सीकर. जिले के चुवास गांव का 42 साल का करण सिंह शेखावत जिसने अपनी जिंदगी के 14 साल एक ही कमरे में गुजारे. लेकिन एक आम इंसान की तरह नहीं, बल्कि जंजीरों से बंधकर. सुनकर हैरानी जरूर होगी, लेकिन ये सच है. जानकारी के अनुसार सीकर जिले का रहने वाला करण सिंह पुत्र दीप सिंह शेखावत पिछले 14 साल से जंजीरों में जकड़ा हुआ है.
14 साल पहले अचानक उसकी दिमागी हालत खराब हुई थी. जिसके बाद जो कोई भी उससे मिलने जाता था वह उसे मारने के लिए दौड़ पड़ता था. परिजनों ने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आखिर में थक-हार कर परिजनों ने उसे घर के पीछे बनी एक कोठरी में जंजीरों से बांध दिया. जिस दिन से करण सिंह जहां बांधा था आज भी वहीं बंधा हुआ है. 14 साल में कभी उसको जंजीरों से आजाद नहीं किया गया. क्योंकि परिजनों को डर लगता है कि करण सिंह किसी पर हमला ना कर दे. किसी को मार ना दें.
बुजुर्ग मां करती है सेवा...
करण सिंह पहले बिल्कुल स्वस्थ था और दसवीं तक पढ़ाई भी की. करण सिंह की शादी भी हो चुकी है और दो बच्चे भी हैं, लेकिन जब उसकी दिमागी हालत बिगड़ी और उसे जंजीरों से बांध दिया गया तब से केवल उसकी बुजुर्ग मां ही उसकी सेवा करती है. खाना और पानी मां ही उसे समय पर देती है. लेकिन बुजुर्ग मां के पास इलाज के लिए भी पैसा नहीं है, इसलिए केवल उसे नींद की गोली देती है, जिससे वह सो जाता है.
पढ़ेंः राज्यसभा चुनाव: मंगलवार से शुरू होगा भाजपा विधायकों का कैंप, गुरुवार को शामिल होंगी वसुंधरा राजे
नहीं मिली कोई सरकारी मदद...
सरकार की ओर से सुविधा देना तो दूर अभी तक आधार कार्ड भी नहीं बना. जिस वजह से ना उन्हें सरकारी राशन मिलता है और ना ही कभी पेंशन मिला है. आधार कार्ड नहीं बनने की वजह से करण सिंह और उसके परिवार को कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पाती है. परिजनों का कहना है कि कई बार घर पर ही आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की, लेकिन नहीं बन पाया. बता दे की करण सिंह का आधार कार्ड केवल उसकी आंखों की रेटिना से ही बन सकता है. क्योंकि करण सिंह के फिंगर प्रिंट नहीं आते हैं. परिजनों ने बताया कि दिमागी हालत खराब होने की वजह से यह अपने हाथों को दिवारों पर रगड़ता रहता है, जिस वजह से फिंगर प्रिंग काफी हद तक मिट चुके हैं.
बार-बार आते हैं दौरे...
करण सिंह वैसे तो सही बात करता रहता है और ऐसा लगता ही नहीं कि वह पागल भी है. लेकिन अचानक उसे दौरे पड़ते हैं और फिर किसी के काबू में नहीं आता है. इसी वजह से उसे बांधकर रखा जाता है. परिजनों का कहना है कि कोई सरकारी मदद मिले तो करण सिंह का इलाज संभव है.