श्रीगंगानगर. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी नगर परिषद आयुक्त प्रियंका बुडानिया के खिलाफ आखिरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पद के दुरुपयोग व अवैध वसूली के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. प्रियंका बुडानिया इस माह के आरंभ में परिवार के साथ जयपुर जा रही थी. इस दौरान एसीबी को प्रियंका बुडानिया के पास भारी रकम होने की सूचना मिली. जिसके बाद सीकर एसीबी ने लक्ष्मणगढ़ हाईवे पर उनकी कार को रोककर तलाशी ली.
तलाशी के दौरान उनकी कार से एक लाख 40 हजार रुपए की राशि और 10 लाख 16 हजार रुपए के सोने के जेवरात मिले थे. इस पर उनसे लक्ष्मणगढ़ थाने में पूछताछ कर छोड़ दिया गया था. आयुक्त प्रियंका बुडानिया ने जिन जिन लोगों से रकम लेना बताया था, उनके बयान एसीबी द्वारा दर्ज किए गए हैं. इसी कार्रवाई के अंतर्गत श्रीगंगानगर एसीबी द्वारा अधिकारियों के निर्देशों के बाद प्रियंका बुडानिया के श्रीगंगानगर स्थित निवास की तलाशी ली तो वहां से अनेक महत्वपूर्ण फाइलें भी मिली थीं.
इन फाइलों को सरकारी दफ्तर के बजाय आयुक्त के निवास पर मिलना भी संदेह पैदा करता था, क्योंकि नियम अनुसार आयुक्त को यह फाइलें कार्यालय अधीक्षक को दी जानी चाहिए थी. इन फाइलों के आधार पर अवैध वसूली होने का संदेह एसीबी के अधिकारियों को था. फाइलों की गहन पड़ताल और ठेकेदारों के बयानों के बाद एसीबी भी प्रियंका बुडानिया के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाया तो खुलासा हुआ कि 5 लाख 90 हजार रुपए की नगदी ठेकेदारों से अवैध वसूली के रूप में ली गई थी. इन तथ्यों के आधार पर सीकर एसीबी चौकी ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
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प्रियंका बुडानिया के खिलाफ 337 नम्बर एफआईआर दर्ज की गई है. अब एसीबी आगामी कार्रवाई में जुट गई है. प्रियंका बुडानिया के खिलाफ हुई शिकायत की जांच एडीएम प्रशासन द्वारा भी की जा रही है. जिला कलेक्टर के आदेशों के बाद शुरू की गई जांच में प्रियंका बुडानिया से शिकायतों से संबंधित फाइलें मंगवाई गई थी. इन फाइलों हेतु एक दर्जन से अधिक पत्र नगर परिषद को भेजे गए, लेकिन फाइलें तो दूर की बात, जवाब तक नहीं दिया गया. जिसके बाद अब जिला कलेक्टर के निर्देश पर परिवादियों के बयान लेकर जांच की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है.