खंडेला (सीकर). जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकवादी हमले के दौरान सीकर के बावड़ी गांव निवासी दीपचंद वर्मा शहीद हो गए. शहीद जवान 179वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर जम्मू कश्मीर में कार्यरत थे. सीकर के लाल की शहादत से पूरे घर में गम का महौल है. लेकिन परिवार को अपने शहीद बेटे पर गर्व भी है.
शहीद के चाचा ओंकारमल का कहना है कि "बेटा आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हुआ है. बेटे की शहादत पर मुझे गर्व है. लेकिन जवान बेटा खोने का गम भी है."
वहीं शहीद के भाई सुनील ने बताया कि भाई की शहादत पर आज उसका सीना फक्र से चौड़ा हो गया है. लेकिन वे परिवार की जान थे. उनके जाने से अब सबकुछ उजड़ा हुआ लग रहा है. सुनील ने बताया कि सोमवार को ही दीपचंद वर्मा ने फोन पर बात कर घर के हाल-चाल पूछे थे और 13 जुलाई को अपने जुड़वा बच्चों के जन्मदिन पर घर आने की बात कही थी.
शहीद दीपचंद शुरू से ही देश सेवा का जज्बा रखते थे. उनके मन से ही सैनिक बनने की इच्छा थी. इसी इच्छा और मेहनत से शहीद दीपचंद 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. छह महीने पहले ही जवान का हवलदार पद पर प्रमोशन हुआ था.
तीन बच्चों के हैं पिता
शहीद का विवाह सीआरपीएफ में भर्ती के एक साल बाद 2004 में हुआ. शहीद के दो जुड़वा बेटे और एक बेटी है, जो पत्नी सरोज के साथ अजमेर स्थित सीआरपीएफ के क्वार्टर में रहते हैं. घर में बुजुर्ग मां है. पिता की तीन साल पहले दिल और पीलिया की बीमारी से मौत हो चुकी थी.
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के रेबन सोपोर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की पार्टी पर बुधवार सुबह आतंकी हमले में बावड़ी निवासी सीआरपीएफ जवान दीपचंद वर्मा शहीद हो गए थे. सोपोर के मॉडल टाउन में CRPF की पेट्रोलिंग पार्टी पर बुधवार को सुबह आतंकियों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई. जिसमें तीन जवान और दो नागरिक गंभीर घायल हो गए. घायलों को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. जहां पर उपचार के दौरान बावड़ी निवासी सैनिक दीपचन्द वर्मा ने दम तोड़ दिया था.