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आजादी 'काले पानी' से : राजस्थान ही नहीं पंजाब में भी नासूर बन चुका है 'काला जहर'...देखें ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत की मुहिम आजादी 'काले पानी' से के पिछले एपिसोड में हमने बताया था कि कैसे पंजाब के लुधियाना शहर का बुढ़ा नाला लाखों लोगों की जिंदगी में नासूर बन चुका है. कैसे पूरे लुधियाना शहर की गंदगी और फैक्ट्रियों से निकलना वाला कैमिकल सतलुज नदी में सीधा मिल रहा है. और यही पानी श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में पहुंच रहा है. लेकिन इस काले पानी का दंश जहां राजस्थान की लाखों की आबादी झेल रही है. वहीं पंजाब खुद भी इस जहर से अछूता नहीं है.

Azadi kale pani se, आजादी काले पानी से
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Published : Aug 12, 2019, 12:30 PM IST

जयपुर/लुधियाना. पंजाब के लोग में भी इस काले जहर के साये में हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इस पानी को पीने के बाद एक गांव तो ऐसा है जहां कई सुहागिनों का सुहाग तक उजड़ चुका है. ईटीवी भारत पंजाब के लुधियाना से संवाददाता ने जमीनी हकीकत जानी, इस पानी की जद में आने वाले गांव घमनेवाल से. वहां के लोगों ने बताया कि कैसे 900 की आबादी वाले इस छोटे से गांव के लोग इस पानी का शिकार हो रहे हैं.

पढ़ेंः पिछले एपिसोड में देखें जमीनी हकीकत...पंजाब के लुधियाना से आ रहे 'जहरीले पानी' की...

सतलुज नदी में बुढ़ा नाला का संगम स्थल लुधियाना शहर का वलीपुर गांव है. वलीपुर के अलावा घमनेवाल और गेसपुरा गांव के लोग पिछले कई सालों से अवसाद और कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. घमने वाला गांव में एक परिवार तो ऐसा भी है जिसके पांच सदस्यों की मौत इस पानी को पीने से हुए काला पीलिया से हो चुकी है. गांव इतना कुख्यात हो चुका है कि यहां कोई अपनी बेटी ब्याहने को तैयार नहीं.

राजस्थान ही नहीं पंजाब में भी हैं इस काले जहर के शिकार...देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

ऐसे ही हालात कुछ गेसपुरा गांव की तस्वीरें दिखाते हैं जहां लगभग एक हज़ार लोग रहते हैं. गांव का एक परिवार पूरी तरह से इस बीमारी का शिकार हो गया. केवल एक सदस्य जीवित बचा है, जिसे उसके रिश्तेदारों ने विदेश भेजने के लिए मजबूर किया ताकि वे अपनी जान बचा सकें. ग्रामीणों की मानें तो 25 लोगों की मौत 2007 से लेकर अब तक हो चुकी है. वहीं गांव में अभी भी 30 लोग काला पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.

पढ़ेंः आजादी 'काले पानी' से: ईटीवी भारत की मुहिम का असर...जलशक्ति मंत्री ने कहा- 'जहरीले पानी' को रोकने के लिए होंगे हर संभव प्रयास

आप देख सकते हैं कि कैसे बुढ़ा नाले के दूषित जल ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है और सैकड़ों लोगों के जीवन को नष्ट कर दिया है. लोगों में अब इतना डर बैठ गया है कि अब वे पलायन करने लगे हैं. प्रशासन तक आवाज पहुंचाने के लिए सीएम को पत्र भी लिखा गया लेकिन अभी तक वे नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. सरकारें समय-समय पर बदलती रहती हैं, लेकिन काले पानी का दंश झेल रहे लोगों की कोई सुनने वाला नजर नहीं आता. ये कहानी तो केवल एक या दो गांवों की है...इस नाले का पानी सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के कई जिलों की लाखों की आबादी को प्रभावित कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः आजादी 'काले पानी' से : स्कूली बच्चे भी जुड़े ईटीवी भारत की मुहिम से....पेंटिंग्स के जरिए किया उकेरा लाखों का दर्द

जयपुर/लुधियाना. पंजाब के लोग में भी इस काले जहर के साये में हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इस पानी को पीने के बाद एक गांव तो ऐसा है जहां कई सुहागिनों का सुहाग तक उजड़ चुका है. ईटीवी भारत पंजाब के लुधियाना से संवाददाता ने जमीनी हकीकत जानी, इस पानी की जद में आने वाले गांव घमनेवाल से. वहां के लोगों ने बताया कि कैसे 900 की आबादी वाले इस छोटे से गांव के लोग इस पानी का शिकार हो रहे हैं.

पढ़ेंः पिछले एपिसोड में देखें जमीनी हकीकत...पंजाब के लुधियाना से आ रहे 'जहरीले पानी' की...

सतलुज नदी में बुढ़ा नाला का संगम स्थल लुधियाना शहर का वलीपुर गांव है. वलीपुर के अलावा घमनेवाल और गेसपुरा गांव के लोग पिछले कई सालों से अवसाद और कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. घमने वाला गांव में एक परिवार तो ऐसा भी है जिसके पांच सदस्यों की मौत इस पानी को पीने से हुए काला पीलिया से हो चुकी है. गांव इतना कुख्यात हो चुका है कि यहां कोई अपनी बेटी ब्याहने को तैयार नहीं.

राजस्थान ही नहीं पंजाब में भी हैं इस काले जहर के शिकार...देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

ऐसे ही हालात कुछ गेसपुरा गांव की तस्वीरें दिखाते हैं जहां लगभग एक हज़ार लोग रहते हैं. गांव का एक परिवार पूरी तरह से इस बीमारी का शिकार हो गया. केवल एक सदस्य जीवित बचा है, जिसे उसके रिश्तेदारों ने विदेश भेजने के लिए मजबूर किया ताकि वे अपनी जान बचा सकें. ग्रामीणों की मानें तो 25 लोगों की मौत 2007 से लेकर अब तक हो चुकी है. वहीं गांव में अभी भी 30 लोग काला पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.

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आप देख सकते हैं कि कैसे बुढ़ा नाले के दूषित जल ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है और सैकड़ों लोगों के जीवन को नष्ट कर दिया है. लोगों में अब इतना डर बैठ गया है कि अब वे पलायन करने लगे हैं. प्रशासन तक आवाज पहुंचाने के लिए सीएम को पत्र भी लिखा गया लेकिन अभी तक वे नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. सरकारें समय-समय पर बदलती रहती हैं, लेकिन काले पानी का दंश झेल रहे लोगों की कोई सुनने वाला नजर नहीं आता. ये कहानी तो केवल एक या दो गांवों की है...इस नाले का पानी सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के कई जिलों की लाखों की आबादी को प्रभावित कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः आजादी 'काले पानी' से : स्कूली बच्चे भी जुड़े ईटीवी भारत की मुहिम से....पेंटिंग्स के जरिए किया उकेरा लाखों का दर्द

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