श्रीगंगानगर. केंद्रीय कारागृह में बंदियों को कारागृह में सजा काटने के दौरान आर्थिक रूप से मजबूती देने और समय व्यतीत करवाने के लिए कारागृह प्रशासन श्रीगंगानगर ने बंदियों से अब उद्योगसाला में नए उत्पादन तैयार करवाने का कार्य शुरू किया है. बंदियों द्वारा कारागृह में तैयार माल के लिए कारागृह प्रशासन बाजार उपलब्ध करवाकर इस माल का बेचने का काम करेगा.
जिससे बंदियों के परिश्रम से तैयार किए गए माल को बाजार में विक्रय करके उन्हें आर्थिक मजबूती दी जा सके. इसी क्रम में केंद्रीय कारागृह श्रीगंगानगर में कारागृह प्रशासन ने पहल करते हुए बंदियों से झाड़ू और फिनाइल बनाने का काम शुरू करवाया है. बंदियों द्वारा तैयार फिनायल 5 लीटर की पैकिंग में बाजार में बेची जाएगी, तो वहीं 400 ग्राम वजन का झाड़ू बनाकर बेचा जाएगा.
कारागृह में शुरू की गई उद्योगसाला प्रभारी कुलदीप सिंह डोटासरा ने बताया कि डीजी कारागृह के निर्देश पर जिला कारागृह में उद्योगसाला को चालू करके कारागृह में बंदियों से फिनायल और झाड़ू तैयार करवाया गया है. कारागृह में तैयार इस सामग्री को बाजार में बेचने के लिए जल्दी ही इनके मूल्य मुख्यालय से जारी किए जाएंगे. जिसके बाद बंदियों द्वारा तैयार इस माल को बाजार में विक्रय किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कच्चा माल बाजार से लेकर बंदियो में नवाचार को लेकर इस प्रकार का कार्यक्रम शुरू किया गया है. ताकि जेल में जा आ चुके बंदी जो समाज से बिछड़े हुए हैं, उनको नई दिशा मिलें और साथ ही जेल में समय व्यतीत होता रहे. उन्होंने कहा कि बंदियों द्वारा कारागृह कि उद्योगसाला में माल तैयार करने का शुरू किया गया, यह कदम उनके जीवन को एक नई दिशा देगा. बंदियों को इसके बदले न्यूनतम मजदूरी मिलेगी. जिसकी वजह से वह खुद को आत्मनिर्भर भी बना पाएंगे.
उद्योगसाला प्रभारी डोटासरा ने कहा कि बंदियों द्वारा शुरू किए गए प्रोडक्ट अगर बाजार में अच्छा रिस्पांस देंगे तो आगे भी नए-नए प्रयोग करके बंदियो से नए प्रोडक्ट बनवा कर बाजार में बेचे जाएंगे. जिससे बंदियों को भी आर्थिक मजबूती मिलेगी. उद्योगसाला में फिनाइल और झाडू तैयार करने वाले तमाम सजा बंदी शर्मिला सिंह, गिरधारी सिंह, महेंद्र, सोहनलाल, रामस्वरूप ने यह कार्य शुरू किया है.
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वहीं कारागृह को साफ सुथरा रखने के लिए कारागृह में तैयार फिनाइल से बन्दी वार्डो में सफाई करते हैं. जिसके कारण कारागृह में मौसमी बीमारियों को रोकने में भी मदद मिलेगी और बंदियों का स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा. जेल में फिनाइल और झाड़ू तैयार होने से जेल का साफ-सफाई में होने वाला खर्च भी कम होगें.