श्रीगंगानगर. कोरोना वायरस से निपटने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जिला अस्पताल दिन रात मशक्कत करने में जुटे हुए हैं. शहर के राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती हुई कोरोना संदिग्ध रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भले ही चिकित्सालय के चिकित्सकों और स्टाफ ने राहत की सांस ली है. लेकिन चिकित्सालय में अब भी लोग पर्याप्त सावधानी बरत रहे हैं.
इसका मुख्य कारण चिकित्सालय में लगातार कोरोना संदिग्धों का पहुंचना है. भर्ती रोगियों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के ठीक बाद बुधवार को छह अन्य कोरोना संदिग्ध रोगी चिकित्सालय में भर्ती हुए हैं. उनकी रिपोर्ट भेजी गयी है जो शुक्रवार तक आयेगी. कोरोना के खौफ से चिकित्सालय में भर्ती अन्य रोगियों और उनके परिजनों ने अतिरिक्त सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. इलाके में लॉक डाउन और चिकित्सालय में कोरोना संदिग्धों के आने के बीच रोगियों की आवाजाही में कमी आई है. सामान्य ओपीडी में रोगियों की संख्या कम आ रही है. वहीं चिकित्सालय परिसर में भी लोगों की आवाजाही में कमी आ गई है.
चिकित्सालय के मुख्य द्वार से वार्डों तक रोगियों के परिजन भी कम ही नजर आ रहे हैं. इलाके में कोरोना वायरस की आशंकाओं के बीच आमजन के लिए अच्छी खबर यह है कि जिन दो डॉक्टरों सहित 6 रोगियों के सैंपल लिए गए थे, उन्हें बीकानेर के मेडिकल कॉलेज में जांच के बाद नेगेटिव पाया गया है. राजकीय जिला चिकित्सालय के कोरोना वायरस वार्ड में रोगियों के भर्ती होने का क्रम जारी है. 6 नए रोगियों में निमोनिया जैसे लक्षण नजर आने पर इनके भी सैंपल लिए गए हैं.
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आइसोलेशन वार्ड के लिए राजकीय जिला चिकित्सालय में दो रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई गई है. जिला अस्पताल पीएमओ डॉ. केशव कामरा ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए कम से कम भीड़ की जाए. वहीं अस्पताल प्रशासन ने खांसी, जुकाम जैसे संक्रमण फैलाने वाली बीमारियों के मरीजों को सामान्य मरीजों से अलग रखकर इलाज शुरू किया है. डॉक्टर कामरा ने बताया कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए हर प्रकार की सावधानियां बरती जा रही है, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न फैले.