सीकर. शहर में आवारा पशुओं की समस्या काफी पुरानी है और आए दिन इनकी वजह से हादसे होते रहते हैं. पिछले 7 दिन में ही आवारा सांड 10 लोगों को घायल कर चुके हैं इनमें से एक महिला की हालत तो अभी तक गंभीर बनी हुई है. जबकि एक बुजुर्ग की कुछ दिन पहले सांड के मारने से आंत बाहर आ गई थी.
पिछले साल सीकर के लोगों ने विधायक राजेंद्र पारीक के साथ मिलकर शहर में नंदी शाला के निर्माण का काम शुरू किया था. लोगों ने एक दिन में ही 85 लाख रुपए जुटाकर इसका काम शुरू करवा दिया और काम पूरा भी हो गया. इसके अलावा एक गौशाला में सीकर नगर परिषद 15 लाख रुपए आवारा पशुओं के लिए चारे के लिए देता है, लेकिन फिर भी लोगों को इन आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल पाई.
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इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जितनी आवारा पशुओं को नगर परिषद ले जाकर नंदी शाला में छोड़ता है उससे ज्यादा लोग वापस शहर में छोड़ जाते हैं. नगर परिषद आवारा पशुओं की समस्या को देखते हुए सीकर नगर परिषद एक और नया प्रयोग कर रही है. इसके तहत एक सितंबर से सीकर शहर में पशुओं को चारा डालने पर रोक लगाई जाएगी, जो लोग गाय और सांड को चारा डालना चाहते हैं उनके लिए एक ऑटो टिपर शहर में शुरू किया जाएगा जो घर-घर से चारा इकट्ठा कर नंदी शाला पहुंचाएगा.