श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार और जिला प्रशासन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत जिला प्रशासन सार्वजनिक स्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में मास्क वितरण का कार्य कर रहा है. कोविड-19 से बचाव के लिए वर्तमान में सिर्फ मास्क ही एक रास्ता है. जिला कलेक्टर ने बुधवार को बार एसोसिएशन श्रीगंगानगर में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मास्क लगाने को लेकर जागरूकता का संदेश दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि बचाव के लिए मास्क पहला और दवा दूसरा स्टेज है.
उन्होंने कहा कि एडवोकेट समाज का एक महत्वपूर्ण वर्ग है. हमारा नैतिक दायित्व बनता है कि इस महामारी में राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे जन आंदोलन में अपनी भागीदारी निभाए. अपने आसपास जो नागरिक बिना मास्क के आवागमन कर रहे हैं, उन्हें रोकने टोकने के साथ मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें. कोरोना दुनिया के लगभग 213 देशों में फैला हुआ है. विभिन्न देशों के वैज्ञानिक इसकी दवा खोजने में लगे हैं. देश में लगभग एक लाख 18 हजार नागरिक अपनी जान गवा चुके हैं. दुनिया के वैज्ञानिकों के समझ में नहीं आ रहा है कि इस महामारी से किस तरह बचा जा सके. लेकिन वर्तमान में जान बचाने का एक ही उपाय सावधानी, सजगता और मास्क का उपयोग है.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 2 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक जन जागरण अभियान चलाकर 'नो मास्क,नो एंट्री' का नारा दिया गया है. श्रीगंगानगर जिला प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 'नो मास्क,नो एंट्री' पर बल दिया. कोई भी नागरिक बिना मास्क के अपने घर से बाहर नहीं निकले. जिन नागरिकों ने एडवाइजरी की पालना नहीं की उनके विरुद्ध जिला प्रशासन ने प्रभावी कार्रवाई की है. जिले में 15 15 दिवस के दो अभियान चलाकर 22,000 लोगों के चालान काटे गए. 24 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया.