श्रीगंगानगर. अखिल भारतीय किसान सभा कि ओर से किसानों का संपूर्ण कर्ज मुक्ति करने, फसल खरीद गारंटी कानून बनाने, फिरोजपुर फीडर का निर्माण करने, डिग्गियों का बकाया अनुदान जारी करने, एटा सिंगरासर माइनर का निर्माण करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान गुस्साए किसानों ने सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.
इस मौके पर किसानों ने कहा कि देश का सबसे बड़ा उद्योग खेती है. जो सरकारों की नियत और नीति के चलते बुरे दौर से गुजर रही है. किसान पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. किसानों की आत्महत्या की यही मुख्य वजह है. किसानों की कर्ज मुक्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने वादाखिलाफी की है. वहीं खेतों में डिग्गियों के निर्माण के बावजूद किसानों को अनुदान की राशि नहीं मिल रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द ही सरकार ने अनुदान राशि किसानों को नहीं दी तो आंदोलन किया जाएगा.
किसान नेताओं ने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने संपूर्ण कर्ज मुक्ति का वायदा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद आज अलग-अलग पेच लगाकर सरकार किसानों के कर्ज माफी पर आनाकानी कर रही है. जिससे संपन्न इलाके का किसान आत्महत्या कर रहा है. यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में 4 किसानों को कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करनी पड़ी थी.
मांगें नहीं मानी तो 14 को होगी महापंचायत
उधर जिले की एटा सिंगरासर की मांग को प्रमुख मांग मानते हुए कहा है कि सरकार ने हनुमानगढ़ जिले के भादरा कस्बे के 14 बरानी गांव को सिंचित करने के लिए डीपीआर का ऐलान किया है, लेकिन एटा सिंगरासर पर कोई ध्यान नहीं दिया है. किसान नेताओं का कहना है कि एटा सिंगरासर की मांग पर बीजेपी की तरह कांग्रेस सरकार ने भी वादाखिलाफी की है. किसानों नेताओ ने सरकार को सद्बुद्धि लेने की बात कहते हुए कहा है कि गहलोत सरकार किसान की वाजिब मांग को मानें अन्यथा 14 अगस्त के दिन एटा सिंगरासर के अंदर किसान महापंचायत करके सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान करेगा.