श्रीगंगानगर. सीमावर्ती जिले में हथकढ़ शराब बनाने वाले लगातार सक्रिय रहते हैं. लेकिन, लॉकडाउन के बाद हथकढ़ शराब माफिया के गोरखधंधे जिस तरह से फलने-फूलने लगे हैं, उससे सरकार को राजस्व में बड़ा नुकसान हुआ है. साथ ही हथकढ़ शराब पीने वालों की जान भी जोखिम में है.
लॉकडाउन के दौरान शराब बंद रहने के चलते श्रीगंगानगर जिले में हथकढ़ शराब बनाने वाले माफिया इतने सक्रिय हो गए हैं कि आबकारी विभाग की कार्रवाई के बावजूद उनके हौसले पस्त नहीं पड़ रहे हैं. हथकढ़ शराब की लगातार बिक्री होती नजर आ रही है.
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आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर सुरेश चौधरी बताते हैं कि लॉकडाउन लागू होने के बाद आबकारी विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता ये थी कि जिले में हथकढ़ और कच्ची शराब की बिक्री ना हो, इसको देखते हुए आबकारी विभाग ने हथकढ़ शराब माफिया पर धावा बोलते हुए कई बड़ी कार्रवाई की है.
आबकारी इंस्पेक्टर के मुताबिक 1 लाख 21 हजार 997 लीटर कच्ची शराब नष्ट की गई है. इसके अलावा 67 बोतल हथकढ़ शराब जब्त की गई है. वहीं, अवैध रूप से बेची जा रही 687 लीटर देसी शराब भी पकड़ी है, जबकि 64 अभियोग पंजीबद्ध किए गए हैं. इस तरह कुल 85 अभियोग दर्ज किए गए हैं, जिसमें 22 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. आबकारी विभाग की कार्रवाई अभी भी लगातार जारी है.
साथ ही इंस्पेक्टर सुरेश चौधरी ने बताया कि कच्ची शराब बहुत खतरनाक है. उसको पीने वाले की जान तक जा सकती है. वहीं, लोग इससे अंधे भी हो सकते हैं. ऐसे में लोगों को कच्ची शराब से दूरी बनाकर रहना चाहिए.