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भाजपा की हार में स्थानीय नेताओं पर सवाल, कांग्रेस के लोकेश मनचंदा बने नए उप सभापति - श्रीगंगानगर न्यूज

श्रीगंगानगर नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड बनाने के लिए आश्वस्त भाजपा नेताओं के दावे को उनकी ही पार्टी के स्थानीय नेताओं ने गलत साबित कर दिया. उपसभापति के चुनाव में बीजेपी के ही पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर दी, जिससे कम सीटें लाने वाली कांग्रेस के लोकेश मनचंदा नए उपसभापति निर्वचित हो गए.

Sriganganagar Municipal Council News, श्रीगंगानगर न्यूज
भाजपा की हार में स्थानीय नेताओं पर सवाल
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Published : Nov 29, 2019, 5:07 AM IST

Updated : Nov 29, 2019, 7:20 AM IST

श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर नगर परिषद बोर्ड बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास के साथ भाजपा नेता दावा कर रहे थे, उसी विश्वास को पार्टी के ही स्थानीय नेताओं ने वोटिंग के अंतिम क्षणों में तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया. चुनाव प्रभारी से लेकर भाजपा के समन्वयक बनकर आए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भाजपा का बोर्ड बनाने को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन पार्टी से थोड़ी चूक हुई कि कांग्रेस ने मौका पाकर चौका मार दिया.

समन्वयक प्रहलाद गुंजल का विश्वास तब टूट कर बिखर गया, जब बस में बहुमत का आंकड़ा होने के बाद भी भाजपा अपना बोर्ड नहीं बना पाई. पूर्व विधायक गुंजल की मानें तो स्थानीय नेताओं के भीतरघात से पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना पाई. जिसका फायदा उठाकर कांग्रेस अंतिम समय में बाजी मार ले गई.

भाजपा की हार में स्थानीय नेताओं पर सवाल

नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस भले ही कम सीटें ले पाई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के 24 सीटें लेकर बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस ने सभापति व उपसभापति पर बाजी मार ली. वार्ड चुनाव में भाजपा की अपेक्षा कमजोर साबित हुई कांग्रेस ने उपसभापति के चुनाव में सभापति के चुनाव की अपेक्षा कहीं बेहतर प्रदर्शन किया.

कांग्रेस प्रत्याशी लोकेश मनचंदा भाजपा प्रत्याशी कमल नारंग को 33 मतों के बड़े अंतर से हराकर उपसभापति बने. नगर परिषद में मतदान के दौरान कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए पार्षद लोकेश मनचंदा को 65 में से 49 और भाजपा के प्रत्याशी कमल नारंग को महज 16 मत ही मिले.

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उपसभापति चुनाव में तो भाजपा की टिकट पर जीते 24 पार्षद भी एकजुट नहीं रह सके. इसमें से 8 पार्षदों ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर दिया. सभापति चुनाव में जिन 31 पार्षदों ने समर्थन दिया, उन्हें साथ रखने के प्रयास भी फ्लॉप साबित हुए.

अब पार्टी आलाकमान क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों व कांग्रेस को समर्थन देने वाले स्थानीय नेताओं को चिन्हित कर रही है. इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. भाजपा में उपसभापति पद पर हार के बाद मंथन में पार्टी के तीन नेताओं जयदीप बिहाणी, महेश पेड़ीवाल, महेश गुप्ता व 8 पार्षदों पर भीतरघात का संदेह जताया जा रहा है.

पढ़ें- कॉमर्स कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के बाद अब शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सियासत तेज

महेश पेड़ीवाल व जयदीप बिहानी पर तो वार्ड चुनाव में निर्दलीयों-कांग्रेस को समर्थन देने और सभापति पद के चुनाव के दौरान की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए संदेह के घेरे में लिया था. तीसरे नेता पर बुधवार को संदेह जताया. अब इनके खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है. वहीं बोर्ड बनाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त नजर आने वाले पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब भाजपा के स्थानीय नेताओं के खिलाफ कारवाई की बात कह रहे हैं.

श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर नगर परिषद बोर्ड बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास के साथ भाजपा नेता दावा कर रहे थे, उसी विश्वास को पार्टी के ही स्थानीय नेताओं ने वोटिंग के अंतिम क्षणों में तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया. चुनाव प्रभारी से लेकर भाजपा के समन्वयक बनकर आए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भाजपा का बोर्ड बनाने को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन पार्टी से थोड़ी चूक हुई कि कांग्रेस ने मौका पाकर चौका मार दिया.

समन्वयक प्रहलाद गुंजल का विश्वास तब टूट कर बिखर गया, जब बस में बहुमत का आंकड़ा होने के बाद भी भाजपा अपना बोर्ड नहीं बना पाई. पूर्व विधायक गुंजल की मानें तो स्थानीय नेताओं के भीतरघात से पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना पाई. जिसका फायदा उठाकर कांग्रेस अंतिम समय में बाजी मार ले गई.

भाजपा की हार में स्थानीय नेताओं पर सवाल

नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस भले ही कम सीटें ले पाई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के 24 सीटें लेकर बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस ने सभापति व उपसभापति पर बाजी मार ली. वार्ड चुनाव में भाजपा की अपेक्षा कमजोर साबित हुई कांग्रेस ने उपसभापति के चुनाव में सभापति के चुनाव की अपेक्षा कहीं बेहतर प्रदर्शन किया.

कांग्रेस प्रत्याशी लोकेश मनचंदा भाजपा प्रत्याशी कमल नारंग को 33 मतों के बड़े अंतर से हराकर उपसभापति बने. नगर परिषद में मतदान के दौरान कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए पार्षद लोकेश मनचंदा को 65 में से 49 और भाजपा के प्रत्याशी कमल नारंग को महज 16 मत ही मिले.

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उपसभापति चुनाव में तो भाजपा की टिकट पर जीते 24 पार्षद भी एकजुट नहीं रह सके. इसमें से 8 पार्षदों ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर दिया. सभापति चुनाव में जिन 31 पार्षदों ने समर्थन दिया, उन्हें साथ रखने के प्रयास भी फ्लॉप साबित हुए.

अब पार्टी आलाकमान क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों व कांग्रेस को समर्थन देने वाले स्थानीय नेताओं को चिन्हित कर रही है. इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. भाजपा में उपसभापति पद पर हार के बाद मंथन में पार्टी के तीन नेताओं जयदीप बिहाणी, महेश पेड़ीवाल, महेश गुप्ता व 8 पार्षदों पर भीतरघात का संदेह जताया जा रहा है.

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महेश पेड़ीवाल व जयदीप बिहानी पर तो वार्ड चुनाव में निर्दलीयों-कांग्रेस को समर्थन देने और सभापति पद के चुनाव के दौरान की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए संदेह के घेरे में लिया था. तीसरे नेता पर बुधवार को संदेह जताया. अब इनके खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है. वहीं बोर्ड बनाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त नजर आने वाले पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब भाजपा के स्थानीय नेताओं के खिलाफ कारवाई की बात कह रहे हैं.

Intro:श्रीगंगानगर राजनीति में यूं तो ऊंट कब किस करवट बैठ जाएगी कहा नहीं जाता लेकिन अगर पार्टी में रहकर अपने ही कोई भीतर घात कर जाए तो उसका कोई तोड़ नहीं निकल सकता नगर परिषद बोर्ड बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास के साथ भाजपा नेता दावा कर रहे थे उसी विश्वास को पार्टी के ही स्थानीय नेताओं ने वोटिंग के अंतिम क्षणों में तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया चुनाव प्रभारी से लेकर भाजपा के समन्वयक बनकर आए पूर्व विधायक पहलाद गुंजल भाजपा का बोर्ड बनाने को लेकर आश्वस्त थे लेकिन पार्टी से ऐसी क्या चूक हुई कि कांग्रेस ने मौका पाकर चौका मार दिया समन्वयक पहलाद गुंजल का विश्वास तब टूट कर बिखर गया जब बस में बहुमत का आंकड़ा होने के बाद भी भाजपा अपना बोर्ड नहीं बना पाई पूर्व विधायक गुंजल की मानें तो स्थानीय नेताओं के भीतर घात से पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना पाई जिसका फायदा उठाकर कॉन्ग्रेस अंतिम समय में बाजी मार ले गई।


Body:नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस भले ही कम सीटें ले पाई,लेकिन भारतीय जनता पार्टी के 24 सीटें लेकर बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस ने सभापति व उपसभापति पर बाजी मार ली। वार्ड चुनाव में भाजपा की अपेक्षा कमजोर साबित हुई कांग्रेस ने उप सभापति के चुनाव में सभापति के चुनाव की अपेक्षा कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रत्याशी लोकेश मनचंदा भाजपा प्रत्याशी कमल नारंग को 33 मतों के बड़े अंतर से हराकर उपसभापति बने। नगर परिषद में मतदान के दौरान कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए पार्षद लोकेश मनचंदा को 65 में से 49 और भाजपा के प्रत्याशी कमल नारंग को महज 16 मत ही मिले। उप सभापति चुनाव में तो भाजपा की टिकट पर जीते 24 पार्षद भी एकजुट नहीं रह सके। इसमें से 8 पार्षदों ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर दिया।सभापति चुनाव में जिन 31 पार्षदों ने समर्थन दिया,उन्हें साथ रखने के प्रयास हुए वह भी फ्लॉप साबित हुए।
वार्ड स्तर के चुनाव में 24 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा अपना कुनबा भी नहीं संभाल सकी।यही कारण था कि उपसभापति चुनाव में महज 16 मत ही मिले। अब पार्टी आलाकमान क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों व कांग्रेस को समर्थन देने वाले स्थानीय नेताओं को चिन्हित कर रही है।इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।भाजपा में उपसभापति पद पर हार के बाद मंथन में पार्टी के तीन नेताओं जयदीप बिहाणी, महेश पेड़ीवाल,महेश गुप्ता व 8 पार्षदों पर भितरघात का संदेह जताया जा रहा है। महेश पेड़ीवाल व जयदीप बिहानी पर तो वार्ड चुनाव में निर्दलीयों-कांग्रेस को समर्थन देने और सभापति पद के चुनाव के दौरान की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए संदेह के घेरे में लिया था।तीसरे नेता पर बुधवार को संदेह हराया अब इनके खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।उधर बोर्ड बनाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त नजर आने वाले पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब भाजपा के स्थानीय नेताओं के खिलाफ कारवाई की बात कह रहे है।

बाइट : प्रहलाद गुंजल,समन्वयक,भाजपा।






Conclusion:सभापति-उप सभापति में हार के बाद भाजपा के स्थानीय नेता कटघरे में।
Last Updated : Nov 29, 2019, 7:20 AM IST
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