायदा वार्डों में बागी उम्मीदवार उठा सकते है.

भाजपा-कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी बागी पार्षद उम्मीदवार

वहीं अगर श्रीगंगानगर नगर परिषद के वार्ड 28 की बात करें तो यहां टिकट वितरण के बाद से ही कांग्रेस के प्रत्याशी का जमकर विरोध किया जा रहा है, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी वार्ड का नहीं होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में पार्टी के इस फैसले के प्रति गुस्सा है. बता दें कि वार्ड 28 में सांसी समाज के मतदाताओं का बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस पार्टी ने इस समाज से पहले जो उम्मीदवार बनाया उसका नाम अंतिम समय में बदलने से अब सांसी समाज के लोग कांग्रेस के खिलाफ खुलकर मैदान में आ चुके हैं.

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इधर, वार्ड 28 में कांग्रेस-भाजपा के बनाए गए दोनों ही उम्मीदवारों की भाजपा से बागी प्रत्याशी मुश्किल बढ़ा रही है. भाजपा से टिकट की दावेदार मानी जा रही मैना देवी नायक की टिकट कटने और पार्टी द्वारा बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर मैदान में उतारने से मतदाताओं में नाराजगी साफ नजर आ रही है. वहीं कांग्रेस ने सांसी समाज की टिकट काटने से समाज पार्टी के खिलाफ समाज के लोगों में आक्रोश है. ऐसे में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होने की उम्मीद लग रही है.

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बता दें कि वार्ड 28 सुरक्षित एससी सीट है और करीब 2600 मतदाता है. वार्ड के लोगों की बात करें तो उनका दोनों पार्टियों के प्रति आक्रोश है. भाजपा ने इस वार्ड में मंजू अठवाल को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने परमजीत कौर को प्रत्याशी बनाया है. वार्ड के मतदाता भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे प्रत्याशी से इसलिए नाखुश है कि वह वार्ड से बाहर गांव की रहने वाली है. भाजपा प्रत्याशी मंजू अठवाल का वार्ड 28 में ना तो घर है ना ही उसने कभी इस वार्ड में निवास किया है. ऐसे में वार्ड के मतदाता भाजपा प्रत्याशी का इसलिए भी विरोध कर रहे है कि पार्टी ने वार्ड के लोगों की भावनाओं की कद्र ना करके बाहरी प्रत्याशी को थोपा है.

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वहीं साल 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे अमरजीत गिल के परिवार को फिर से टिकट देने और सांसी समाज को टिकट देकर काटने से एक बड़ा वोट बैंक कांग्रेस पार्टी से नाराज है. ऐसे में वार्ड 28 में भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रही मैना देवी नायक ने पार्टी उम्मीदवारों की मुश्किल बढ़ा दी है. अब देखना होगा कि दोनों ही पार्टियों से नाराज वार्डवासी किसको अपना वोट देकर पार्षद की कुर्सी पर बैठाएंगे.

Intro:श्रीगंगानगर : निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस-भाजपा में उपजा विवाद शांत होता नजर नही आ रहा है। दोनों ही पार्टियों में उपजे असन्तोष का फायदा निर्दलीयों को मिलता दिखाई दे रहा है।कांग्रेस-भाजपा के टिकट वितरण से जहां पार्टी का निष्ठावान जमीनी कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओ की इसी नाराज का फायदा वार्डो में बागी उमीदवार उठा रहे है।वार्ड 28 की बात करें तो यहां टिकट वितरण के बाद से ही कांग्रेस के प्रत्याशी का जमकर विरोध किया जा रहा है तो वही भाजपा प्रत्याशी वार्ड का नही होने से कार्यकर्ताओ व मतदाताओं में पार्टी फैशले के प्रति गुस्सा है।वार्ड 28 में सांसी समाज के मतदाताओं का बड़ा वोट बैंक है। कांग्रेस पार्टी ने इस समाज से पहले जो उम्मीदवार बनाया उसका नाम अंतिम समय में बदलने से अब सांसी समाज के लोग कांग्रेस के खिलाफ खुलकर मैदान में आ चुके है।


Body:वार्ड 28 में कांग्रेस-भाजपा द्वारा बनाये गए दोनों ही उम्मीदवारो की भाजपा से बागी प्रत्याशी मुश्किल बढ़ा रही है। भाजपा से टिकट की दावेदार मानी जा रही मैना देवी नायक की टिकट कटने व पार्टी द्वारा बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर मैदान में उतारने से मतदाताओं में नाराजगी साफ नजर आ रही है।वहीं कांग्रेस ने सांसी समाज की टिकट काटने से समाज पार्टी के खिलाफ समाज के लोगो का बड़ा आक्रोश है। ऐसे में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होने की उम्मीद लग रही है। वार्ड नम्बर 28 सुरक्षित एससी सीट है और करीब 2600 मतदाता है।वार्ड के लोगो की बात करें तो उनका दोनों पार्टियों के प्रति आक्रोश है।भाजपा ने इस वार्ड में मंजू अठवाल को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने परमजीत कौर को प्रत्याशी बनाया है।वार्ड के मतदाता भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे प्रत्याशी से इसलिए नाखुश है कि वह वार्ड से बाहर गांव की रहने वाली है।भाजपा प्रत्याशी मंजू अठवाल का वार्ड 28 में ना तो घर है ना ही उसने कभी इस वार्ड में निवास किया है।ऐसे में वार्ड के मतदाता भाजपा प्रत्याशी का इसलिए भी विरोध कर रहे है कि पार्टी ने वार्ड के लोगो की भावनाओ की कद्र ना करके बाहरी प्रत्याशी को थोपा है। वहीं 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे अमरजीत गिल के परिवार को फिर से टिकट देने व सांसी समाज की टिकट देकर काटने से एक बड़ा वोट बैंक कांग्रेस पार्टी से नाराज है। ऐसे में वार्ड 28 में भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रही मैना देवी नायक ने पार्टी उम्मीदवारों की मुश्किल बढ़ा दी है।ऐसे में अब दोनों ही पार्टियां वार्ड के नाराज मतदाताओं को कैसे मना पाती है ये पार्टी नेताओं पर निर्भर करेगा।


Conclusion:बागी ने कांग्रेस-भाजपा की बढ़ाई मुश्किल।
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