सीकर. कोरोना वायरस को लेकर देशभर में चल रहे लॉकडाउन की वजह से पिछले 2 महीने तक लोग घरों में कैद रहे. इस कठिन समय में सीकर के एक गांव के युवाओं ने मिलकर एक मिसाल पेश की है. जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है. बता दें कि युवाओं ने गांव में करीब 80 साल पुराने जोहड़ की तस्वीर बदल दी है. युवाओं द्वारा जल संरक्षण के लिए किए गए इस काम से अब बरसात का लाखों लीटर पानी यहां पर भरा जा सकेगा. इस काम को गांव के 50 युवाओं ने मिलकर सफल बनाया है.
जानकारी के अनुसार सीकर जिले के कोलीड़ा गांव के बाहर बना करीब 80 साल पुराना पक्का जोहड़ा खस्ताहाल में था. इसमें ऊपर तक मिट्टी भर चुकी थी और बहुत ही कम पानी आ रहा था. वहीं जो पानी आ रहा था वह भी किसी काम में नहीं लिया जा रहा था, क्योंकि इसमें झाड़ियां उगी हुई थी और पानी गंदा हो रहा था. कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान गांव के युवाओं ने इस जोहड़ को साफ करने का संकल्प लिया. गांव के युवाओं ने मिलकर 50 लोगों की एक टीम बनाई और जोहड़ की सफाई का अभियान शुरू कर दिया.
स्काउट से जुड़े विद्यार्थी भी शामिल
इस टीम में गांव के स्काउट से जुड़े विद्यार्थी और गांव के विभिन्न संगठनों के युवा शामिल थे. इन लोगों ने 10 दिन तक कड़ी मेहनत की और जोहड़ की पूरी मिट्टी बाहर निकाल दी. यही नहीं झाड़ियों को काटकर बाहर फेंक दिया और पूरी तरह से जोहड़ को साफ कर दिया. अब खुशी की बात यह है कि इसमें बरसात का लाखों लीटर पानी स्टोरेज किया जा सकेगा. गांव के युवाओं की इस मुहिम की हर तरफ सराहना हो रही है. इन युवाओं ने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग किया और इस काम को अंजाम दिया.
गौशाला में काम आएगा पानी
बता दें कि जोहड़ के पास ही गांव की गौशाला बनी हुई है. इस जोहड़ में इकट्ठा होने वाले बरसात के पानी को गौशाला तक पहुंचाया जाएगा और इसे काम में लिया जाएगा. जोहड़ का आकार काफी बड़ा है इसलिए इसमें लाखों लीटर पानी आएगा जो काफी दिनों तक गौशाला के काम आएगा.
यह भी पढ़ें- कोटा में व्यापारियों, उद्यमियों और कोचिंग संस्थान संगठनों ने की बैठक, UDH मंत्री को सौंपा 32 सूत्रीय मांग-पत्र
लॉकडाउन के दौरान हर दिन किया काम
इस गांव की युवाओं की टीम ने लॉकडाउन के दौरान कई जनहित के काम किए. सबसे पहले उन्होंने गांव में राशन वितरण का काम शुरू किया. इसके बाद जब जिले में ब्लड बैंक में खून की कमी हुई तो गांव की युवाओं की टीम ने रक्तदान किया. बता दें कि युवा गांव के लिए हर वो संभव कार्य कर रहे हैं. जिससे गांव वालों को किसी तरह की मुसीबत का सामना ना करना पड़े.