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Special: जांदू की निशुल्क कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए साबित हो रही 'जादू' - असिस्टेंट प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू

कहते हैं कि अगर कुछ करने की चाह हो तो इंसान बड़े-बड़े से सफर को चुटकियों में पार कर लेता है. कुछ ऐसा ही हाल श्रीगंगानगर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय में कार्यरत एक असिस्टेंट प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू की है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर कई विद्यार्थियों को एक अलग राह दिखाई. बता दें कि जांदू एक निशुल्क कोचिंग चलाते है और विगत 8 वर्षों में 200 से अधिक बच्चों को सरकारी नौकरी के लिए चयनित करवा चुके हैं.

श्रीगंगानगर समाचार, sriganganagar news
निशुल्क कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए साबित हो रही कारगर
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Published : Sep 16, 2020, 7:41 PM IST

श्रीगंगानगर. पुरानी कहावत है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता. लेकिन मन में जोश, कठिन परिश्रम और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो अकेला इंसान भी बहुत कुछ कर सकता है. श्रीगंगानगर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू ने ये साबित कर दिखाया है. दरअसल, चंद्रपाल जांदू ने 8 साल पहले महाविद्यालय में ही गरीब घरों और जरुरतमंद बच्चों को कामयाब करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई थी.

निशुल्क कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए साबित हो रही कारगर

इस दौरान उनके सामने ना जाने कैसी-कैसी मुश्किलें भी आई, लेकिन जांदू ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे पढ़ने वाले बच्चों के लिए हर तरीके से अपने आप को समर्पित करते रहे. जैसे-जैसे समय बदलता गया, वैसे-वैसे तस्वीर भी बदलती गई और यहां निशुल्क पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों की भीड़ लगने लगी. अब जांदू ने विद्यार्थियों की अच्छी तरह से तैयारी करवाने में कॉलेज के अपने साथी प्रोफेसर की भी मदद ली. इस तरह अब जांदू द्वारा शुरू किया गया ये मिशन सुखद परिणाम देने लगा है.

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गरीब और पढ़ने वाले बच्चों को दी जाती है निशुल्क तालीम

पढ़ें- Special: जोधपुर में लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़, खाद्य पदार्थों में बढ़ा मिलावट का स्तर

काफी लंबे अरसे से की जा रही प्रोफेसर जांदू द्वारा मेहनत का फल अब दिखने लगा है. जांदू की मेहनत का फल एसआई भर्ती के परिणाम में देखने को मिला. इस एसआई भर्ती के परिणाम ने ना केवल प्रोफेसर चंद्रपाल चांदू और उनके साथी प्रोफेसरों के सुकून दिया. बल्कि जिले का नाम भी रोशन किया. इस बार श्रीगंगानगर के इस निशुल्क कोचिंग सेंटर से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए साक्षात्कार की तैयारी करके 60 से 70 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

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200 से अधिक बच्चों को मिल चुकी है सरकारी नौकरी

खास बात यह है कि प्रदेश के टॉप 50 में भी इस कोचिंग सेंटर के 8 अभ्यर्थी शामिल हैं. एसआई भर्ती का परिणाम 1 सितंबर 2020 को जब जारी हुआ तो उसे देख ऐसा लगा. जैसे कि निशुल्क तैयारी करवाकर प्रोफेसर जांदू और उनकी टीम ने मानो थानेदारों की फैक्ट्री खोल दी है. इंस्पेक्टर के साक्षात्कार के लिए प्रदेश के 22 जिलों से 102 अभ्यर्थियों ने खुद को पंजीकृत करवाया था, जिसमें करीब 70 अभ्यर्थी सफल हुए है.

श्रीगंगानगर समाचार, sriganganagar news
प्रोफेसर जांदू का चल रहा जादू

असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कोचिंग प्रभारी चंद्रपाल जांदू का कहना है कि साक्षात्कार की क्लासेस 23 जनवरी को शुरू होकर लगातार 26 अगस्त तक चली. इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश में 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और एक लाख 90 हजार अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. इनमें से 13 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे. इसके बाद इन 13 हजार में से 1900 अभ्यर्थी फिजिकल में क्लियर हुए, जिसके बाद इन सभी का साक्षात्कार लिया गया, जिसमें 511 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इसमें करीब 65 अभ्यर्थी इस कोचिंग सेंटर के हैं. वहीं, पिछले 8 साल की बात की जाए तो अब तक 200 से अधिक युवाओं का सरकारी नौकरी के लिए चयन हुआ है.

एसआई भर्ती में चयनित हुए इस निशुल्क कोचिंग के सिकंदर सिंह की बात की जाए तो सिकंदर जिले के गजसिंहपुर के रहने वाले है, जो पिछले कई साल से चंद्रपाल जांदू के सानिध्य में रहकर एसआई की तैयारी कर रहे थे. हालांकि, सिकंदर सिंह पुलिस में कांस्टेबल हैं. लेकिन मन में कुछ कर गुजरने का इरादा था और उनके इसी इरादे ने उन्हें और ज्यादा मजबूत किया. इस बार के आए परिणाम ने उन्हें एक सिपाही से थानेदार बना दिया है.

पढ़ें- SPECIAL : झुंझुनू में चलती है 'कलेक्टर की क्लास', जहां पढ़कर अधिकारी बनते हैं युवा

इसी तरह लखविंदर सिंह ने चंद्रपाल जांदू के संपर्क में आने के बाद एक लक्ष्य बनाकर उनके कहने पर दिन रात पढ़ाई की. लखविंदर सिंह हनुमानगढ़ के पीलीबंगा का रहने वाले हैं और उसके पिता एक किसान हैं. उनके घर की हालत की काफी खराब है. इस बीच उनमें चांदू ने ऐसा जादू भरा कि उन्होंने एसआई बनने के लिए अपनी जी-जान लगा दी. उनके इसी प्रयास ने उनका चयन इस बार के एसआई भर्ती में करवा दिया. यह कहानियां उन युवाओं की है जो सरकारी नौकरी में होने के बाद भी मेहनत और लग्न से एसआई परीक्षा में चयनित हुए. ऐसे में चंद्रपाल जांदू उन गुदड़ी के लालों के लिए काम कर उन्हें आगे बढाने में लगे हैं, जिनके पास आगे बढ़ने के लिए कोई सहारा तक नहीं है.

श्रीगंगानगर. पुरानी कहावत है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता. लेकिन मन में जोश, कठिन परिश्रम और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो अकेला इंसान भी बहुत कुछ कर सकता है. श्रीगंगानगर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू ने ये साबित कर दिखाया है. दरअसल, चंद्रपाल जांदू ने 8 साल पहले महाविद्यालय में ही गरीब घरों और जरुरतमंद बच्चों को कामयाब करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई थी.

निशुल्क कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए साबित हो रही कारगर

इस दौरान उनके सामने ना जाने कैसी-कैसी मुश्किलें भी आई, लेकिन जांदू ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे पढ़ने वाले बच्चों के लिए हर तरीके से अपने आप को समर्पित करते रहे. जैसे-जैसे समय बदलता गया, वैसे-वैसे तस्वीर भी बदलती गई और यहां निशुल्क पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों की भीड़ लगने लगी. अब जांदू ने विद्यार्थियों की अच्छी तरह से तैयारी करवाने में कॉलेज के अपने साथी प्रोफेसर की भी मदद ली. इस तरह अब जांदू द्वारा शुरू किया गया ये मिशन सुखद परिणाम देने लगा है.

श्रीगंगानगर समाचार, sriganganagar news
गरीब और पढ़ने वाले बच्चों को दी जाती है निशुल्क तालीम

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काफी लंबे अरसे से की जा रही प्रोफेसर जांदू द्वारा मेहनत का फल अब दिखने लगा है. जांदू की मेहनत का फल एसआई भर्ती के परिणाम में देखने को मिला. इस एसआई भर्ती के परिणाम ने ना केवल प्रोफेसर चंद्रपाल चांदू और उनके साथी प्रोफेसरों के सुकून दिया. बल्कि जिले का नाम भी रोशन किया. इस बार श्रीगंगानगर के इस निशुल्क कोचिंग सेंटर से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए साक्षात्कार की तैयारी करके 60 से 70 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

श्रीगंगानगर समाचार, sriganganagar news
200 से अधिक बच्चों को मिल चुकी है सरकारी नौकरी

खास बात यह है कि प्रदेश के टॉप 50 में भी इस कोचिंग सेंटर के 8 अभ्यर्थी शामिल हैं. एसआई भर्ती का परिणाम 1 सितंबर 2020 को जब जारी हुआ तो उसे देख ऐसा लगा. जैसे कि निशुल्क तैयारी करवाकर प्रोफेसर जांदू और उनकी टीम ने मानो थानेदारों की फैक्ट्री खोल दी है. इंस्पेक्टर के साक्षात्कार के लिए प्रदेश के 22 जिलों से 102 अभ्यर्थियों ने खुद को पंजीकृत करवाया था, जिसमें करीब 70 अभ्यर्थी सफल हुए है.

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प्रोफेसर जांदू का चल रहा जादू

असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कोचिंग प्रभारी चंद्रपाल जांदू का कहना है कि साक्षात्कार की क्लासेस 23 जनवरी को शुरू होकर लगातार 26 अगस्त तक चली. इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश में 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और एक लाख 90 हजार अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. इनमें से 13 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे. इसके बाद इन 13 हजार में से 1900 अभ्यर्थी फिजिकल में क्लियर हुए, जिसके बाद इन सभी का साक्षात्कार लिया गया, जिसमें 511 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इसमें करीब 65 अभ्यर्थी इस कोचिंग सेंटर के हैं. वहीं, पिछले 8 साल की बात की जाए तो अब तक 200 से अधिक युवाओं का सरकारी नौकरी के लिए चयन हुआ है.

एसआई भर्ती में चयनित हुए इस निशुल्क कोचिंग के सिकंदर सिंह की बात की जाए तो सिकंदर जिले के गजसिंहपुर के रहने वाले है, जो पिछले कई साल से चंद्रपाल जांदू के सानिध्य में रहकर एसआई की तैयारी कर रहे थे. हालांकि, सिकंदर सिंह पुलिस में कांस्टेबल हैं. लेकिन मन में कुछ कर गुजरने का इरादा था और उनके इसी इरादे ने उन्हें और ज्यादा मजबूत किया. इस बार के आए परिणाम ने उन्हें एक सिपाही से थानेदार बना दिया है.

पढ़ें- SPECIAL : झुंझुनू में चलती है 'कलेक्टर की क्लास', जहां पढ़कर अधिकारी बनते हैं युवा

इसी तरह लखविंदर सिंह ने चंद्रपाल जांदू के संपर्क में आने के बाद एक लक्ष्य बनाकर उनके कहने पर दिन रात पढ़ाई की. लखविंदर सिंह हनुमानगढ़ के पीलीबंगा का रहने वाले हैं और उसके पिता एक किसान हैं. उनके घर की हालत की काफी खराब है. इस बीच उनमें चांदू ने ऐसा जादू भरा कि उन्होंने एसआई बनने के लिए अपनी जी-जान लगा दी. उनके इसी प्रयास ने उनका चयन इस बार के एसआई भर्ती में करवा दिया. यह कहानियां उन युवाओं की है जो सरकारी नौकरी में होने के बाद भी मेहनत और लग्न से एसआई परीक्षा में चयनित हुए. ऐसे में चंद्रपाल जांदू उन गुदड़ी के लालों के लिए काम कर उन्हें आगे बढाने में लगे हैं, जिनके पास आगे बढ़ने के लिए कोई सहारा तक नहीं है.

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