श्रीगंगानगर. लॉकडाउन के दौरान हरे चारे और तुड़ी (भूसा) की टाल नहीं खुलने से पशुओं के भूखे मरने की नौबत आ गई है. शहर से लेकर कस्बों और गांवों में भी पशुओं के चारे की समस्या खड़ी होने लगी है. लॉकडाउन के दौरान चारे और फीड़ की दुकानें बन्द होने से अब पशुपालक भी परेशान नजर आने लगे हैं. वहीं पशुओं की समस्याओं को देखते हुए जिला कलेक्टर ने पशु चारे की व्यवस्था कराने के लिए आदेश जारी किया है.
इसी क्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने आदेश जारी करते हुए संयुक्त निदेशक कृषि और समस्त उपखंड अधिकारियों को भेजे आदेश में बताया है कि लॉकडाउन के दौरान गौशालाओं, डेयरी और पशुपालकों को पशुओं के लिए हरे चारे और तुड़ी की असुविधा न हो इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में हरे चारे और तुड़ी की टाले खुलवाया जाए. इन टालों को समय अनुसार खोला जा सकेगा.
वहीं, पशुओं के लिए हरा चारा लेने आने वाले लोगों में उचित दूरी बनाए रखेंगे. ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. टाल संचालकों को हरे चारे और तूड़ी के दाम उचित रखने होंगे. पशु चिकित्सक भी गौशालाओं में सारे व्यक्तियों की व्यवस्था का ध्यान रखेंगे. गौसेवकों ने बताया की कोरोना वायरस के कारण पशुओं को चारा मिलना मुश्किल हो गया है. इसलिए भादवावाला के ग्रामीण इकट्ठे होकर पशुओं के लिए चारा लेकर पहुंचे हैं, ताकि पशुओं को हरे चारे की किसी प्रकार की दिक्कत ना हो और वे जिंदा रह सके.