श्रीगंगानगर. भारतीय खाद्य निगम की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद भले ही क्वालिटी और नमी सहित तमाम मापदंडो को ध्यान में रखकर की जाती है, लेकिन श्रीगंगानगर जिले में इस बार एफसीआई की ओर से की गई खरीद सवालों के घेरे में नजर आ रही है.
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अप्रैल-मई माह में एफसीआई की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान की जा रही गड़बड़ी का खुलासा करते हुए ईटीवी भारत ने प्रमुखता से मुद्दा उठाते हुए घटिया क्वालिटी के गेहूं की खरीद पर रोक लगवाई थी, लेकिन बाद में एफसीआई अधिकारियों ने धानमंडी के आढ़तियों के साथ मिलीभगत कर उसी घटिया क्वालिटी के गेहूं की खरीद कर सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया.
भारतीय खाद्य निगम की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया घटिया क्वालिटी का गेहुं अब उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचने लगा है. रसद विभाग इस गेहूं को उठवा कर उपभोक्ताओं को वितरण करने की तैयारी में है. ऐसे में अब एफसीआई की लापरवाही की सजा उपभोक्ताओं को भुगतनी पड़ेगी.
श्रीगंगानगर जिले के रसद डिपो पर घटिया क्वालिटी गेहुं के मामले सामने आने लगे हैं. शहर के उचित मूल्य की दुकानों पर अब लोगों को दिया जाने वाला सस्ता अनाज उनकी जान से खिलवाड़ करेगा. इन उचित मूल्य की दुकानों पर खराब क्वालिटी का गेहूं वितरण करने के लिए एफसीआई रसद डिपो पर भेज रहा हैं.
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एफसीआई की ओर से भेजा गया घटिया क्वालिटी और भीगा गेहुं डिपो पर पहुंचा तो रसद विभाग की टीम ने जांच की. जिसमें पता चला कि समर्थन मूल्य पर खरीद किया गया गेहूं खराब क्वालिटी का है. जिसके चलते उनमें फफूंद लगी हुई है. हालांकि अब खराब गेहूं का उठाव करने को लेकर रसद विभाग और एफसीआई अधिकारी एक-दूसरे पर दोष डाल रहे हैं.
उपभोक्ताओं को अगस्त माह के राशन वितरण करने के दौरान पुरानी आबादी में राशन डिपो राम किशन राम बाबू की दुकान पर खराब गेहूं मिलने पर राशन कार्ड धारियों ने विरोध जताया था. जिसके बाद रसद विभाग के अधिकारियों ने कई और डिपो की जांच की तो वहां भी खराब गेहूं मिलना पाया गया.
पुरानी आबादी में रसद विभाग के उचित मूल्य दुकान पर उपभोक्ताओं को राशन डिपो संचालक ने जो गेहूं दिया वह बेहद खराब था. गेहूं भीगा हुआ था. साथ ही उसमें फफूंद भी लगी थी जिससे गेहूं काला पड़ चुका था और उसमें से बदबू आ रही थी. भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से उपभोक्ताओं को वितरण करवाने के लिए रसद डिपो पर पहुंचा और गेहूं को जब बाहर निकाला तो वह खराब निकला.
जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने बताया कि एफसीआई ने समर्थन मूल्य पर इस बार जो गेहूं की खरीद की है. उसमें घटिया क्वालिटी का गेहूं उठाया है. ऐसी स्थिति में सभी गेहूं को परखना संभव नहीं है. समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं अब धीरे-धीरे उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंच रहा है.
जिला अधिकारी राकेश सोनी ने बताया कि सभी उचित मूल्य दुकानदारों पर रोक लगा दी गई है वह खराब क्वालिटी का गेहूं उपभोक्ताओं में वितरण न करे. ऐसे में सवाल इस बात का है कि एफसीआई की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया घटिया क्वालिटी का गेहूं आखिर कहां इस्तेमाल किया जाएगा.