श्रीगंगानगर. पुरानी कहावत है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता. लेकिन मन में जोश, कठिन परिश्रम और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो अकेला इंसान भी बहुत कुछ कर सकता है. श्रीगंगानगर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू ने ये साबित कर दिखाया है. दरअसल, चंद्रपाल जांदू ने 8 साल पहले महाविद्यालय में ही गरीब घरों और जरुरतमंद बच्चों को कामयाब करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई थी.
इस दौरान उनके सामने ना जाने कैसी-कैसी मुश्किलें भी आई, लेकिन जांदू ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे पढ़ने वाले बच्चों के लिए हर तरीके से अपने आप को समर्पित करते रहे. जैसे-जैसे समय बदलता गया, वैसे-वैसे तस्वीर भी बदलती गई और यहां निशुल्क पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों की भीड़ लगने लगी. अब जांदू ने विद्यार्थियों की अच्छी तरह से तैयारी करवाने में कॉलेज के अपने साथी प्रोफेसर की भी मदद ली. इस तरह अब जांदू द्वारा शुरू किया गया ये मिशन सुखद परिणाम देने लगा है.
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काफी लंबे अरसे से की जा रही प्रोफेसर जांदू द्वारा मेहनत का फल अब दिखने लगा है. जांदू की मेहनत का फल एसआई भर्ती के परिणाम में देखने को मिला. इस एसआई भर्ती के परिणाम ने ना केवल प्रोफेसर चंद्रपाल चांदू और उनके साथी प्रोफेसरों के सुकून दिया. बल्कि जिले का नाम भी रोशन किया. इस बार श्रीगंगानगर के इस निशुल्क कोचिंग सेंटर से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए साक्षात्कार की तैयारी करके 60 से 70 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.
खास बात यह है कि प्रदेश के टॉप 50 में भी इस कोचिंग सेंटर के 8 अभ्यर्थी शामिल हैं. एसआई भर्ती का परिणाम 1 सितंबर 2020 को जब जारी हुआ तो उसे देख ऐसा लगा. जैसे कि निशुल्क तैयारी करवाकर प्रोफेसर जांदू और उनकी टीम ने मानो थानेदारों की फैक्ट्री खोल दी है. इंस्पेक्टर के साक्षात्कार के लिए प्रदेश के 22 जिलों से 102 अभ्यर्थियों ने खुद को पंजीकृत करवाया था, जिसमें करीब 70 अभ्यर्थी सफल हुए है.
असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कोचिंग प्रभारी चंद्रपाल जांदू का कहना है कि साक्षात्कार की क्लासेस 23 जनवरी को शुरू होकर लगातार 26 अगस्त तक चली. इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश में 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और एक लाख 90 हजार अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. इनमें से 13 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे. इसके बाद इन 13 हजार में से 1900 अभ्यर्थी फिजिकल में क्लियर हुए, जिसके बाद इन सभी का साक्षात्कार लिया गया, जिसमें 511 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इसमें करीब 65 अभ्यर्थी इस कोचिंग सेंटर के हैं. वहीं, पिछले 8 साल की बात की जाए तो अब तक 200 से अधिक युवाओं का सरकारी नौकरी के लिए चयन हुआ है.
एसआई भर्ती में चयनित हुए इस निशुल्क कोचिंग के सिकंदर सिंह की बात की जाए तो सिकंदर जिले के गजसिंहपुर के रहने वाले है, जो पिछले कई साल से चंद्रपाल जांदू के सानिध्य में रहकर एसआई की तैयारी कर रहे थे. हालांकि, सिकंदर सिंह पुलिस में कांस्टेबल हैं. लेकिन मन में कुछ कर गुजरने का इरादा था और उनके इसी इरादे ने उन्हें और ज्यादा मजबूत किया. इस बार के आए परिणाम ने उन्हें एक सिपाही से थानेदार बना दिया है.
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इसी तरह लखविंदर सिंह ने चंद्रपाल जांदू के संपर्क में आने के बाद एक लक्ष्य बनाकर उनके कहने पर दिन रात पढ़ाई की. लखविंदर सिंह हनुमानगढ़ के पीलीबंगा का रहने वाले हैं और उसके पिता एक किसान हैं. उनके घर की हालत की काफी खराब है. इस बीच उनमें चांदू ने ऐसा जादू भरा कि उन्होंने एसआई बनने के लिए अपनी जी-जान लगा दी. उनके इसी प्रयास ने उनका चयन इस बार के एसआई भर्ती में करवा दिया. यह कहानियां उन युवाओं की है जो सरकारी नौकरी में होने के बाद भी मेहनत और लग्न से एसआई परीक्षा में चयनित हुए. ऐसे में चंद्रपाल जांदू उन गुदड़ी के लालों के लिए काम कर उन्हें आगे बढाने में लगे हैं, जिनके पास आगे बढ़ने के लिए कोई सहारा तक नहीं है.