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मनरेगा में पूरी मजदूरी नहीं मिलने पर सीकर सांसद का बयान, कहा- ग्रुप में करवाएं काम, केंद्र सरकार से भी करेंगे मांग

मनरेगा में मजदूरों को पूरी मजदूरी मिले इसको लेकर सीकर सांसद ने मजदूरों को ग्रुप में काम करवाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि ग्रुप में काम होगा, तो काम जल्दी भी होगा और मजदूरी पूरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि नियमों में सहूलियत के लिए वे केंद्र सरकार से भी मांग करेंगे.

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सीकर सांसद ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को ग्रुप में करवाएं काम
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Published : Aug 19, 2020, 11:02 AM IST

सीकर. जिले में मनरेगा में मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर जिले भर में कई बार मांग उठ चुकी है, लेकिन मजदूरों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने भी इस मांग को उठाया है और उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह से मजदूरों की समस्या का समाधान होना चाहिए.

सीकर सांसद ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को ग्रुप में करवाएं काम

जानकारी के मुताबिक के मनरेगा में 220 रुपए की मजदूरी निर्धारित है, लेकिन उसके पीछे नियम यह है कि जो भी मजदूर काम पर जाएगा उसे निश्चित मात्रा में मिट्टी खोदनी होगी. मनरेगा में काफी संख्या में बुजुर्ग मजदूर या महिलाएं जाती है और वे उतनी मिट्टी की खुदाई नहीं कर पाती है. इस वजह से उन्हें पूरी मजदूरी नहीं मिल पाती है.

यह भी पढ़ें- चूरू: अचेत अवस्था में मिले एक ही परिवार के 4 सदस्य, 3 की मौत, सामूहिक आत्महत्या की आशंका

बहुत सारे मजदूरों को 200 रुपए से भी कम की मजदूरी मिल रही है. सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि प्रशासन को इसका रास्ता निकालना चाहिए और मजदूरों से ग्रुप में काम करवाना चाहिए. अगर ग्रुप में काम करेंगे तो काम जल्दी होगा और मजदूरी भी पूरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि नियमों में सहूलियत के लिए वे केंद्र सरकार से भी मांग करेंगे.

सीकर. जिले में मनरेगा में मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर जिले भर में कई बार मांग उठ चुकी है, लेकिन मजदूरों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने भी इस मांग को उठाया है और उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह से मजदूरों की समस्या का समाधान होना चाहिए.

सीकर सांसद ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को ग्रुप में करवाएं काम

जानकारी के मुताबिक के मनरेगा में 220 रुपए की मजदूरी निर्धारित है, लेकिन उसके पीछे नियम यह है कि जो भी मजदूर काम पर जाएगा उसे निश्चित मात्रा में मिट्टी खोदनी होगी. मनरेगा में काफी संख्या में बुजुर्ग मजदूर या महिलाएं जाती है और वे उतनी मिट्टी की खुदाई नहीं कर पाती है. इस वजह से उन्हें पूरी मजदूरी नहीं मिल पाती है.

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बहुत सारे मजदूरों को 200 रुपए से भी कम की मजदूरी मिल रही है. सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि प्रशासन को इसका रास्ता निकालना चाहिए और मजदूरों से ग्रुप में काम करवाना चाहिए. अगर ग्रुप में काम करेंगे तो काम जल्दी होगा और मजदूरी भी पूरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि नियमों में सहूलियत के लिए वे केंद्र सरकार से भी मांग करेंगे.

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