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श्रीगंगानगर: नवजात बच्चे की मौत के मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग - अस्पताल में बच्चे की मौत

श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में मासूम की मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है. इसके लिए मृतक बच्चे के पिता ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

child died in hospital, श्रीगंगानगर न्यूज
नवजात बच्चे की मौत मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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Published : Feb 2, 2020, 2:21 AM IST

श्रीगंगानगर. शहर के निजी अस्पताल में 3 माह के मासूम की मौत का मामला बढ़ता ही जा रहा है. बच्चे की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं मृतक बच्चे के पिता विकास मिड्ढा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर डॉ. दर्शन आहूजा, संचालक निजी हॉस्पिटल और अन्य स्टाफ की ओर से की गई इलाज में लापरवाही के संबंध में अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

नवजात बच्चे की मौत मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

ज्ञापन में कहा गया है कि निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर दर्शन आहूजा, डॉ. हिमांशु आहूजा और अप्रशिक्षित स्टाफ की ओर से बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिस कारण बच्चे की मृत्यु हो गई. हॉस्पिटल का स्टाफ जो वार्ड में और आईसीयू में बच्चे की सार संभाल कर रहा था, वो अनुभवहीन स्टाफ था. अस्पताल में स्टाफ के पास कोई डिग्री नहीं है और न ही बच्चों की देखरेख का कोई अनुभव है. बावजूद इसके ऐसे लोगों को अस्पताल मे नवजात बच्चों का इलाज करने के लिए रखा हुआ है.

पढ़ें- केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने जयपुर में पकड़ी 2 करोड़ रुपए की नशीली दवाएं

साथ ही यह भी कहा गया है कि डॉक्टर दर्शन आहूजा, डॉ. हिमांशु आहूजा और हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा लापरवाही, उपेक्षा पूर्ण कार्य करते हुए अपनी ड्यूटी पर रहकर कार्य का सही निर्वाह नहीं किया. डॉ. दर्शन आहूजा और डॉ. हिमांशु आहूजा बच्चे की हालत गंभीर होते देख वहां से भाग गए. परिजनों ने कहा कि इस पूरे प्रकरण के संबंध में सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए, ताकि बच्चे की मौत के कारणों का पता चले. अस्पताल के प्रबंधक डॉ. दर्शन आहूजा और हॉस्पिटल के स्टाफ की ओर से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

वहीं मामले पर परिजनों ने कहा कि जुबिन हॉस्पिटल की मान्यता रद्द की जाए. डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के संबंध में विभागीय जांच करवाई जाए. इसके अलावा हॉस्पिटल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधा, स्टाफ की प्रोफेशनल योग्यता की जांच की जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल को दी गई मान्यता रद्द करने का आदेश दिया जाए, ताकि यहां आने वाले बाकी बच्चों का जीवन संकट में ना आए.

श्रीगंगानगर. शहर के निजी अस्पताल में 3 माह के मासूम की मौत का मामला बढ़ता ही जा रहा है. बच्चे की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं मृतक बच्चे के पिता विकास मिड्ढा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर डॉ. दर्शन आहूजा, संचालक निजी हॉस्पिटल और अन्य स्टाफ की ओर से की गई इलाज में लापरवाही के संबंध में अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

नवजात बच्चे की मौत मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

ज्ञापन में कहा गया है कि निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर दर्शन आहूजा, डॉ. हिमांशु आहूजा और अप्रशिक्षित स्टाफ की ओर से बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिस कारण बच्चे की मृत्यु हो गई. हॉस्पिटल का स्टाफ जो वार्ड में और आईसीयू में बच्चे की सार संभाल कर रहा था, वो अनुभवहीन स्टाफ था. अस्पताल में स्टाफ के पास कोई डिग्री नहीं है और न ही बच्चों की देखरेख का कोई अनुभव है. बावजूद इसके ऐसे लोगों को अस्पताल मे नवजात बच्चों का इलाज करने के लिए रखा हुआ है.

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साथ ही यह भी कहा गया है कि डॉक्टर दर्शन आहूजा, डॉ. हिमांशु आहूजा और हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा लापरवाही, उपेक्षा पूर्ण कार्य करते हुए अपनी ड्यूटी पर रहकर कार्य का सही निर्वाह नहीं किया. डॉ. दर्शन आहूजा और डॉ. हिमांशु आहूजा बच्चे की हालत गंभीर होते देख वहां से भाग गए. परिजनों ने कहा कि इस पूरे प्रकरण के संबंध में सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए, ताकि बच्चे की मौत के कारणों का पता चले. अस्पताल के प्रबंधक डॉ. दर्शन आहूजा और हॉस्पिटल के स्टाफ की ओर से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

वहीं मामले पर परिजनों ने कहा कि जुबिन हॉस्पिटल की मान्यता रद्द की जाए. डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के संबंध में विभागीय जांच करवाई जाए. इसके अलावा हॉस्पिटल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधा, स्टाफ की प्रोफेशनल योग्यता की जांच की जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल को दी गई मान्यता रद्द करने का आदेश दिया जाए, ताकि यहां आने वाले बाकी बच्चों का जीवन संकट में ना आए.

Intro:श्रीगंगानगर : शहर के निजी जुबिन अस्पताल में 3 माह के अबोध बच्चे की कथित चिकित्सीय लापरवाही के कारण हुई मौत
का मामला बढता जा रहा है।बच्चे की मौत के बाद आक्रोशीत परिजनो ने अस्पताल के डॉक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवाया है वहीं मृतक बच्चे के पिता विकास मिड्ढा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर डॉ दर्शन आहूजा,संचालक जुबिन हॉस्पिटल व अन्य स्टाफ के द्वारा इलाज में की गई लापरवाही के संबंध में अस्पताल व डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि जुबीन हॉस्पिटल के डॉक्टर दर्शन आहूजा,डॉ हिमांशु आहूजा और अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई जिस कारण बच्चे की मृत्यु हो गई। जुबिन हॉस्पिटल का स्टाफ जो वार्ड में तथा आईसीयू में बच्चे की सार संभाल कर रहा था वह अनुभवहीन स्टाफ था।अस्पताल में स्टाफ के पास कोई डिग्री नहीं है और ना ही बच्चों की देखरेख का कोई अनुभव है।बावजूद इसके एसे लोगो को अस्पताल मे नवजात बच्चो का इलाज करने के लिए रखा हुआ है।





Body:डॉक्टर दर्शन आहूजा,डॉ हिमांशु आहूजा व हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा लापरवाही,उपेक्षा पूर्ण कार्य करते हुये अपनी ड्यूटी पर रहकर कार्य का सही निर्वाह नहीं किया। डॉ दर्शन आहूजा व डॉ हिमांशु आहूजा बच्चे की हालत गंभीर होते देख वहां से भाग गए। परिजनो ने कहां की इस पुरे प्रकरण के संबंध में सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए,ताकी पता चल जाए की बच्चे की मौत केसे हुई है। अस्पताल के प्रबंधक डॉ दर्शन आहुजा व हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
परिजनों ने कहा है कि जुबिन हॉस्पिटल की मान्यता रद्द की जाए।डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के संबंध में विभागीय जांच करवाई जाए।इसके अलावा हॉस्पिटल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधा,स्टाफ की प्रोफेशनल योग्यता की जांच की जावे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हॉस्पिटल को दी गई मान्यता रद्द करने का आदेश दिया जाए।ताकी यहां आने वाले बाकी बच्चों का जीवन संकट में ना आए।

बाईट : विकाश मिड्डा, मृतक बच्चे का पिता।
बाइट : राकेश,एडवोकेट।








Conclusion:डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की हुई मौत मामले में बच्चे के पिता की गुहार,अस्पताल के खिलाफ हो कार्रवाई।

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