फतेहपुर. कस्बे के युवा प्रोड्यूसर के ओर से राजस्थानी भाषा मे बनाई गई फिल्म चिड़ी बल्ला नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. पहले फिल्म को अमेरिका के 8वें डीसी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में चयनित किया गया था. वहीं अब फिल्म को भूटान में आयोजित ड्रक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दो कैटेगिरी में आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड मिला है. यह पहला मौका है जब राजस्थानी भाषा में बनी राजस्थानी संस्कृति पर फिल्म को यह अवार्ड मिला है.
बता दें कि फतेहपुर कस्बे के युवा प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा ने राजस्थानी भाषा और संस्कृति पर फिल्म चिड़ी बल्ला बनाई है. फिल्म को अभी राजस्थान सहित देश भर में प्रदर्शित नहीं किया गया है. अभी तक फिल्म को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स में ही भेजा जा रहा है. इस फिल्म का हाल ही में अमेरिका के 8वें डीसी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी चयन हुआ था.
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वहीं फिल्म को भूटान में आयोजित ड्रक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था. वहां पर फिल्म को पारिवारिक कैटेगिरी और बच्चों की कैटेगिरी में बेस्ट फिल्म अवार्ड और आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है. यह फिल्म के साथ-साथ राजस्थान के लिए भी गौरव की बात है. बता दें कि राजस्थानी संस्कृति पर आधारित फिल्म चिड़ी बल्ला को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में जबरदस्त रेस्पॉन्स मिल रहा है. निदेशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि विदेशियों को भी राजस्थानी संस्कृति अच्छी लग रही है. अब तक फिल्म दो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नामित हो चुकी है इनमें से एक में अवार्ड भी जीत चुकी है.
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राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग
राधेश्याम पीपलवा इससे पहले कई फिल्म बना चुके है. उनका कहना है कि छोटे-छोटे प्रदेशों की स्थानीय भाषाओं को सरकार से मान्यता प्राप्त है. लेकिन राजस्थानी भाषा को अभी तक मान्यता नहीं मिली है. इसलिए मन में एक टिस है कि मेरी भाषा को भी मान्यता मिले, इसके लिए राजस्थानी संस्कृति को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने के लिए यह राजस्थानी फिल्म बनाई है.
फिल्म में राजस्थानी संगीत और संस्कृति को लोगों के ओर से बेहद पसंद किया जा रहा है. राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल जाएगी तो फिल्म क्षेत्र में बहुत फायदा हो सकेगा. पिपलवा ने बताया कि युवा लडक़े की जीवित कहानी पर आधारित फिल्म में राजस्थानी म्यूजिक, राजस्थानी कल्चर और राजस्थानी हैरिटेज की विशेष प्रस्तुति है.