श्रीगंगानगर. पुलिस ने रविवार को एक फर्जी एसओजी के सीआई को गिरफ्तार किया है. आरोपी खुद को एसओजी का सीआई बताता था. सीआई बनकर लोगों को स्कैंडल में फंसाने की धमकी देकर रुपए हड़पने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में जयपुर के मुख्य आरोपी और उसकी सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. बसंती चौक निवासी राजेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसके 61 वर्षीय पिता राधेश्याम ने 10 जुलाई को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उसके पिता ने सुसाइड से पहले एक अखबार पर लिखा था कि कमरे की अलमारी में एक बैग में 5000 रुपए रखे हुए हैं और मुझे माफ करना.
जब बैग खोल कर देखा तो वहां दो सुसाइड नोट मिले. जिसमें जयपुर निवासी पायल गुप्ता और सीआई सुधीर त्यागी की ओर से सेक्स स्कैंडल में फंसाकर और होटल संचालक के साथ मिलकर रुपए एंठने, धमकाने और मरने पर मजबूर करने की बात लिखी थी. जब उसके पिता का मोबाइल चेक किया तो उसमें भी पायल गुप्ता और तथाकथित एसओजी के सीआई सुधीर त्यागी और होटल संचालक के मैसेज मिले.
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फर्जी सीआई मृतक राधेश्याम से ढ़ाई लाख रुपए ले चुका था. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस अधीक्षक ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहीराम बिश्नोई, कोतवाली प्रभारी के निर्देश में टीम का गठन किया. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर रविवार को जयपुर से आरोपी ललित गुप्ता उर्फ ललित कुमार बैरवा और उसकी सहयोगी जयपुर निवासी ज्योति शर्मा को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने आरोपियों से ब्लैकमेल करने के लिए काम में लिया गया मोबाइल, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड बरामद किए. आरोपी के पास से पुलिस ने 2 हजार रुपए भी बरामद किए हैं. आरोपी ललित बैरवा ने अपना आधार कार्ड ललित गुप्ता के नाम से बनवा रखा है, जिस पर पिता का नाम भी नहीं है. आधार कार्ड पर आरोपी ने फर्जी पता दिया हुआ है. आरोपी के आधार पर गुड़गांव का फर्जी पता लिखा हुआ है. आरोपी इसी आधार कार्ड से सिम जारी करवाकर इस्तेमाल करता था.
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आरोपी पर चोरी के दर्जनों मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. वहीं शिप्रा पथ थाना जयपुर का स्थाई वारंटी भी है. मृतक राधेश्याम रिटायर्ड लाइब्रेरियन था. जो एक डेटिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहा था. उस डेटिंग ऐप पर इनकी मुलाकात ललित बैरवा से हुई. आरोपी ने डेटिंग ऐप पर किसी लड़की के नाम से फर्जी आईडी बना रखी थी. जिसके बाद मृतक राधेश्याम और आरोपी के बीच बातचीत होने लगी. आरोपी, राधेश्याम से पायल गुप्ता बनकर बात करता था.
आरोपी ने मृतक राधेश्याम को जाल में फंसा कर रुपए एंठने शुरू कर दिए. उसके बाद ललित बैरवा ने होटल मालिक करण सिंह बन कर बात की. जिसके पास तथाकथित पायल गुप्ता काम करती थी. लॉकडाउन में होटल का कारोबार नहीं चलने के कारण करण सिंह ने रुपए एठ लिए. इसके बाद इसी ललित बैरवा ने जो पायल गुप्ता और करण सिंह की भूमिका निभा रहा था. एसओजी का फर्जी सीआई सुधीर त्यागी बनकर मृतक राधेश्याम से डरा धमका कर रुपए ले लिए. ललित बैरवा ने पायल गुप्ता, होटल मालिक करण सिंह और एसओजी के फर्जी सीआई सुधीर त्यागी बनकर मृतक राधेश्याम से ढाई लाख रुपए ले लिए.