प्रदेश भर में सोमवार से शुरू हुए खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश के करीब सभी जिलों में बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. जिसमें झुंझुनूं में टीकाकरण के बाद बच्चों की तबियत बिगड़ने की खबर आयी वहीं हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में बच्चों के साथ साथ अभिभावकों ने भी टीकाकरण के प्रति उत्साह दिखाया.
झुंझुनूं में खाली पेट टीकाकरण से करीब दो दर्जन बच्चों की तबियत बिगड़ी
झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ में खसरा-रूबेला टीका लगाने के बाद डढ़ दर्जन बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आयी हैं. बताया जा रहा है कि टारगेट को पूरा करने के लिए बच्चों को जबरन टीके लगाए गए. यह घटना सूरजगढ़ के काकोड़ा ग्राम पंचायत की है जहां दो स्कूलों के बच्चों को टिकाकरण के बाद तबीयत बिगड़ गयी. जिसके बाद एम्बुलेंस के जरिये बच्चों को सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया. फिलहाल बच्चों का इलाज जारी हैं.
सरकार द्वारा चलाया जा रहा रूबेला-खसरा टीकाकरण अभियान सोमवार को सूरजगढ़ उपखंड क्षेत्र में निजी स्कूलों के विधार्थियो के लिए जान की आफत बन गया. काकोड़ा क्षेत्र के दो विद्यालयों में टीकाकरण के बाद करीब दो दर्जन बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें एम्बुलेंस की मदद से इलाज के लिए सूरजगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जानकारी के अनुसार सोमवार को सूरजगढ़ ब्लॉक सीएमएचओ डॉ श्रवण कुमार के निर्देश पर सूरजगढ़ ब्लॉक में निजी स्कूलों में खसरा रूबेला अभियान के तहत बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा था. टीकाकरण अभियान के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को कोई दिशा निर्देश या गाइडलाईन नहीं दी गई थी. बता दें कि टीकाकरण के दौरान बच्चों की खाली पेट नहीं रहना होता है. बताया जा रहा है कि स्कूल संचालक मेडिकल टीम को बच्चों के खाली पेट में होने की बात कहते रहे, बावजूद इसके मेडिकल टीम अपना टारगेट पूरा करने के लिए बच्चों को जबरदस्ती टीके लगाए. जिसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी.
श्रीगंगानगर में शुरू हुआ खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान
गंभीर बीमारी खसरा-रूबेला को देश से मिटाने के लिए सोमवार को जिले में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ. अभियान के दौरान 9 माह से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों को खसरा-रूबेला का टीका स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और मदरसों में लगाया गया और उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए. यह अभियान करीब 1 माह तक जारी रहेगा. पहले दिन जिला मुख्यालय पर मटका चौक स्थित राजकीय बालिका विद्यालय में सीएमएचओ डॉ गिरधारी मेहरड़ा ने अभियान की शुरुआत की.
खसरा-रूबेला अभियान के दौरान बच्चों से रूबरू होते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह टीकाकरण सबके लिए जरूरी है, क्योंकि हमें देश से इस बीमारी को पूरी तरह से नष्ट करना है. इससे पहले हमने सफल टीकाकरण अभियान के जरिए ही पोलियो और चेचक जैसी गंभीर बीमारियों को खत्म किया है.
अभियान में जरूरी है कि बच्चों को स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित अन्य निर्धारित स्थलों पर टीकाकरण हो जाए, क्योंकि कोई भी टीम घर-घर नहीं पहुंचेगी. यह टीका उन बच्चों को भी लगेगा जिनको पहले भी नियमित खसरा या बूस्टर टीका लग चुका है. अभियान को लेकर अभिभावकोंके साथ साथ बच्चों में उत्साह देखते ही बन रहा है. अभियान के सफल संचालन को लेकर सीएमएचओ गिरधारी मेहरडा, आरसीएचओ और एसीएमएचओ सहित अन्य अधिकारियों ने फील्ड में जाकर निरीक्षण किया और व्यवस्थाएं देखी.
हनुमानगढ़ में जोर शोर से शुरु हुआ टीकाकरण अभियान
हनुमानगढ़ में रूबेला और खसरा टीकाकरण अभियान की शुरुआत जिला मुख्यालय पर व्यापार मंडल स्कूल से हुई. यहां पर जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बच्चों के टीकाकरण कर इसकी शुरुआत की. खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम करने के लिए सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया गया है. इस अभियान की शुरुआत सोमवार हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के व्यापार मंडल पब्लिक स्कूल से हुई जहां पर कुल 400 बच्चों का टीकाकरण किया गया.
इस अभियान की शुरुआत जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई. व्यापार मंडल स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए जो सरकार ने अभियान चलाया है वो काफी सराहनीय हैं. इससे बच्चों के आने वाले समय में इन बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
टीकाकरण अभियान में जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि कोई भी बच्चा टीकाकरण अभियान से ना छूटे. वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट किया की इस अभियान के तहत स्कूल, घर, आंगनवाड़ी केंद्र आदी जगह पर जहां-जहां बच्चे मौजूद होंगे, वहां-वहां उनकी टीम जा कर यह टीकाकरण कर खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों पर इस अभियान के तहत रोक लगायेगी.