श्रीगंगानगर. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी शनिवार रो श्रीगंगानगर जिले के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट सभा हाल में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में उन्होने कहा कि राजस्व नियम व एनआर एक्ट बहुत पुराने हैं, जिनमें बदलाव की आवश्यकता है. किसानों को कम समय में न्याय मिले तथा कम समय में प्रकरण निस्तारित हो इसको लेकर नियमों में सरलीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है.
साथ ही बैठक क दौरान उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को राजस्व जैसी संस्था की साख को बहाल करना होगा. आम धारणा है कि राजस्व के प्रकरण कई वर्षों तक लंबित रहते हैं. राजस्व प्रकरण कम समय में त्वरित गति से निस्तारित हो इसको लेकर राजस्व कार्यो में तेजी लानी होगी. राजस्व अधिकारियों का मूल कार्य राजस्व वसूलन है. इन कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि पटवारियों को भी दैनिक डायरी भरनी चाहिए. राज्य में सेटलमेंट का सर्वे और रीसर्वे का कार्य प्रगति पर है. समीक्षा के दौरान भी संतोषजनक स्थिति सामने आई है. उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत नागरिक किसी न किसी रूप में राजस्व से जुड़े हैं. ऐसे नागरिकों के कार्य में तत्परता दिखा कर उन्हें राहत दी जा सकती है.
ये पढ़ें: कोटा: फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए भाजपा प्रत्याशी ने भरा पर्चा, जालसाजी का मुकदमा दर्ज
जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने राजस्व समस्याओं व राजस्व कार्यो की प्रगति की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1994 में हनुमानगढ़ जिला अलग बनने के बाद श्रीगंगानगर जिला 10932 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में है. जिले में 7562 खातेदार हैं. सुरतगढ क्षेत्र में भूमि के चकबंदी का कार्य प्रगति पर है. जिले में 10 तहसीलों में से 9 तहसीलों में रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया गया है. सूरतगढ़ तहसील 20 नवंबर तक ऑनलाइन होने की पूरी संभावना है. जिले में 1118 राजस्व प्रकरण निस्तारित किए गए हैं. बैठक में पूर्व राज्य मंत्री एवं करणपुर विधायक,गंगानगर विधायक राजकुमार गौड़, सादुलशहर विधायक जगदीश जांगिड़, एडीएम प्रशासन, राजस्व अपील अधिकारी करतार सिंह पूनिया सहित तमाम राजस्व अधिकारी मौजूद रहे.