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कारगिल युद्ध में शहीद दयाचंद की पत्नी ने दी अनशन की चेतावनी, सरकार पर वादे से मुकरने का आरोप

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Published : Aug 19, 2019, 7:25 PM IST

कारगिल युद्ध में शहीद सीकर के जवान दयाचंद जाखड़ की पत्नी ने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है. उनका आरोप है कि सरकार उनके बेटे को नौकरी देने का वाद करने बाद मुकर रही है.

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सीकर. बेटे को सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर सीकर के एक कारगिल शहीद की वीरांगना ने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है. वीरांगना ने इसके लिए मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया है.

कारगिल युद्ध में शहीद दयाचंद की पत्नी ने दी अनशन की चेतावनी

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के रहनावा गांव के रहने वाले दयाचंद जाखड़ कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे. उस वक्त उनका बेटा महज डेढ़ साल का था. शहीद की पत्नी विमला देवी का कहना है कि उस वक्त सरकार ने आश्वासन दिया था कि बालिग होने पर उनके बेटे को सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन अब सरकार उन्हें नौकरी नहीं दी रही है. जिसको लेकर वे कई बार सैनिक कल्याण अधिकारी के यहां चक्कर लगा चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: पूर्व पीएम राजीव गांधी की 75वीं जयंती में हिस्सा लेने दिल्ली जाएंगे बांसवाड़ा से कार्यकर्ता

वीरांगना का कहना है कि 2017 में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी ज्ञापन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वारांगना का कहना है कि साल 2017 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शिकायत दी थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत दी है. वीरांगना का कहना है कि अगर अब सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह अनशन पर बैठेगी.

सीकर. बेटे को सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर सीकर के एक कारगिल शहीद की वीरांगना ने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है. वीरांगना ने इसके लिए मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया है.

कारगिल युद्ध में शहीद दयाचंद की पत्नी ने दी अनशन की चेतावनी

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के रहनावा गांव के रहने वाले दयाचंद जाखड़ कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे. उस वक्त उनका बेटा महज डेढ़ साल का था. शहीद की पत्नी विमला देवी का कहना है कि उस वक्त सरकार ने आश्वासन दिया था कि बालिग होने पर उनके बेटे को सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन अब सरकार उन्हें नौकरी नहीं दी रही है. जिसको लेकर वे कई बार सैनिक कल्याण अधिकारी के यहां चक्कर लगा चुकी हैं.

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वीरांगना का कहना है कि 2017 में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी ज्ञापन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वारांगना का कहना है कि साल 2017 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शिकायत दी थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत दी है. वीरांगना का कहना है कि अगर अब सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह अनशन पर बैठेगी.

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बेटे को सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर सीकर के एक कारगिल शहीद की वीरांगना ने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। वीरांगना ने इसके लिए मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया है। वीरांगना का कहना है कि 2017 में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी ज्ञापन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।Body:जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के रहनावा गांव के रहने वाले दयाचंद जाखड़ कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। उस वक्त उनका बेटा महज डेढ़ साल का था। उनकी वीरांगना विमला देवी का कहना है कि उस वक्त सरकार ने आश्वासन दिया था कि बालिग होने पर उनके बेटे को सरकारी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन अब सरकार उन्हें नौकरी नहीं दे रही है। इसको लेकर भी कई बार सैनिक कल्याण अधिकारी के यहां चक्कर लगा चुकी हैं। 2017 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शिकायत दी थी लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत दी है। वीरांगना का कहना है कि अगर अब सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह अनशन पर बैठेगी।Conclusion:बाईट: बिमला देवी, शहीद वीरांगना
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