ETV Bharat / city

स्पेशल: अनपढ़ से लेकर PhD डिग्रीधारी बने जिला प्रमुख, कई बार महिलाओं का रहा दबदबा

प्रदेश की राजनीति में हमेशा अग्रणी रहने वाले सीकर जिले के जिला प्रमुख भी कहीं कम नहीं रहे हैं. सीकर जिला परिषद में बीते 60 साल में भले ही कई उतार-चढ़ाव हुए हों, लेकिन इसके बाद भी यहां के जिला प्रमुख प्रदेश के मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचे हैं. ऐसे में कभी बिल्कुल अनपढ़ महिला तो कभी पीएचडी डिग्री धारी को सीकर में जिला प्रमुख बनने का मौका मिला है.

सीकर की राजनीति, जिला परिषद का चुनाव, पंचायत चुनाव राजनीति, राजस्थान पॉलिटिक्स, सीकर में पंचायत चुनाव, sikar news, rajasthan news, rajasthan politics
चौथी बार महिला बनेगी जिला प्रमुख
author img

By

Published : Nov 12, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 7:18 PM IST

सीकर. पंचायत चुनाव राजनीति की धुरी माना जाता है और जब यह चुनाव जिला परिषद और जिला प्रमुख के पद का हो तो फिर बहुत बड़ा चुनाव हो जाता है. जिला प्रमुख को जिले का प्रथम नागरिक भी माना जाता है. सीकर में सबसे पहले साल 1959 में रामदेव सिंह महरिया जिला प्रमुख बने. उसके बाद से लगातार अब तक महरिया परिवार की राजनीति का दबदबा रहा है.

चौथी बार महिला बनेगी जिला प्रमुख

बता दें कि रामदेव सिंह महरिया खुद प्रदेश में मंत्री रहे. उसके बाद उनके परिवार से सुभाष महरिया केंद्र में मंत्री रहे और नंदकिशोर महरिया विधायक रहे. साल 1962 में चौधरी नारायण सिंह सीकर के जिला प्रमुख बने और लगातार 15 साल तक जिला प्रमुख के पद पर रहे. इसके बाद चौधरी नारायण सिंह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने और साथ ही साथ मंत्री भी रहे. अभी भी उनके पुत्र सीकर के दातारामगढ़ से विधायक हैं. इसके अलावा नारायण सिंह की पुत्रवधू डॉक्टर रीटा सिंह भी सीकर के जिला प्रमुख रहीं. सीकर के जिला प्रमुख रहने वाले सांवरमल मोर, जो साल 1988 में जिला प्रमुख बने थे, वे भी पहले विधायक रहे हैं. वहीं साल 2005 में जिले की पहली महिला जिला प्रमुख बनने वाली मल्ली देवी गुर्जर अनपढ़ थी. उसके बाद साल 2010 में जिला प्रमुख बनने वाली रीटा सिंह पीएचडी डिग्री धारी थी.

सीकर की राजनीति, जिला परिषद का चुनाव, पंचायत चुनाव राजनीति, राजस्थान पॉलिटिक्स, सीकर में पंचायत चुनाव, sikar news, rajasthan news, rajasthan politics
कई बार महिलाओं का रहा दबदबा

यह भी पढ़ें: सीकर: जिला परिषद में 121 और पंचायत समितियों में 1029 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला

जब कहा मैं जिला परिषद बन गई?

सीकर के जिला परिषद में एक रोचक किस्सा हमेशा लोग बताते हैं. साल 2005 में जिला प्रमुख बनने वाली मल्ली देवी गुर्जर बिल्कुल अनपढ़ थी और जिला प्रमुख बनने के बाद जब मीडिया ने उनसे पूछा कि आप क्या बन गई हैं तो उनका जवाब था कि मैं जिला परिषद बन गई. भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीतने वाली माली देवी उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम भी नहीं बता पाई थी.

सीकर की राजनीति, जिला परिषद का चुनाव, पंचायत चुनाव राजनीति, राजस्थान पॉलिटिक्स, सीकर में पंचायत चुनाव, sikar news, rajasthan news, rajasthan politics
PhD डिग्रीधारी बने जिला प्रमुख

यह भी पढ़ें: सीकरः BJP ने कांग्रेस पर लगाया सत्ता दुरुपयोग का आरोप..जानें मामला

चौथी बार महिला बनेगी जिला प्रमुख

सीकर में साल 1959 से 2005 तक किसी भी महिला को जिला प्रमुख बनने का मौका नहीं मिला था. लेकिन उसके बाद ऐसा संयोग बना की लगातार महिला जिला प्रमुख बन रही हैं. वहीं इस बार भी महिला जिला प्रमुख बनेंगी. यानि कि 20 साल तक इस कुर्सी पर लगातार महिला का कब्जा रहेगा. साल 2015 के चुनाव में हालांकि सीट महिला के लिए आरक्षित नहीं थी. लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी. अनुसूचित जाति वर्ग से कोई भी पुरुष सदस्य जिला परिषद का चुनाव जीतकर नहीं आया, इस वजह से अपर्णा रोलन को जिला प्रमुख बनाना पड़ा. इस चुनाव में यह सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में यह साफ है कि अगले 5 साल तक सीकर में महिला जिला प्रमुख ही रहेंगी.

सीकर. पंचायत चुनाव राजनीति की धुरी माना जाता है और जब यह चुनाव जिला परिषद और जिला प्रमुख के पद का हो तो फिर बहुत बड़ा चुनाव हो जाता है. जिला प्रमुख को जिले का प्रथम नागरिक भी माना जाता है. सीकर में सबसे पहले साल 1959 में रामदेव सिंह महरिया जिला प्रमुख बने. उसके बाद से लगातार अब तक महरिया परिवार की राजनीति का दबदबा रहा है.

चौथी बार महिला बनेगी जिला प्रमुख

बता दें कि रामदेव सिंह महरिया खुद प्रदेश में मंत्री रहे. उसके बाद उनके परिवार से सुभाष महरिया केंद्र में मंत्री रहे और नंदकिशोर महरिया विधायक रहे. साल 1962 में चौधरी नारायण सिंह सीकर के जिला प्रमुख बने और लगातार 15 साल तक जिला प्रमुख के पद पर रहे. इसके बाद चौधरी नारायण सिंह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने और साथ ही साथ मंत्री भी रहे. अभी भी उनके पुत्र सीकर के दातारामगढ़ से विधायक हैं. इसके अलावा नारायण सिंह की पुत्रवधू डॉक्टर रीटा सिंह भी सीकर के जिला प्रमुख रहीं. सीकर के जिला प्रमुख रहने वाले सांवरमल मोर, जो साल 1988 में जिला प्रमुख बने थे, वे भी पहले विधायक रहे हैं. वहीं साल 2005 में जिले की पहली महिला जिला प्रमुख बनने वाली मल्ली देवी गुर्जर अनपढ़ थी. उसके बाद साल 2010 में जिला प्रमुख बनने वाली रीटा सिंह पीएचडी डिग्री धारी थी.

सीकर की राजनीति, जिला परिषद का चुनाव, पंचायत चुनाव राजनीति, राजस्थान पॉलिटिक्स, सीकर में पंचायत चुनाव, sikar news, rajasthan news, rajasthan politics
कई बार महिलाओं का रहा दबदबा

यह भी पढ़ें: सीकर: जिला परिषद में 121 और पंचायत समितियों में 1029 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला

जब कहा मैं जिला परिषद बन गई?

सीकर के जिला परिषद में एक रोचक किस्सा हमेशा लोग बताते हैं. साल 2005 में जिला प्रमुख बनने वाली मल्ली देवी गुर्जर बिल्कुल अनपढ़ थी और जिला प्रमुख बनने के बाद जब मीडिया ने उनसे पूछा कि आप क्या बन गई हैं तो उनका जवाब था कि मैं जिला परिषद बन गई. भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीतने वाली माली देवी उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम भी नहीं बता पाई थी.

सीकर की राजनीति, जिला परिषद का चुनाव, पंचायत चुनाव राजनीति, राजस्थान पॉलिटिक्स, सीकर में पंचायत चुनाव, sikar news, rajasthan news, rajasthan politics
PhD डिग्रीधारी बने जिला प्रमुख

यह भी पढ़ें: सीकरः BJP ने कांग्रेस पर लगाया सत्ता दुरुपयोग का आरोप..जानें मामला

चौथी बार महिला बनेगी जिला प्रमुख

सीकर में साल 1959 से 2005 तक किसी भी महिला को जिला प्रमुख बनने का मौका नहीं मिला था. लेकिन उसके बाद ऐसा संयोग बना की लगातार महिला जिला प्रमुख बन रही हैं. वहीं इस बार भी महिला जिला प्रमुख बनेंगी. यानि कि 20 साल तक इस कुर्सी पर लगातार महिला का कब्जा रहेगा. साल 2015 के चुनाव में हालांकि सीट महिला के लिए आरक्षित नहीं थी. लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी. अनुसूचित जाति वर्ग से कोई भी पुरुष सदस्य जिला परिषद का चुनाव जीतकर नहीं आया, इस वजह से अपर्णा रोलन को जिला प्रमुख बनाना पड़ा. इस चुनाव में यह सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में यह साफ है कि अगले 5 साल तक सीकर में महिला जिला प्रमुख ही रहेंगी.

Last Updated : Nov 12, 2020, 7:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.